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रांची/नामकुम : कोरेगांव मामले में स्टेन स्वामी के घर फिर छापा

रांची/नामकुम : मानवाधिकार कार्यकर्ता फादर स्टेन स्वामी के घर बुधवार की सुबह सात बजे महाराष्ट्र पुलिस ने दूसरी बार छापामारी की़ छापामारी स्टेन स्वामी के नामकुम स्थित आवास पर हुई़़ महाराष्ट्र में भीमा कोरेगांव हिंसा के बाद देश भर में पुलिस द्वारा की जा रही छापेमारी के क्रम में बुधवार को महाराष्ट्र पुलिस की टीम […]

रांची/नामकुम : मानवाधिकार कार्यकर्ता फादर स्टेन स्वामी के घर बुधवार की सुबह सात बजे महाराष्ट्र पुलिस ने दूसरी बार छापामारी की़ छापामारी स्टेन स्वामी के नामकुम स्थित आवास पर हुई़़ महाराष्ट्र में भीमा कोरेगांव हिंसा के बाद देश भर में पुलिस द्वारा की जा रही छापेमारी के क्रम में बुधवार को महाराष्ट्र पुलिस की टीम रांची पहुंची थी़ एसीपी शिवाजी पवार के नेतृत्व में आठ सदस्यीय टीम ने नामकुम के बगईचा स्थित स्टेन स्वामी के कार्यालय व आवास पर छापा मारकर कई दस्तावेज जब्त किए.
इससे पहले महाराष्ट्र पुलिस ने रांची के एसएसपी अनीश गुप्ता से संपर्क किया. एसएसपी के आदेश पर नामकुम थाना प्रभारी प्रवीण कुमार के सहयोग से पुलिस टीम बगईचा पहुंची और लगभग ढाई घंटे तक स्टेन स्वामी से पूछताछ की़.
छापामारी के बाद पुलिस ने स्टेन स्वामी के फेसबुक और ईमेल को ब्लॉक कर दिया. पुलिस ने एक लैपटॉप, हार्ड डिस्क, सूटकेस समेत कई दस्तावेज जब्त किए हैं, जिन्हें छापामारी टीम ने संदिग्ध कहा है.
अगस्त, 2018 में भी हुई थी छापामारी : ज्ञात हो कि इससे पूर्व भी पिछले वर्ष अगस्त में महाराष्ट्र पुलिस ने फादर स्टेन स्वामी से पूछताछ की थी और उनके ठिकानों से कई दस्तावेज भी जब्त किये थे. महाराष्ट्र पुलिस को गुप्त सूचना मिली थी कि फादर स्टेन के आवास पर कई दिनों से संदिग्ध लोगों की बैठक हो रही है. इसी सूचना पर बुधवार को महाराष्ट्र एटीएस की टीम ने छापेमारी की. टीम ने छापेमारी को लेकर कुछ भी बताने से इनकार किया़
क्या हुआ था कोरेगांव में : पूरा मामला पुणे महाराष्ट्र के भीमा कोरेगांव के आंदोलन में कई गाड़ियों और सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के मामले में स्टेन स्वामी पर मुकदमा दर्ज है. यह हिंसा भीमा कोरेगांव में एक जनवरी 2018 को हुई थी. महाराष्ट्र पुलिस का आरोप है कि 31 दिसबंर 2017 को पुणे मेें यलगार परिषद द्वारा आयोजित कार्यक्रम में उत्तेजित भाषण ने हिंसा के बीज बोये थे. कार्यक्रम के दूसरे दिन यहां बड़े स्तर पर हिंसा हुई थी़ दो गुटों के बीच झड़प के बाद भीमा नदी के किनारे स्थित स्मारक के पास पत्थरबाजी और आगजनी की गयी थी.
स्थिति काे नियंत्रित करने के लिए पुलिस को आंसू गैस और लाठी चार्ज करना पड़ा था. तब पुणे के विश्रामपुर थाना में यलगार परिषद के खिलाफ केस दर्ज किया गया थी़ आरोप है कि हिंसा के दौरान राहुल फंतागले नामक युवक की मौत हो गयी थी और करीब 80 वाहनों में तोड़फोड़ की गयी थी. सीसीटीवी फुटेज की जांच के बाद पूछताछ के लिए कुछ लोगाें को हिरासत में लिया गया था़
सही कानूनी जांच के लिए हमेशा तैयार हूं ः स्टेन स्वामी
छापामारी के बाद फादर स्टेन स्वामी ने कहा कि लगभग दस महीने बाद दूसरी बार पुणे पुलिस ने उनके घर पर दबिश दी है़ न्यायालय में भी कोई ठोस सबूत प्रस्तुत नहीं किया गया. पिछली बार जो चीजें जब्त की गयीं, वह भी अब तक नहीं मिली है़ं
वह लोग क्या पता लगाना चाहते हैं, यह स्पष्ट नहीं है, पर वह सही और कानूनी जांच के लिए हमेशा तैयार हैं. उन्हें सच्चाई जानने का पूरा अधिकार है व न्यायिक प्रक्रिया में भरोसा है़ वह 83 वर्ष के हैं और 40 सालों से झारखंड के गरीबों और आदिवासियों के कल्याण में लगे हुए हैं.

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