रांची : गरीबों का हक मार रहे 57 हजार राशन कार्ड सरेंडर, योग्य परिवारों को मिल रहा कार्ड
संजय रांची में सबसे अधिक 17 हजार कार्ड सरेंडर और रद्द रांची : जनवरी से दिसंबर 2018 तक राज्य भर में 57028 राशन कार्ड सरेंडर किये गये हैं. ऐसा खाद्य आपूर्ति विभाग की सख्ती तथा अयोग्य लोगों को राशन, केरोसिन, चीनी व नमक पर अपना हक छोड़ने की अपील के बाद हुआ है. सबसे ज्यादा […]
संजय
रांची में सबसे अधिक 17 हजार कार्ड सरेंडर और रद्द
रांची : जनवरी से दिसंबर 2018 तक राज्य भर में 57028 राशन कार्ड सरेंडर किये गये हैं. ऐसा खाद्य आपूर्ति विभाग की सख्ती तथा अयोग्य लोगों को राशन, केरोसिन, चीनी व नमक पर अपना हक छोड़ने की अपील के बाद हुआ है. सबसे ज्यादा राशन कार्ड रांची जिले में सरेंडर व रद्द हुए हैं. इनकी संख्या 17 हजार है. वहीं सबसे कम सरेंडर या रद्द राशन कार्ड (सिर्फ 195) चतरा जिले के हैं.
दरअसल, राज्य भर में खाते-पीते वैसे लोगों ने भी राशन कार्ड बनवा लिये, जो खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत तय अर्हता नहीं रखते हैं. सरेंडर या रद्द किये गये राशन कार्ड के बदले योग्य परिवारों को राशन कार्ड आवंटित किये जा रहे हैं. इधर रांची में फर्जी राशन कार्ड तथा एक ही आधार से कई राशन कार्ड जारी होने का मामला लगातार उजागर हो रहा है. गरीबों का हक खाते-पीते लोग मार दे रहे हैं.
ऐसे लोगों को कानूनी नोटिस दिया जा रहा है तथा उनसे जुर्माना वसूलने का भी आदेश जारी हुआ है. अकेले रांची जिले में अब तक 17 हजार राशन कार्ड सरेंडर व रद्द हुए हैं. इनमें 70 हजार से अधिक लाभुकों के नाम दर्ज थे. इससे पहले करीब 25 हजार लोगों को कानूनी नोटिस देकर उनसे कार्ड सरेंडर करने की अपील की गयी थी. जिन लोगों के राशन कार्ड रद्द किये गये, उनमें से कुल 403 लोगों पर गलत तरीके से अनाज व तेल लेने के मामले में जुर्माना लगाया गया है. वहीं अंत्योदय योजना (पीला राशन कार्ड) के 40 फर्जी लाभुकों से प्रति लाभुक 35600 रुपये वसूली के अादेश दिये गये हैं.
किसके लिए गुलाबी व पीला (अंत्योदय) कार्ड
पहले बीपीएल परिवारों को लाल राशन कार्ड जारी होता था. खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत प्रावधान बदलने के बाद बीपीएल श्रेणी के बदले प्राथमिकता सूची (प्रायोरिटी होल्डर) की श्रेणी बनी. विभिन्न शर्तें पूरी करनेवाले इन परिवारों को गुलाबी राशन कार्ड दिया जाता है. पर अंत्योदय या पीला राशन कार्ड उन्हें मिलता है, जो अत्यंत गरीब या असहाय हैं. सरकार ने सिर्फ दिव्यांग, कुष्ठ रोगी, एड्स प्रभावित, वृद्ध, विधवा (60 वर्ष व अधिक), भिखारी, झोपड़पट्टी (स्लम) में रहनेवाले, अादिम जनजाति तथा गरीब व असहाय अनुसूचित जनजाति के सदस्यों को ही अंत्योदय कार्ड के योग्य माना है.
कहां कितना कार्ड सरेंडर
जिला नाम
रांची 17706
बोकारो 5490
चतरा 195
देवघर 203
धनबाद 9780
दुमका 1469
पू.सिंहभूम 2248
गढ़वा 633
गिरिडीह 1597
गोड्डा 1194
गुमला 988
हजारीबाग 1539
जामताड़ा 574
कोडरमा 259
लातेहार 526
लोहरदगा 699
पाकुड़ 2930
पलामू 2210
साहेबगंज 919
सरायकेला 1148
सिमडेगा 1378
प.सिंहभूम 1766
खूंटी 1334
रामगढ़ 243
कुल 57028
केस स्टडी : वाहन मालिक व सरकारी नौकरीवाले के पास अंत्योदय कार्ड
कांके के हठेकोनकी गांव के आजाद अंसारी (कार्ड सं- 202003732769) के पास छह पहिया वाहन है. पर वह अंत्योदय का लाभ ले रहा था. अंसारी पर 33900 रुपये का जुर्माना लगाया गया है. इधर रातू सिटी के एक ही परिवार ने पांच अंत्योदय राशन कार्ड बनवा लिये थे. यही नहीं परिवार के एक सदस्य आकाश कुमार के नाम से दो तथा तीन अन्य सदस्यों के नाम से एक-एक राशन कार्ड थे. रातू सिटी निवासी नारायण उरांव ने तो सरकारी नौकरी में रहते हुए अपने परिवार के नाम से अंत्योदय कार्ड बनवा लिया.
ऐसे लोग लाभुक नहीं हो सकते
सरकार ने खाद्य सुरक्षा अधिनियम के लाभुक होने की अर्हता पहले ही तय कर दी है. इसके अनुसार, निम्नलिखित लोग या परिवार इस अधिनियम के तहत सस्ते अनाज के पात्र नहीं हो सकते.
जिस परिवार का कोई सदस्य केंद्र/राज्य सरकार, विवि, निगम या निकाय जैसे सरकारी प्रतिष्ठान में कार्यरत हो
जिस परिवार का कोई सदस्य आय कर, सेवा कर या वाणिज्य कर देता हो
जिस परिवार के पास पांच एकड़ से अधिक भूमि या 10 एकड़ से अधिक जमीन हो
जिस परिवार के किसी भी सदस्य के नाम चार पहिया वाहन हो
जिस परिवार के किसी सदस्य के पास रजिस्टर्ड उद्योग या उद्यम हो
जिस परिवार के पास फ्रिज, एसी या वाशिंग मशीन हो
जिस परिवार के पास तीन या अधिक कमरों वाला पक्का मकान हो
जिस परिवार के पास मशीन चालित कोई चार पहिया कृषि उपकरण (ट्रैक्टर या अन्य) हो
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