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Friday, March 29, 2024

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झारखंड : केंद्रीय मंत्री जयंत सिन्हा के भाई की कंपनी का टैरिफ रद्द, जानें पूरा मामला

II विवेक चंद्र II रांची : झारखंड राज्य विद्युत नियामक आयोग ने जेरेडा की ओर से दायर टैरिफ पिटिशन को खारिज कर दिया है. जेरेडा ने 5.16 रुपये प्रति यूनिट और 4.95 रुपये प्रति यूनिट की दर से सौर ऊर्जा खरीदने के लिए आयोग से दर निर्धारित करने की अनुमति मांगी थी. आयोग ने सौर […]

II विवेक चंद्र II
रांची : झारखंड राज्य विद्युत नियामक आयोग ने जेरेडा की ओर से दायर टैरिफ पिटिशन को खारिज कर दिया है. जेरेडा ने 5.16 रुपये प्रति यूनिट और 4.95 रुपये प्रति यूनिट की दर से सौर ऊर्जा खरीदने के लिए आयोग से दर निर्धारित करने की अनुमति मांगी थी.
आयोग ने सौर ऊर्जा की खरीद के लिए किये गये टेंडर को नियम विरुद्ध बताते हुए टैरिफ पर स्वीकृति प्रदान करने से इंकार कर दिया. सौर ऊर्जा खरीद के लिए कुल छह कंपनियों का चयन टेंडर के माध्यम से किया गया था.
चयनित कंपनियों में बड़ोदरा की माधव इंरा प्रोजेक्ट लिमिटेड, हैदराबाद की कार्वी सोलर, गुड़गांव का रिन्यू सोलर पॉवर, चेन्नई की ओपीजी पॉवर जेनरेशन, पुणे का सुजियोन एनर्जी लिमिटेड और अहमदाबाद की अडानी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड शामिल थी. इनमें से रिन्यू सोलर पावर कंपनी केंद्रीय नागरिक उड्डयन राज्यमंत्री जयंत सिन्हा के भाई सुमंत सिन्हा की है.
कहा- टेंडर में नहीं अपनायी गयी थी स्वच्छ प्रक्रिया
दर निर्धारण की प्रक्रिया एक्ट के अनुरूप नहीं
जेरेडा के पिटिशन पर सुनवाई करते हुए आयोग ने इसे इलेक्ट्रिसिटी एक्ट 2003 की धारा 63 के अनुरूप नहीं पाया. इस धारा में दर निर्धारित करने के लिए टेंडर या स्वच्छ प्रक्रिया अपनाये जाने का प्रावधान है. आयोग ने पाया कि टैरिफ के लिए दर निर्धारण की प्रक्रिया स्वच्छ और इलेक्ट्रिसिटी एक्ट की धारा 63 के प्रावधानों के अनुरूप नहीं है.
केंद्र की अनुमति के बिना बना लिया था नियम
जेरेडा की ओर से आयोग को बताया गया था कि उसने केंद्र सरकार की अनुमति के बाद बिडिंग के लिए अपना नियम बनाया था. इसके आलोक में टेंडर प्रकाशित करने के बाद दर का निर्धारण किया गया था. आयोग ने जेरेडा के इस तर्क को अस्वीकार कर दिया. आयोग का कहना है कि जेरेडा ने मामले में कोई ऐसा साक्ष्य प्रस्तुत नहीं किया, जिससे यह प्रमाणित हो कि उसने केंद्र सरकार से अपने लिए बिडिंग प्रोसेस बनाने की अनुमति मांगी थी.
कैबिनेट की सहमति से तय की गयी थी दर
जेरेडा ने चार दिसंबर 2015 को सौर ऊर्जा खरीद के लिए टेंडर निकाला था. दर पर विवाद उत्पन्न होने के बाद सरकार ने कमेटी गठित की थी. कमेटी के विचार-विमर्श के बाद 19 सितंबर 2017 को कैबिनेट ने टेंडर में सफल घोषित कंपनियों से सौर ऊर्जा खरीद के लिए निर्धारित दर को स्वीकृति प्रदान की थी.
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