27.2 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Trending Tags:

Advertisement

झारखंड में महिला अपराध में आयी कमी, साइबर अपराध बढ़े

एडीजी ने कहा अपराध पर लगाम लगाना और अपराधियों को सलाखों के पीछे भेजना प्राथमिकता रांची : झारखंड में महिला अपराध की घटनाओं में कमी आयी है. वहीं साइबर अपराध के मामलों में तेजी से इजाफा हुआ है. वर्ष 2016 और 2017 की तुलना में वर्ष 2018 में बलात्कार, दहेज हत्या, दहेज अधिनियम, महिला प्रताड़ना, […]

एडीजी ने कहा अपराध पर लगाम लगाना और अपराधियों को सलाखों के पीछे भेजना प्राथमिकता

रांची : झारखंड में महिला अपराध की घटनाओं में कमी आयी है. वहीं साइबर अपराध के मामलों में तेजी से इजाफा हुआ है. वर्ष 2016 और 2017 की तुलना में वर्ष 2018 में बलात्कार, दहेज हत्या, दहेज अधिनियम, महिला प्रताड़ना, छेड़खानी, अपहरण, डायन हत्या, डायन अधिनियम और महिलाओं की हत्या में कमी दर्ज की गयी है. जबकि साइबर अपराध की बात करें, तो तीन वर्षों में साइबर अपराध में तेजी से इजाफा हुआ है. वर्ष 2016 में 439, 2017 में 751 और 2018 में 917 मामले सामने आये हैं. यह जानकारी सीआइडी एडीजी अजय कुमार सिंह ने मंगलवार को प्रेस वार्ता में दी.

उन्होंने कहा कि अपराध पर लगाम लगाना और अपराधियों को सलाखों के पीछे भेजना झारखंड पुलिस की प्राथमिकता है. लंबित मामलों के निपटारे के लिए भी लगातार कार्रवाई की जा रही है. साइबर अपराध से निपटने की दिशा में भी कार्रवाई जारी है. उन्होंने कहा कि 2016 में 190, 2017 में 188 और 2018 में 115 अपराधियों के विरुद्ध क्राइम कंट्रोल एक्ट का प्रस्ताव दिया गया. उक्त वर्षों में 235 अपराधियों के खिलाफ सीसीए के तहत कार्रवाई की गयी.

एडीजी ने कहा कि प्रदेश में 36 अपराधिक गिरोह के 704 अपराधियों में से 444 अपराधियों को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया है. एडीजी के मुताबिक एटीएस ने नौ अपराधियों के पास से 15 किलो अफीम बरामद किया. जाली नोटों के धंधे में शामिल दो अपराधियों को दो हजार के 104 नोट के साथ पकड़ा गया. मौके पर सीआइडी आइजी अरुण कुमार सिंह, रांची रेंज डीआइजी अमोल वीणुकांत होमकर, रांची एसएसपी अनीश गुप्ता, सीआइडी एसपी मनोज रतन चोथे सहित अन्य अधिकारी मौजूद थे.

मादक पदार्थ के कारोबार में 279 हुए गिरफ्तार

मादक पदार्थ के कारोबारियों पर भी पुलिस ने शिकंजा कसा है. तीन वर्षों की तुलना में इस बार सबसे ज्यादा गिरफ्तारी हुई है. वर्ष 2016 में 140, 2017 में 186 और 2018 में 221 मामले सामने आये. वहीं 2016 में 154, 2017 में 165 और 2018 में 279 अवैध कारोबारियों को पकड़ा गया. इसी तरह 2016 में 927.46 किलोग्राम, 2017 में 678.42 किलाेग्राम और 2018 में 955.25 किलोग्राम गांजा बरामद करने में पुलिस को सफलता मिली. अफीम की खेती की बात करें, तो 2016 में 66.76 किलोग्राम, 2017 में 215.97 किलोग्राम और 2018 में 148.26 किलोग्राम अफीम जब्त किया गया. वहीं 2016 में 259.19 एकड़, 2017 में 2676.2 एकड़ और 2018 में 2160.85 एकड़ में लगी अफीम की खेती को पुलिस ने नष्ट किया. जबकि अफीम के कारोबार में शामिल लोगों को सजा दिलाने की बात करें, तो 2016 में 03, 2017 में 10 और 2018 में 12 लोगों को सजा मिली.

हाइकोर्ट की मॉनीटरिंग का दिखा असर

हाइकोर्ट की मॉनीटरिंग का असर कुर्की और वारंट के मामले में साफ दिखा. तीन वर्षों की बात करें तो 2016 में 22239, 2017 में 22126 और 2018 में 27497 अभियुक्तों को गिरफ्तार किया गया. वहीं 2016 में 82341, 2017 में 110047 अौर 2018 में 139572 वारंट का निष्पादन किया गया. वहीं उक्त वर्षों में 7354, 7364 और 12992 कुर्की का निष्पादन हुआ. अाग्नेयास्त्र की बरामदगी में 2016 में 26, 2017 में 501 अौर 2017 में 494 देसी हथियार पुलिस ने बरामद किये. वहीं 26, 11 और 24 नियमित हथियार बरामद हुए. इसी तरह 2016 में 2618, 2017 में 1482 और 2018 में 1500 कारतूस बरामद किये गये.

प्रदेश में 39 अपराधी गिरोह के 704 अपराधियों में से 444 हुए गिरफ्तार

तीन वर्षों में महिला अपराध की स्थिति

घटना 2016 2017 2018

डायन अधिनियम 688 668 481

डायन हत्या 39 42 22

अपहरण 1117 1276 821

छेड़खानी 373 298 268

महिला प्रताड़ना 1144 927 728

दहेज अधिनियम 1347 1408 1150

दहेज हत्या 285 266 228

नारी हत्या 418 596 425

बलात्कार 1087 1322 1006

साइबर अपराध की तुलनात्मक स्थिति

मामला 2016 2017 2018

प्रतिवेदित कांड 439 751 917

गिरफ्तारी 215 604 435

निष्पादित कांड 124 146 144

फ्रीज पैसा 1.71 45.50 2.18

करोड़ लाख करोड़

जागरूकता प्रशिक्षण 1500 1300 2100

इस वर्ष 99 बाल मित्र थानों का गठन

2016 में 27, 2017 में 87 और 2018 में 99 बाल मित्र थानों का गठन किया गया है. जबकि उक्त वर्षों में कुल 2675 बच्चों को रेस्क्यू करने में सफलता पुलिस को मिली है.

स्पीडी ट्रायल का प्रतिशत बढ़ा

सीआइडी ने अक्तूबर 2017 में राज्य के विभिन्न थानों में दर्ज मामलों में स्पीडी ट्रायल कराना न्यायालय में शुरू किया. वर्ष 2017 में चयनित 501 मामलों में 512 अभियुक्तों को सजा, 128 को आजीवन कारावास और एक अभियुक्त को सजा-ए-मौत सुनायी गयी. सजा का प्रतिशत 67 फीसदी रहा. इसी तरह अगस्त 2018 में स्पीडी ट्रायल के लिए कुल 1001 मामलों का चयन किया गया. इसमें अब तक 513 अभियुक्तों को सजा, 97 अभियुक्तों को आजीवन कारावास और एक अभियुक्त को फांसी की सजा मिली. इस वर्ष सजा का प्रतिशत 71 फीसदी रहा.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें