Advertisement
रांची़ : बाहरी शिक्षकों को पता नहीं कि मुख्यमंत्री कौन हैं : हेमंत सोरेन
रांची़ : विधानसभा शीतकालीन सत्र के अंतिम दिन गुरुवार को सदन के बाहर विपक्षी दलों ने पारा शिक्षकों की मांगों के समर्थन में प्रदर्शन किया.साथ ही सरकार विरोधी नारे लगाये. विपक्षी दल के विधायकों ने पारा शिक्षकों को नियमित करने, बाहरी शिक्षकों की बहाली रद्द करने, स्कूल विलय की नीति वापस लेने को लेकर नारा […]
रांची़ : विधानसभा शीतकालीन सत्र के अंतिम दिन गुरुवार को सदन के बाहर विपक्षी दलों ने पारा शिक्षकों की मांगों के समर्थन में प्रदर्शन किया.साथ ही सरकार विरोधी नारे लगाये. विपक्षी दल के विधायकों ने पारा शिक्षकों को नियमित करने, बाहरी शिक्षकों की बहाली रद्द करने, स्कूल विलय की नीति वापस लेने को लेकर नारा लगाया. नेता प्रतिपक्ष हेमंत सोरेन ने कहा कि झारखंड में हरियाणा, पंजाब, उत्तर प्रदेश व छत्तीसगढ़ के लोगों की बहाली की जा रही है.
जबकि दूसरे राज्यों में यहां के लोगों की बहाली नहीं की जाती है. प्लस टू शिक्षकों की बहाली में 80 प्रतिशत बाहरी हैं. उन्हें यह भी पता नहीं है कि झारखंड का मुख्यमंत्री कौन है? क्या ऐसे शिक्षकों से राज्य का भला होगा? सरकार ने चार साल के कार्यकाल में पारा शिक्षकों के साथ सौतेला व्यवहार किया. एक माह से पारा शिक्षक हड़ताल पर हैं.
इस अवधि में एक दर्जन से अधिक पारा शिक्षकों की मौत हो चुकी है और सरकार मूकदर्शक बन कर तमाशा देख रही है, यह दुर्भाग्यपूर्ण है. सरकार को अविलंब पारा शिक्षकों के मामले में हस्तक्षेप करते हुए इनकी मांगों पर कार्रवाई करनी चाहिए. प्रदर्शन करनेवालों में झामुमो, कांग्रेस, झाविमो के साथ-साथ निर्दलीय विधायक भी शामिल थे.
किसान के वेश में पहुंचे कुणाल ने कहा, सरकार ने किसानों को बिचौलिये के हवाले किया
झामुमो विधायक कुणाल षाड़ंगी सदन में किसान के वेश में पहुंचे. उन्होंने धोती, कुर्ता पहन कर व हल लेकर सदन के सामने प्रदर्शन किया. श्री षाड़ंगी ने कहा कि सरकार ने किसानों को बिचौलिये के हवाले कर दिया है.
किसानों की स्थिति दिनोंदिन बदतर हो रही है. किसान आत्महत्या करने पर मजबूर हैं. किसानों के धान की खरीद नहीं हो रही है. मजबूर होकर किसान बिचौलिये के हाथों 1000 रुपये प्रति क्विंटल की दर से धान बेचने को मजबूर हैं. उन्होंने कहा कि ऐसे में किसानों को धान बेचने के लिए विदेश जाना होगा.
Advertisement