36.9 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Trending Tags:

Advertisement

रांची : चार माह से फाइल घूम रही, नहीं मिल रहा 4000 एसएचजी को लाभ

मनोज सिंह रांची : राज्य के 4000 महिला कृषक समूह चार माह से कृषि उपकरण बैंक की राह देख रहे हैं. कृषि विभाग के अटपटे फैसले के कारण उन्हें लाभ नहीं मिल रहा है. दरअसल, यह परिस्थिति पैदा हुई है एक ही बजट पर दो योजनाओं के प्रस्ताव के अनुमोदन के कारण. भूमि संरक्षण विभाग […]

मनोज सिंह
रांची : राज्य के 4000 महिला कृषक समूह चार माह से कृषि उपकरण बैंक की राह देख रहे हैं. कृषि विभाग के अटपटे फैसले के कारण उन्हें लाभ नहीं मिल रहा है.
दरअसल, यह परिस्थिति पैदा हुई है एक ही बजट पर दो योजनाओं के प्रस्ताव के अनुमोदन के कारण. भूमि संरक्षण विभाग ने राज्य के 24 जिलों में महिला स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) को कृषि उपकरण बैंक (कई प्रकार के कृषि उपकरण) के लिए सहायता देने के लिए योजना तैयार की. झारखंड विधानसभा ने योजना काे 65 करोड़ रुपए की बजट स्वीकृति दे दी.
जब इस योजना को शुरू करने के लिए राज्यादेश निर्माण की प्रक्रिया शुरू हुई, तो संचिका में दूसरी योजना का प्रस्ताव आ गया. इसे झारखंड एग्रीकल्चरल मशीनरी टेस्टिंग एंड ट्रेनिंग सेंटर (जेएएमटीटीसी) ने तैयार की है. इसमें 12 जिलों में पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर कृषक, स्वयं सहायता समूह और अन्य को कृषि उपकरण बैंक के लिए सहायता देने का प्रस्ताव है. दोनों योजनाओं को विभाग के वरीय अधिकारियों और मंत्री ने मंजूरी दे दी.
अब उलझन इस बात की है कि राज्यादेश किस योजना का निकाला जाये. राज्य में महिला स्वयं सहायता समूहों को अनुदान पर कृषि उपकरण बैंक देने का प्रस्ताव मार्च में तैयार किया गया था.
30 अप्रैल को विभाग के संयुक्त सचिव सुनील कुमार सिन्हा ने संचिका पर 24 जिलों में चलायी जानेवाली योजना पर विभागीय मंत्री और सचिव के अनुमोदन के लिए प्रस्ताव भेजा. दो मई को विभागीय सचिव ने मंत्री के पास संचिका भेज दी. 29 मई को विभागीय मंत्री रणधीर सिंह ने विमर्श करने की बात कही. विमर्श के बाद तय हुआ कि महिला कृषक समूहों को इस बार मिनी ट्रैक्टर दिया जायेगा. विभागीय सचिव ने 31 मई को संयुक्त सचिव को विमर्श के बाद का संलेख तैयार करने का निर्देश दिया.
समान संचिका पर जेएएमटीटीसी की योजना का प्रस्ताव
जून में इसी संचिका में विभाग के संयुक्त सचिव सुनील कुमार सिन्हा ने विभागीय सचिव को जेएएमटीटीसी की योजना को स्वीकृत करने का प्रस्ताव दे दिया.
इसमें 65 करोड़ में 12 जिलों में पायलट प्रोजेक्ट चलाने की बात कही गयी. 11 जून को विभाग की सचिव ने संचिका विभागीय मंत्री के पास भेज दी. 24 जून को इसे भी मंत्री ने स्वीकृति दे दी. एक ही संचिका में दो योजनाओं के अनुमोदन के चलते अबतक राज्यादेश नहीं निकल पाया है.
कृषि विभाग
एक ही बजट पर दो योजनाएं स्वीकृत, राज्यादेश अटका
पहली योजना
24 जिलों के महिला स्वयं सहायता समूहों को कृषि उपकरण बैंक के लिए सहायता देने की, झारखंड विधानसभा ने योजना काे 65 करोड़ रुपए की बजट स्वीकृति दे दी
दूसरी योजना
12 जिलों में पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर कृषक, स्वयं सहायता समूह और अन्य को कृषि उपकरण बैंक के लिए सहायता देने का प्रस्ताव
भूमि संरक्षण विभाग व जेएएमटीटीसी का अलग-अलग प्रस्ताव बना विवाद की वजह भूमि संरक्षण विभाग के अंतर्गत झारखंड एग्रीकल्चरल मशीनरी टेस्टिंग एंड ट्रेनिंग सेंटर (जेएएमटीटीसी) काम करता है. इसका काम झारखंड में आने वाले नये कृषि उपकरणों की जांच और कृषकों को प्रशिक्षण देने का है.
अब तक जेएएमटीटीसी ने कभी भी कृषि उपकरण वितरण से संबंधित कोई काम नहीं किया है. जेएएमटीटीसी का राज्य के किसी जिले में कोई मैनपावर नहीं है. ऐसे में भूमि संरक्षण विभाग की योजना, जिसे 24 जिलों चलायी जानी थी. झारखंड विधानसभा से बजट स्वीकृति भी मिल चुकी है. अचानक से उसमें फेरबदल करते हुए जेएएमटीटीसी की योजना को संचिका में जोड़ना विभाग की मंशा पर सवाल उठाता है.
योजना का स्वरूप बदलने पर कैबिनेट की मंजूरी जरूरी
योजना का स्वरूप बदलने पर कैबिनेट का अनुमोदन लेने का प्रावधान है. पूर्व में योजना 24 जिलों में चल रही थी. अब जेएएमटीटीसी योजना 12 जिलों में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में चलाने का प्रस्ताव है.
ऐसी स्थिति में यह योजना राज्य प्राधिकृत समिति में जायेगी. राज्य के एक विधायक ने योजना को 12 जिलों में चलाये जाने के प्रस्ताव का विरोध किया है. विधायक ने मुख्यमंत्री को इसकी जानकारी दी है. आग्रह किया है कि योजना ऐसी हो, जिससे राज्य के अधिक से अधिक महिला स्वयं सहायता समूहों को लाभ हो.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें