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रांची : बोले उपराष्‍ट्रपति- जबतक गांव का विकास नहीं, तबतक संपूर्ण विकास की कल्‍पना निरर्थक

– उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने मुख्यमंत्री कृषि आशीर्वाद योजना का किया शुभारंभ – 13 लाख 60 हजार किसान के खाते में भेजा गया 442 करोड़ रुपये डीबीटी के माध्यम से भेजा गया रांची : उपराष्‍ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने रविवार को हरमू मैदान में कृषि आशीर्वाद योजना का शुभारंभ किया. मौके पर 13 लाख […]

– उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने मुख्यमंत्री कृषि आशीर्वाद योजना का किया शुभारंभ

– 13 लाख 60 हजार किसान के खाते में भेजा गया 442 करोड़ रुपये डीबीटी के माध्यम से भेजा गया

रांची : उपराष्‍ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने रविवार को हरमू मैदान में कृषि आशीर्वाद योजना का शुभारंभ किया. मौके पर 13 लाख 60 हजार किसानों के खाते में डीबीटी के माध्‍यम से योजना की पहली किश्‍त के रूप में 442 करोड़ रुपये भेजा गया. मौके पर श्री नायडू ने कहा कि आज भारत आगे बढ़ रहा है. लेकिन जबतक किसान व गांव का विकास नहीं होगा, तबतक संपूर्ण विकास की कल्पना व्यर्थ है. आज झारखंड जैसे कृषि प्रधान राज्य में किसानों की आर्थिक समृद्धि और खेती को लाभदायक बनाने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री कृषि आशीर्वाद योजना का शुभारंभ करते हुए मुझे खुशी हो रही है.

उन्‍होंने कहा कि खुशी इस बात की भी है कि यहां के किसान केंद सरकार की प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना और राज्य सरकार की मुख्यमंत्री कृषि आशीर्वाद योजना से लाभान्वित हो रहे हैं. वैसे भी केंद्र और राज्य सरकार का लक्ष्य कृषि को लाभदायक बनाना होना चाहिए. अन्नदाता की आय को दोगुना करने का प्रयास सरकार का होना चाहिए. यह हो भी रहा है इसके लिए गंभीर प्रयास हो रहे हैं. यह ऐतिहासिक योजना किसानों के लिए अवश्य लाभकारी साबित होगा.

केंद्र और राज्य मिलकर करें कार्य

उपराष्ट्रपति ने कहा कि कृषि का क्षेत्र प्रकृति पर आधारित है. लेकिन किसानों को एक मजबूत आधार प्रदान करने हेतु फसल बीमा योजना, सिंगल विंडो सिस्टम के साथ-साथ किसानों के हित मे कई योजनाएं संचालित हैं. वनवासियों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य पर कार्य हो रहा है. केंद्र और राज्य सरकार के सम्मिलित प्रयास से किसानों का कल्याण सुनिश्चित हो रहा है.

जल संचयन भी है जरूरी

उपराष्ट्रपति ने कहा कि पूरे देश में जल संचयन हेतु जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है. ताकि भूगर्भीय जल सुरक्षित हो. झारखंड में भी उस दिशा में कार्य हो रहे हैं. जल संचयन, डीप बोरिंग, परकोलेशन टैंक का निर्माण, तालाबों का जीर्णोद्धार सरकार द्वारा किया जा रहा है. जल संचयन में और किसानों के लिए लाभदायक साबित होगा. कृषि के क्षेत्र में गुणात्मक परिवर्तन होना बेहद जरूरी है.

35 लाख किसानों को दिसंबर तक मिलेगा योजना का लाभ

मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा कि आज खुशी का दिन है. झारखंड के मेरुदंड किसान भाई बहनों को नमन. 13 लाख 60 हजार 380 किसानों के खाते में आज प्रथम किस्त के तहत 442 करोड़ रुपये भेज दिये गये हैं. किसान भाई के लिए उक्त राशि कृषि कार्य हेतु जरूरी संसाधन जुटाने में सहायक होगा. यह सब किसानों के सशक्तिकरण हेतु किया जा रहा है. क्योंकि राज्य के 76 फीसदी लोग ग्रामीण क्षेत्र में निवास करते हैं.

कुल भूमि का 68 प्रतिशत कृषि एवं संबंधित कार्य पर आधारित है, करीब 83 प्रतिशत खेत 5 एकड़ से कम आकार के हैं जो कुल भूमि का 37 प्रतिशत है. राज्य के किसान आर्थिक रूप से कमजोर होने के कारण कर्ज के जल में घिर जाते हैं. यही वजह है कि केंद्र व राज्य सरकार ने 2022 तक किसानों की आय को दोगुना करने का संकल्प लिया है. इसी संकल्प को मूर्तरूप देने हेतु राज्य सरकार द्वारा मुख्यमंत्री कृषि आशीर्वाद योजना लागू की गयी, जिसका आज शुभारंभ किया जा रहा है.

दिसंबर 35 लाख किसानों के बीच 5000 करोड़ की आर्थिक सहायता

मुख्यमंत्री ने कहा कि दिसंबर 2019 तक राज्य के 35 लाख किसानों को केंद्र सरकार की प्रधानमंत्री कृषि सम्मान निधि योजना के तहत 2 हजार करोड़ एवं राज्य सरकार की मुख्यमंत्री कृषि आशीर्वाद योजना के तहत 3 हजार करोड़ यानी 5 हजार करोड़ रुपये दिये जायेंगे.

फसल बीमा के लिए 70 करोड़ का प्रावधान

मुख्यमंत्री ने कहा कि किसानों को विपरीत परिस्थितियों में हुई फसल की क्षति की भरपाई करने हेतु प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना भी चलायी जा रही है. किसानों को यह जानकर खुशी होगी कि वर्ष 2018 से इस योजना में प्रीमियम का भुगतान राज्य सरकार द्वारा किया जा रहा है. किसानों को इसके लिए कोई भुगतान नहीं करना पड़ता है. वर्ष 2018 में खरीफ मौसम में फसल के बीमा करने हेतु सरकार द्वारा लगभग 64.00 करोड़ रुपये का भुगतान किसानों के प्रीमियम मद में किया गया और 2019 में 70 करोड़ रुपये का प्रावधान बीमा के लिए किया गया है.

किसानों के ऋण भार को कम करने के लिए सरकार द्वारा ब्याज अनुदान योजना चलायी जा रही है. इस योजना में कृषकों को कृषि कार्य हेतु दिये गये अल्पकालीन कृषि ऋण पर कृषि ऋण के भुगतान में अतिरिक्त 3 प्रतिशत का सूद माफ किया जाता है. इस योजना हेतु राज्य सरकार द्वारा 2019 में 20 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है.

50 हजार मोबाइल फोन वितरण करने का लक्ष्य

मुख्यमंत्री ने कहा कि किसानों को कृषि संबंधित नयी तकनीक मौसम पूर्वानुमान एवं प्राकृतिक आपदाओं तथा बाजार व्यवस्था की अद्यतन जानकारी हेतु मोबाइल फोन वितरण की योजना शुरू की गयी है. वर्ष 2018 में लगभग 7000 मोबाइल फोन का वितरण किया गया एवं 2019 में 50000 मोबाइल फोन वितरण करने का लक्ष्य है. इस योजना में किसानों को मोबाइल फोन हेतु 2000 रुपये उनके खाते में डीबीटी के माध्यम से उपलब्ध कराये जाते हैं. साथ ही राज्य भर में 207 कृषि सिंगल विंडो सिस्टम की स्थापना की गयी है. राज्य में अब तक 17 लाख से ज्यादा किसानों को साइल हेल्थ कार्ड दिये गये हैं. छोटे और सीमांत किसानों को 45 हजार से ज्यादा पंपसेट वितरित किये गये हैं. कृषकों को 50 प्रतिशत अनुदान पर बीज उपलब्ध कराया जाता है.

राज्य के किसान अन्न भंडार और राज्य का खजाना भी भरेंगे

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के किसान 8 हजार 500 करोड़ रुपये का उत्पादित फसलों का निर्यात कर रहें. उनकी मेहनत का ही परिणाम है कि -4 प्रतिशत का कृषि विकास दर आज साढ़े 4 वर्ष बाद 14 प्रतिशत हो गया. अब राज्य किसान अन्न भंडार तो भरेंगे ही राज्य के खजाना भी भरेंगे. हम सब को मिलकर सोचना होगा कि हमारी कृषि व्यवस्था में मूल्यवृद्धि कैसे हो, वैल्यू एडिसन कैसे हो.

राज्य के 35 लाख किसानों को योजना का लाभ देना प्राथमिकता

इस अवसर पर संबोधन करते हुए कृषि सचिव पूजा सिंघल ने कहा कि मुख्यमंत्री रघुवर दास के नेतृत्व में ‘मुख्यमंत्री कृषि आशीर्वाद योजना’ राज्य के किसानों की समृद्धि के लिए संजीवनी साबित होगी. इस योजना के तहत किसानों को मिलने वाली निर्धारित राशि का लाभ उनके बैंक अकाउंट में सीधे डीबीटी के माध्यम से दिये जाने वाली पहली योजना है. इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए सभी जिलों में उपायुक्तों की टीम 24 घंटे डाटा एंट्री और अपडेशन करने का कार्य कर रही है.

इस अवसर पर कृषि मंत्री रणधीर सिंह, राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश, राज्यसभा सांसद महेश पोद्दार, रांची सांसद संजय सेठ, हटिया विधायक नवीन जायसवाल, खिजरी विधायक रामकुमार पाहन, मांडर विधायक गंगोत्री कुजूर, मेयर आशा लकड़ा, मुख्यसचिव डी के तिवारी, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव डॉ सुनील कुमार वर्णवाल, निदेशक छवि रंजन व हजारों की संख्या में किसान उपस्थित थे.

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