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झारखंड : शिक्षकों के 23 हजार पद में से 17 हजार रिक्त

रांची: राज्य के हाइस्कूल में शिक्षकों के 75 फीसदी पद रिक्त है. एक हजार अपग्रेड हाइस्कूल में एक भी स्थायी शिक्षक नहीं है. इन स्कूलों में पठन-पाठन प्राथमिक व मध्य विद्यालय के शिक्षकों के भरोसे है. राज्य गठन के बाद झारखंड में हाइस्कूल की संख्या लगभग दोगुनी हो गयी, पर इस दौरान मात्र दो बार […]

रांची: राज्य के हाइस्कूल में शिक्षकों के 75 फीसदी पद रिक्त है. एक हजार अपग्रेड हाइस्कूल में एक भी स्थायी शिक्षक नहीं है. इन स्कूलों में पठन-पाठन प्राथमिक व मध्य विद्यालय के शिक्षकों के भरोसे है. राज्य गठन के बाद झारखंड में हाइस्कूल की संख्या लगभग दोगुनी हो गयी, पर इस दौरान मात्र दो बार शिक्षकों की नियुक्ति हुई. राज्य के हाइस्कूल में शिक्षकों के लगभग 23 हजार पद सृजित हैं, इनमें से 17,572 पद रिक्त है. शिक्षकों की कमी के कारण विद्यालयों में पठन-पाठन प्रभावित हो रहा है.

राज्य में चार कोटि के उच्च विद्यालय है. जिनके लिए अब एक नियुक्ति नियमावली बनायी गयी है. प्रोजेक्ट उच्च विद्यालय में स्थापना काल 1981-82 से ही शिक्षकों की नियुक्ति नहीं हुई है. राजकीय उच्च विद्यालय में 30 वर्ष से शिक्षकों की नियुक्ति नहीं की गयी है. 1300 अपग्रेड हाइस्कूल में से मात्र 338 हाइस्कूल में ही शिक्षकों की नियुक्ति हुई है. इसके साथ राजकीयकृत उच्च विद्यालय में भी 17 वर्ष में मात्र एक बार वर्ष 2010 में शिक्षकों की नियुक्ति हुई थी. राज्य में सैकड़ों ऐसे हाइस्कूल हैं, जो एक शिक्षक के भरोसे चल रहे हैं. एक ओर जहां हाइस्कूल में शिक्षकों की नियुक्ति नहीं हुई, वहीं दूसरी ओर राज्य गठन के बाद से हाइस्कूल में विद्यार्थियों की संख्या लगभग दोगुनी हो गयी है. प्रति वर्ष लगभग 4.50 लाख विद्यार्थी मैट्रिक की परीक्षा में शामिल होते हैं.

झारखंड के एक हजार अपग्रेड हाइस्कूल में शिक्षक नहीं
हाइस्कूल में शिक्षकों की कमी के कारण झारखंड एकेडमिक काउंसिल को प्रति वर्ष मैट्रिक की उत्तर पुस्तिका मूल्यांकन में काफी परेशानी होती है. जैक को इसके लिए सेवानिवृत्त शिक्षकों का भी सहयोग लेना पड़ता है. जनजातीय व क्षेत्रीय भाषा की उत्तरपुस्तिका के मूल्यांकन के लिए तो शिक्षक ही नहीं मिलते. शिक्षकों की कमी के कारण ही जैक ने इस वर्ष 2015 में नियुक्त शिक्षकों से भी उत्तरपुस्तिका मूल्यांकन कराने की अनुमति सरकार से मांगी है. उल्लेखनीय है कि उत्तरपुस्तिका मूल्यांकन के लिए शिक्षकों के लिए तीन वर्ष के पठन-पाठन का अनुभव होना अनिवार्य है.
नियमावली को लेकर उलझी नियुक्ति
सरकार ने गत वर्ष हाइस्कूल में शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया शुरू की थी. स्कूलों में शिक्षकों की नियुक्ति अनुशंसा झारखंड राज्य कर्मचारी चयन आयोग से की थी. नियमावली में कुछ विषयों में नियुक्ति के लिए स्नातक में दो विषय होना अनिवार्य कर दिया गया है. राज्य के अभ्यर्थी इसका विरोध कर रहे हैं. अभ्यर्थियों ने इसके विरोध में हाइकोर्ट में याचिका दाखिल की है. वो शिक्षक नियुक्ति में विषय की बाध्यता समाप्त करने की मांग कर रहे हैं.
जिलावार शिक्षकों के रिक्त पद
जिला पद
रांची 1013
खूंटी 387
गुमला 696
सिमडेगा 427
लोहरदगा 333
पू.सिंहभूम 972
प.सिंहभूम 1187
सरायकेला 709
लातेहार 573
गढ़वा 868
पलामू 1452
चतरा 836
जिला पद
हजारीबाग 711
रामगढ़ 600
कोडरमा 404
बोकारो 677
गिरिडीह 1558
धनबाद 1046
दुमका 959
जामताड़ा 539
पाकुड़ 486
साहेबगंज 589
गोड्डा 971
देवघर 791

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