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रांची : पिता, मां व भाई के हत्यारे को फांसी की सजा

एजेसी की अदालत ने सुनाया फैसला रांची : अपने पिता, सौतेली मां अौर सौतेले भाई की टांगी से मारकर हत्या करने के दोषी नितेश कुमार साहू उर्फ फिट्टे (23) को एजेसी राजीव आनंद की अदालत ने शुक्रवार को फांसी की सजा सुनायी है. उस पर पांच हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया. फैसला सुनाते हुए […]

एजेसी की अदालत ने सुनाया फैसला
रांची : अपने पिता, सौतेली मां अौर सौतेले भाई की टांगी से मारकर हत्या करने के दोषी नितेश कुमार साहू उर्फ फिट्टे (23) को एजेसी राजीव आनंद की अदालत ने शुक्रवार को फांसी की सजा सुनायी है. उस पर पांच हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया. फैसला सुनाते हुए जज ने कहा, नितेश ने की हैवानियत तब पार हो गयी, जब उसने पिता और मां की हत्या करने के बाद पांच साल के छोटे बच्चे को भी मार डाला. यह रेयरेस्ट ऑफ रेयर मामला है. फैसले सुनने के बाद भी नितेेश का चेहरा भावहीन दिख रहा था.
नौ साल की बहन एकमात्र चश्मदीद गवाह : घटना 12 जुलाई 2014 की रात की है. रातू के काटू लेहना गांव में खाने के बाद शिवनंदन साहू, उनकी पत्नी कुंती देवी, पुत्र रघु साहू अौर नौ वर्षीय बहन सो रहे थे. रात में नितेश साहू टांगी लेकर आया.
पिता के गले और शरीर पर कई जगह प्रहार किये. इसके बाद उसने सौतेली मां कुंती देवी को टांगी से काट डाला. फिर पांच वर्षीय छोटे भाई रघु साहू को गला पकड़कर बाहर ले गया अौर उस पर भी टांगी से प्रहार किया. तीनों की हत्या के बाद नितेश नौ वर्षीय बहन को मारने बढ़ा. बहन ने जान बख्श देने की गुहार लगायी. नितेश ने अपनी बहन को छोड़ दिया.
बाद में वह रिक्शा लेकर आया और लाश को ठिकाने लगाने के लिए ले जाने लगा. इस बीच पड़ोस की महिला ने उसे देख लिया. उसके पति ने इसकी सूचना पुलिस को दी. 13 जुलाई 2014 को रातू थाने में प्राथमिकी दर्ज की गयी. 14 जुलाई को पुलिस ने नितेश को गिरफ्तार कर लिया. नौ साल की बच्ची ने मामले में गवाही दी थी.
बच्ची को सुरक्षा और मुआवजा के लिए निर्देश
कोर्ट ने केस की गवाह और दोषी नितेश की बहन को सुरक्षा देने का निर्देश प्रशासन को दिया है. फैसले की कॉपी डालसा को भी भेजने को कहा है, ताकि बच्ची को विक्टिम कंप्नसेशन के तहत मुआवजा मिल सके. बच्ची अभी 13 वर्ष की है. रांची के एक प्रतिष्ठित स्कूल में पांचवीं कक्षा में पढ़ रही है.
परिजनों ने कहा : फैसले से मिली संतुष्टि
बच्ची के मौसा करम साहू अौर मामा धर्मेंद्र साहू ने कहा कि फैसले से संतुष्ट हैं. हमलोग चाहते हैं कि सरकार बच्ची की सुरक्षा पर ध्यान दे. उसके पिता की संपत्ति अौर पैसे पर भी कोई अौर कब्जा न कर पाये, इसका ख्याल रखा जाये.
अदालत ने क्यों माना रेयरेस्ट ऑफ रेयर
हत्यारे ने एक के बाद एक तीन हत्याएं की. हत्या का तरीका भी जघन्य था. उसने टांगी से कई बार प्रहार कर पिता, सौतेली मां अौर पांच वर्षीय छोटे भाई की जान ली. उसने जब तीनों को मारा, तब सभी निहत्थे थे अौर सो रहे थे.
कोर्ट ने अपने फैसले में सुप्रीम कोर्ट के तीन जजमेंट को भी उल्लेख किया. इनमें मच्छी सिंह वर्सेस स्टेट 1983, बच्चन सिंह वर्सेस स्टेट 1980 अौर धनंजय चटर्जी उर्फ धन्ना वर्सेस वेस्ट बंगाल स्टेट 1994 शामिल हैं.

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