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रांची : कृषि मंत्री को-ऑपरेटिव बैंक से गलत तरीके से ले रहे डीजल

शकील अख्तर कोई भी मंत्री अपने स्थापना विभाग से ही गाड़ी के लिए डीजल-पेट्रोल ले सकता है रांची : राज्य के कृषि मंत्री रणधीर सिंह गलत तरीके से गाड़ी के लिए को-ऑपरेटिव बैंक से डीजल ले रहे हैं. मंत्री के आप्त सचिव संजय कुमार सिंह द्वारा इस सिलसिले में किये गये पत्राचार से इस बात […]

शकील अख्तर
कोई भी मंत्री अपने स्थापना विभाग से ही गाड़ी के लिए डीजल-पेट्रोल ले सकता है
रांची : राज्य के कृषि मंत्री रणधीर सिंह गलत तरीके से गाड़ी के लिए को-ऑपरेटिव बैंक से डीजल ले रहे हैं. मंत्री के आप्त सचिव संजय कुमार सिंह द्वारा इस सिलसिले में किये गये पत्राचार से इस बात की जानकारी मिलती है. को-ऑपरेटिव बैंक से मंत्री की सुरक्षा गाड़ी के लिए हर तीसरे चौथे दिन औसतन 30 लीटर के हिसाब से डीजल लिया जाता रहा है. गाड़ी के लिए ईंधन और मरम्मत के नाम पर को-ऑपरेटिव बैंक से ड्राइवर बतौर अग्रिम नकद रुपये लेता है. बाद में डीजल और मरम्मत का बिल देकर इसे समायोजित किया जाता है.
राज्य में मंत्रियों की गाड़ी के लिए लागू नियम के अनुसार कोई भी मंत्री सिर्फ अपने स्थापना विभाग से ही गाड़ी के लिए डीजल-पेट्रोल ले सकता है. कोई भी मंत्री कार्य के लिए आवंटित अपने सभी विभागों से गाड़ियों में डीजल-पेट्रोल नहीं ले सकता है. मंत्रिमंडल सचिवालय एवं समन्वय विभाग ने इससे संबंधित आदेश जारी कर रखा है.
मंत्रियों की गाड़ियों में ईंधन आपूर्ति से संबंधित जारी आदेश के आलोक में कृषि मंत्री का स्थापना विभाग कृषि है. सरकार द्वारा विभागों की संख्या कम करने के दौरान पशुपालन और सहकारिता को भी कृषि के साथ जोड़ दिया गया था. हालांकि वित्तीय मामलों में इन्हें अलग-अलग प्रभाग के रूप में रखा गया है.
मंत्रिमंडल सचिवालय ने कृषि मंत्री की स्थापना कृषि प्रभाग निर्धारित किया है. इसलिए वह अपने अधीन पड़नेवाले पशुपालन और सहकारिता प्रभाग से अपनी गाड़ियों में डीजल-पेट्रोल नहीं ले सकते हैं. हालांकि मंत्रिमंडल सचिवालय के इस आदेश का उल्लंघन करते हुए कृषि मंत्री को-ऑपरेटिव बैंक से भी डीजल ले रहे हैं. डीजल और मरम्मत के नाम पर रौशन कुमार नामक व्यक्ति अग्रिम राशि लेता है. वह मंत्री की एक गाड़ी का ड्राइवर है.
उसे अग्रिम राशि देने के लिए मंत्री के आप्त सचिव संजय कुमार की ओर से बैंक के सक्षम अधिकारी को पत्र लिखा जाता है. आप्त सचिव के पत्र के आधार पर बैंक के अधिकारियों द्वारा ड्राइवर को अग्रिम राशि का भुगतान किया जाता है. सिर्फ इतना ही नहीं मंत्री ने को-ऑपरेटिव बैंक का सूमो भी अपने कब्जे में ले रखा है. नियमानुसार मंत्री को तीन सरकारी गाड़ियां ही रखने का अधिकार है.
इस सिलसिल में मंत्रिमंडल सचिवालय ने आदेश जारी कर रखा है. इसके तहत मंत्री के अलावा उनके सेल और उनकी सुरक्षा के लिए एक-एक गाड़ी सरकार की ओर से उपलब्ध करायी जाती है. मंत्रिमंडल सचिवालय के इस आदेश के आलोक में सरकार ने तीन गाड़ियां उपलब्ध करा दी हैं. इसके बावजूद उन्होंने को-ऑपरेटिव बैंक की गाड़ी ले ली है.
कब-कब किस तिथि में लिया गया ईंधन
तिथि ईंधन( लीटर में)
6-12-2017 32.35
8-12-2017 32.36
16-12-2017 32.35
20-12-2017 32.19
22-12-2017 23.52
28-12-2017 31.88
28-12-2017 31.88
7-3-2018 37.58
9-3-2018 30.06
13.3-2018 30.07
19-3-2018 41.68
23-3-2918 22.53
26-3-2018 37.17

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