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अपग्रेड सुखदेवनगर थाना का नहीं है अपना भवन
रांची : रांची जिले के सभी थाने 2015 में अपग्रेड हो गये. उसके बाद प्रखंड स्तर के अधिकतर थानों को अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस कर मल्टी स्टोरेज भवन बनाया गया. लेकिन रातू रोड इलाके का सुखदेवनगर थाना आज भी बदहाल है. इस थाने का अभी तक न तो भवन बना, न ही यहां अत्याधुनिक सुविधाएं […]
रांची : रांची जिले के सभी थाने 2015 में अपग्रेड हो गये. उसके बाद प्रखंड स्तर के अधिकतर थानों को अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस कर मल्टी स्टोरेज भवन बनाया गया. लेकिन रातू रोड इलाके का सुखदेवनगर थाना आज भी बदहाल है. इस थाने का अभी तक न तो भवन बना, न ही यहां अत्याधुनिक सुविधाएं मिलीं. ऐसा नहीं है कि थाना के पास जमीन नहीं है़ एक एकड़ से अधिक जमीन इस थाना के पास है़ इस थाना को अपग्रेड हुए दो साल हो गये, लेकिन भवन अब भी ओपी वाला ही है़ यह थाना दो छोटे कमरे में चल रहा है. एक कमरे में थाना प्रभारी बैठते हैं, जबकि दूसरे में कार्यालय है.
झोपड़ी से भी बदतर है बैरक : बात यहीं खत्म नहीं हो जाती है. थाना के बाहर बैरक बना हुआ है, जो झोपड़ीनुमा दो कमरे में चल रहा है़ यहां पांच पुलिसकर्मी रहते हैं. जाड़े का मौसम हो या गर्मी का, साल के 12 महीने इन्हें समस्याओं से दो-चार होना ही पड़ता है. इसके इतर थाना में एक ही शौचालय है, जिसकी टंकी भरी हुई है. मल नाली में बहता है़ नाली के पास ही नल लगा हुआ, जहां बदबू के बीच पुलिसकर्मी स्नान करते है़ं
आराम करने तक की नहीं है जगह
सुखदेवनगर थाना में पुलिसकर्मियों के लिए आराम करने की भी जगह नहीं है़ यहां चार शिफ्ट में पुलिसकर्मी गश्ती करते है़ं सुबह पांच से 10, दिन के 10 से शाम पांच तक, शाम पांच बजे से रात 10 बजे व रात 10 से सुबह पांच बजे तक. गश्ती से लौटने के बाद उनके लिए आराम करने की कोई व्यवस्था नहीं है. नतीजतन, जहां-तहां बैठ कर समय बिताते हैं.
पहले 45 थे, अब तैनात हैं सिर्फ 19 पुलिसकर्मी
जानकारी के मुताबिक जब थाना अपग्रेड हुआ था, तो यहां 45 पुलिसकर्मी थे़ वर्तमान में यहां थाना प्रभारी (इंस्पेक्टर) के अलावा चार सिपाही, तीन हवलदार, पांच एएसआइ व छह दारोगा
(कुल 19) तैनात हैं.
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