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रांची : सीबीआइ छापा में हुआ खुलासा, कर्मियों को मालिक बता सरावगी ने लिया 8.9 करोड़ कर्ज

शकील अख्तर रांची : सरावगी बंधुओं ने अपने ही एक कर्मचारी को शेल (कागजी) कंपनी का मालिक और दूसरे कर्मी को गारंटर बना कर बैंक से 8.9 करोड़ रुपये कर्ज लिया. विदेश से कपड़ा आयात के नाम पर 6.5 करोड़ रुपये का लेटर ऑफ क्रेडिट (एलसी) लिया और इसका गलत इस्तेमाल किया. ग्लोबल ट्रेडर्स को […]

शकील अख्तर
रांची : सरावगी बंधुओं ने अपने ही एक कर्मचारी को शेल (कागजी) कंपनी का मालिक और दूसरे कर्मी को गारंटर बना कर बैंक से 8.9 करोड़ रुपये कर्ज लिया.
विदेश से कपड़ा आयात के नाम पर 6.5 करोड़ रुपये का लेटर ऑफ क्रेडिट (एलसी) लिया और इसका गलत इस्तेमाल किया. ग्लोबल ट्रेडर्स को कर्ज देने के इस मामले में कुछ बैंक अधिकारियों की भूमिका भी संदेहास्पद है. इन अधिकारियों ने कर्ज देने के लिए पश्चिम बंगाल के एक व्यक्ति की जमीन को गिरवी रखी, जिसका इस व्यापार से कोई संबंध नहीं है. ग्लोबल ट्रेडर्स के ऑडिटर सीए अनीस अग्रवाल हैं.
ऐसे हुआ कागज पर खेल : सरावगी बंधुओं ने बैंक ऑफ इंडिया से कर्ज लेने के लिए विकास खेतावत नामक अपने कर्मचारी के नाम पर ग्लोबल ट्रेडर्स नामक कंपनी बनायी. इस कंपनी के 7000 रुपये प्रतिमाह वेतन पानेवाले इस कर्मचारी को कंपनी का कागजी मालिक बनाया.
वहीं, 6000 मासिक वेतन पानेवाले कर्मचारी रमेश शर्मा को कर्ज के लिए गारंटर बनाया. सरावगी बिल्डर्स के ज्ञान प्रकाश सरावगी ने खेतावत के नाम पर हेहल, शिवांगी पार्क के लव और कुश ब्लॉक के दो फ्लैटों के मालिकाना हक दिखाया. इसे गिरवी रख कर ग्लोबल ट्रेडर्स के नाम पर पहले तीन करोड़ रुपये का कर्ज लिया. इसके बाद फर्जी व्यापारिक गतिविधियां दिखा कर कर्ज की रकम को तीन करोड़ से बढ़ा कर 8.90 करोड़ रुपये कराया.
कर्ज की रकम बढ़ाने के लिए पश्चिम बंगाल के मृणालकांति सरदार नामक व्यक्ति को दूसरा गारंटर बनाया. दास की 24 परगना जिले के 4.99 एकड़ जमीन को जमानत के तौर पर रखा.
हालांकि, मृणाल कांति का ना तो कपड़े के व्यापार और न ही सरावगी बंधुओं या ग्लोबल ट्रेडर्स के कागजी मालिक के साथ कोई संबंध है. इस बात को देखते हुए इस मामले में बैंक अधिकारियों की भूमिका संदेहास्पद बतायी जा रही है.
सरावगी बंधुओं ने ग्लोबल ट्रेडर्स के कर्ज की लिमिट 8.90 करोड़ रुपये कराने के बाद विदेश से कपड़ा लाने के लिए 6.5 करोड़ रुपये का एलसी स्वीकृत कराया और उसका गलत इस्तेमाल किया. एलसी सिर्फ आयात के लिए जारी किया गया था, पर इस कंपनी ने मर्चेंट ट्रेडिंग की. यानी विदेश से सामान भारत लाने के बदले दूसरे देश में पहुंचाया.
कंपनी ने बैंक के लालपुर ब्रांच से अनुरोध किया कि वह हांगकांग के सेंचुरी एक्सपोर्ट लिमिटेड के नाम पर 59,631.05 अमेरिकी डॉलर का एलसी जारी करे ताकि 99,970 एमटी कॉपर कैथोड का आयात किया जा सके. कैथोड को चिली से चीन ले जाने की बात कही गयी. कंपनी ने उसी दिन 99,970 कैथोड के व्यापार के बदले भुगतान का अनुरोध किया.
सीबीआइ छापा में हुआ खुलासा
लुकआउट नोटिस : सरावगी बंधु नहीं भाग सकेंगे विदेश
100 करोड़ रुपये के बैंक जालसाजी मामले के आरोपी सरावगी बंधु सहित अन्य अब देश छोड़ कर नहीं भाग सकेंगे. सीबीआइ ने इन्हें लुकआउट नोटिस जारी किया है.
सीबीआइ ने जिन लोगों के खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी किया है, उसमें सनबीम प्राइवेट लिमिटेड के अमित सरावगी, स्वाति सरावगी और श्रीराम कामट्रेड के अभिषेक अग्रवाल और सीए अनीस अग्रवाल का नाम शािमल है. सीबीआइ रांची की आर्थिक अपराध शाखा ने इन चारों व्यक्तियों के पासपोर्ट सहित अन्य सभी प्रकार का ब्योरा गृह मंत्रालय और प्रवर्तन निदेशालय को भेज दिया है, ताकि सभी हवाई अड्डों पर इससे संबंधित सूचना दी जा सके.
इन्हें लुकआउट नोटिस
अमित सरावगी, स्वाति सरावगी, अभिषेक अग्रवाल और सीए अनीस अग्रवाल

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