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रांची : माओवादी संगठन का शीर्ष पद गणपति ने छोड़ा, नंबल्ला केशव राव को मिली कमान

प्रणव रांची : प्रतिबंधित संगठन भाकपा माओवादी के शीर्ष नेता गणपति उर्फ लक्ष्मण राव ने महासचिव (सुप्रीमो) पद छोड़ दिया है. उनकी जगह नंबल्ला केशव राव (63) ने ले ली है. वर्ष 2017 में पार्टी के सेंट्रल कमेटी की बैठक में पारित प्रस्ताव के मद्देनजर इस बात की संभावना पहले से जतायी जा रही थी. […]

प्रणव
रांची : प्रतिबंधित संगठन भाकपा माओवादी के शीर्ष नेता गणपति उर्फ लक्ष्मण राव ने महासचिव (सुप्रीमो) पद छोड़ दिया है. उनकी जगह नंबल्ला केशव राव (63) ने ले ली है. वर्ष 2017 में पार्टी के सेंट्रल कमेटी की बैठक में पारित प्रस्ताव के मद्देनजर इस बात की संभावना पहले से जतायी जा रही थी.
उक्त बैठक में प्रस्ताव पारित हुआ था कि अपनी उम्र को देखते हुए वे जिम्मेदारियां दूसरे को सौंपे. केशव राव अभी सेंट्रल मिलिट्री कमीशन की कमान संभाल रहे थे. वह विस्फोटकाें के इस्तेमाल व लड़ाई की बेहतर तकनीक के इस्तेमाल के लिए जाने जाते रहे हैं.
उन्होंने वारंगल के रीजनल इंजीनियरिंग कॉलेज से डिग्री हासिल की थी.फिलहाल यह संस्थान एनआइटी के रूप में जाना जाता है. श्रीकाकुलम में छात्र संगठनों के बीच झड़प के बाद उन्हें गिरफ्तार किया गया था. इसके बाद से लगातार वे पुलिस को चकमा दे रहे हैं. वे पिछले 28 साल से भूमिगत हैं.
सेंट्रल कमेटी में पारित प्रस्ताव के तहत गणपति (71 वर्ष) ने पद छोड़ दिया है. उनकी जगह 63 वर्षीय नंबल्ला केशव राव उर्फ एके बसवा राज ने संगठन का शीर्ष पद संभाल लिया है. गणपति और राव तेलंगाना से संबंधित हैं.
गणपति मूल रूप से तेलंगाना के जागीतयाल जिले के वीरपुर गांव से आते हैं. जबकि केशव राव श्रीकाकुलम जिला के जियानीपेट गांव से संबंधित हैं. हाल ही में एके-47 के साथ छत्तीसगढ़ में सरेंडर करनेवाले एक बड़े नक्सली ने इसका खुलासा किया है.
इसकी जानकारी झारखंड पुलिस को भी मिली है. संगठन ने उम्मीद जतायी है कि इस बदलाव के बाद युवा पार्टी की तरफ आकर्षित होंगे और रणनीति में बड़े पैमाने पर बदलाव होगा. संगठन ने यह भी निर्णय लिया है कि गणपति और दूसरे बुजुर्ग नेता की सुरक्षा के लिए जंगलों में बेहतर व्यवस्था की जायेगी. जंगल में व्यवस्था नहीं होने पर उन्हें किसी शहर में सुरक्षित स्थान पर रखा जायेगा.
इस बदलाव के बाद संगठन की लड़ने की नीति में तब्दीली हुई है. 23 सितंबर 2018 को तेलुगदेशम पार्टी के विधायक के सर्वेश्वर राव और आंध्र प्रदेश के पूर्व विधायक एस सोमा की हत्या की घटना में संगठन की आक्रमकता को इस बदलाव के परिणाम के तौर पर देखा जा रहा है. इससे पहले वर्ष 2005 में इस तरह के हमले महबूब नगर में किये गये थे. जिसमें कांग्रेस विधायक सीएम रेड्डी सहित आठ अन्य लोग मारे गये थे.
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पांच जिलों के एसपी और रेंज डीआइजी को एडीजी ने दिया निर्देश
रांची : नंबल्ला केशव राव के प्रतिबंधित संगठन भाकपा माओवादी बनने के बाद हाल के दिनों में झारखंड के कुछ जिलों में माओवादियों की गतिविधियां बढ़ी है. विकास कार्यों में लगे वाहनों को जलाया गया है. इसके अलावा सुस्त पड़े माओवादी संगठन की गतिविधि में बढ़ोतरी हुई है. केशव राव के आक्रमकता को देखते हुए झारखंड पुलिस के कान भी खड़े हो गये हैं.
इसको लेकर गुरुवार को एडीजी अभियान आरके मल्लिक ने शाम चार बजे पुलिस मुख्यालय में वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये पांच जिलों लोहरदगा, गुमला, लातेहार, चतरा और हजारीबाग जिलों के एसपी के साथ ही रांची और हजारीबाग रेंज के डीआइजी के साथ नक्सल गतिविधियों को लेकर बात की. साथ ही जरूरी एहतियाती कदम उठाने का निर्देश दिया. हालांकि इस संबंध में झारखंड पुलिस के अफसर बात करने से बचते दिखे.

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