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रांची : नेशनल गेम्स घोटाले में बंधु तिर्की से एसीबी ने की पूछताछ

रांची : नेशनल गेम्स में करोड़ों रुपये के हुए घोटाले में बुधवार को एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) के अधिकारियों ने पूर्व मंत्री बंधु तिर्की से पूछताछ की. एसीबी ने बंधु तिर्की से यह जानना चाहा कि नेशनल गेम्स के दौरान जो खरीदारी और निविदा हुई थी, उसमें उनकी क्या भूमिका रही थी. अगर खरीदारी और […]

रांची : नेशनल गेम्स में करोड़ों रुपये के हुए घोटाले में बुधवार को एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) के अधिकारियों ने पूर्व मंत्री बंधु तिर्की से पूछताछ की. एसीबी ने बंधु तिर्की से यह जानना चाहा कि नेशनल गेम्स के दौरान जो खरीदारी और निविदा हुई थी, उसमें उनकी क्या भूमिका रही थी.
अगर खरीदारी और निविदा में गड़बड़ी हुई थी, तब इसमें आपकी क्या भूमिका थी.
इस सवाल के जवाब में बंधु तिर्की ने बताया कि निविदा और क्रय के लिए समिति का गठन किया गया था. सरकार की जो अनुशंसा थी, उसी के आधार पर खरीदारी हुई थी. इसके साथ ही मामले में किसी प्रकार की संलिप्तता से इनकार करते हुए बंधु ने खुद को निर्दोष बताया है.
हालांकि एसीबी के अधिकारियों ने बंधु से काफी देर तक कई बिंदुओं पर सवाल-जवाब किया. इस दौरान कई अहम जानकारियां भी मिली हैं़ केस के अनुसंधान के दौरान सभी बिंदुओं का सत्यापन किया जायेगा. अगर मामले में किसी अन्य की संलिप्तता से संबंधित ठोस तथ्य और साक्ष्य मिले, तो उसके खिलाफ भी कार्रवाई की जायेगी. मालूम हो कि 24 जनवरी को भी एसीबी के अधिकारियों ने होटवार जेल जाकर मामले में बंधु तिर्की से पूछताछ की थी.
तब उन्होंने एसीबी से पूछताछ के लिए समय मांगा था. लेकिन होटवार जेल से निकलने के बाद वे मामले में अपना पक्ष रखने के लिए उपस्थित नहीं हुए. तब एसीबी से नोटिस भेज कर उन्हें पूछताछ के लिए बुलाया था.
क्या है मामला
उल्लेखनीय है कि नेशनल गेम्स के दौरान धनबाद में दो स्कवैश कोर्ट के निर्माण से संबंधित वित्तीय अनियमितता की बात पूर्व में सामने आ चुकी है. दोनों स्कवैश कोर्ट बनाने का काम मुंबई की जाइरेक्स इंटरप्राइजेज नामक कंपनी को दिया गया था. कंपनी ने स्कवैश कोर्ट निर्माण के लिए 1,44,32,850 रुपये का प्राक्कलन प्रस्तुत किया.
एसएम हाशमी ने चार अक्तूबर 2008 को कला संस्कृति विभाग के सचिव को प्राक्कलित राशि का आवंटन स्कवैश रैकेट फेडरेशन ऑफ इंडिया को देने का अनुरोध किया. उक्त प्रस्ताव पर निदेशक एवं सचिव की अनुशंसा के बाद विभागीय मंत्री के पास अनुमोदन के लिए फाइल भेजी गयी.
संबंधित फाइल पर 20 अक्तूबर 2008 को तत्कालीन खेलमंत्री बंधु तिर्की ने अनुमोदित कर दिया था. जिसके आधार पर बाद में जाइरेक्स इंटरप्राइजेज को स्कवैश कोर्ट निर्माण के लिए 1,44,32,850 रुपये भुगतान का नीतिगत निर्णय लिया गया. 11 दिसंबर 2008 को स्कवैश फेडरेशन ने हाशमी को पत्र लिख कर अनुरोध किया कि राशि सीधे जाइरेक्स कंपनी को उपलब्ध करायी जाये.
उक्त पत्र के बाद तत्कालीन सचिव ने निदेशक को निर्देश दिया था कि एनजीओसी की कार्यकारिणी कमेटी से निर्णय की प्रत्याशा में अविलंब कार्रवाई की जाये और घटनोत्तर स्वीकृति ले ली जाये. इसके बाद कंपनी को अग्रिम 50 लाख रुपये दिये गये. लेकिन बाद में रुपये भुगतान से संबंधित घटनोत्तर स्वीकृति नहीं ली गयी. इस कारण मामले में वित्तीय अनियमितता की बात सामने आयी थी.

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