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रांची : डॉ दिलीप व शांति को दी गयी जबरन सेवानिवृत्ति

रांची : झारखंड लोक सेवा आयोग में हुए नियुक्ति घोटाला के आरोपी पूर्व अध्यक्ष डॉ दिलीप प्रसाद और सदस्य शांति देवी को रांची विश्वविद्यालय जबरन सेवानिवृत्त (सीआरएस) देगा. इस आशय का निर्णय मंगलवार को विवि की सिंडिकेट की हुई बैठक में लिया गया. सिंडिकेट की बैठक कुलपति डॉ रमेश कुमार पांडेय की अध्यक्षता में हुई. […]

रांची : झारखंड लोक सेवा आयोग में हुए नियुक्ति घोटाला के आरोपी पूर्व अध्यक्ष डॉ दिलीप प्रसाद और सदस्य शांति देवी को रांची विश्वविद्यालय जबरन सेवानिवृत्त (सीआरएस) देगा. इस आशय का निर्णय मंगलवार को विवि की सिंडिकेट की हुई बैठक में लिया गया. सिंडिकेट की बैठक कुलपति डॉ रमेश कुमार पांडेय की अध्यक्षता में हुई. बैठक में अन्य एजेंडा के तहत यह मामला रखा गया.
डॉ दिलीप प्रसाद व शांति देवी ने पूर्व में विश्वविद्यालय में वीआरएस के आवेदन दिया था. 29 जून को हुई रांची विश्वविद्यालय सिंडिकेट की बैठक में वीआरएस के आवेदन पर विचार किया गया था. सिंडिकेट ने दोनों के वीआरएस के आवेदन को स्वीकृत प्रदान कर दी थी.
सिंडिकेट से स्वीकृति के बाद वीआरएस से संबंधित आवेदन राजभवन को भेजा गया था. राजभवन ने यह कहते हुए आवेदन लौटा दिया था कि विवि इस मामले में अपने स्तर से निर्णय लेने में सक्षम है. विवि अपने स्तर से वीआरएस के मामले में निर्णय लें.
इसके बाद पूर्व अध्यक्ष व सदस्य के आवेदन पर सोमवार को हुई बैठक में विचार किया गया. बैठक में दोनों को जबरन सेवानिवृत्ति का निर्णय लिया गया. डॉ दिलीप प्रसाद वर्तमान में डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी विश्वविद्यालय व डॉ शांति देवी रामलखन सिंह यादव कॉलेज में पदस्थापित हैं. उल्लेखनीय है कि पूर्व के रांची कॉलेज को डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी विश्वविद्यालय में अपग्रेड किया है. रांची कॉलेज पहले रांची विश्वविद्यालय का अंगीभूत कॉलेज था. डॉ दिलीप प्रसाद जंतु विज्ञान व डॉ शांति देवी हिंदी विषय की शिक्षक हैं.
दोनों को मिलेगा पेंशन का लाभ
डॉ दिलीप प्रसाद व डॉ शांति देवी को जबरन सेवानिवृत्ति के बाद अब शेष सेवा का कोई वित्तीय लाभ नहीं मिलेगा. दोनों को पेंशन और अब तक की सेवा के अनुरूप सेवानिवृत्ति का अन्य वित्तीय लाभ मिलेगा.
सीबीआइ कर रहा है नियुक्ति घोटाला की जांच
रांची : झारखंड लोकसेवा आयोग में हुई कई नियुक्तियों में व्यापक पैमाने पर गड़बड़ी हुई थी. नियुक्ति में हुई गड़बड़ी की जांच फिलहाल जारी है. नियुक्ति में गड़बड़ी की जांच सीबीआइ कर रहा है. राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों की नियुक्ति, विवि में व्याख्याता नियुक्ति, झारखंड पात्रता परीक्षा में गड़बड़ी का मामला पकड़ में आया था. झारखंड लोक सेवा आयोग ने प्रथम सिविल सेवा परीक्षा में 64 व द्वितीय में 172 अधिकारियों कीनियुक्ति की अनुशंसा की गयी थी. नियुक्ति में कई राजनेता व अधिकारियों के रिश्तेदारों की नियुक्ति हुई थी.
राजभवन को भेजी जायेगी रिपोर्ट
रांची : जेपीएससी के पूर्व अध्यक्ष डॉ दिलीप प्रसाद व सदस्य शांति देवी के मामले में विश्वविद्यालय द्वारा की गयी कार्रवाई के मामले की जानकारी राजभवन को दी जायेगी. इस मामले में रांची विश्वविद्यालय द्वारा रिपोर्ट राजभवन को भेजी जायेगी.

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