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Thursday, March 28, 2024

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सुप्रीम कोर्ट ने कहा, एसिड अटैक बर्बर और हृदयहीन अपराध, धनबाद की सोनाली के पिता ने इलाज के लिए जमीन तक बेच दी

एसिड अटैक करने वालों के लिए कोई क्षमादान नहीं : सुप्रीम कोर्ट नयी दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को एसिड अटैक को बर्बर और हृदयहीन अपराध बताया और कहा कि इसके लिए दोषियों के प्रति किसी प्रकार की नरमी नहीं बरती जा सकती है. शीर्ष अदालत ने 2004 में 19 वर्षीया लड़की पर एसिड […]

एसिड अटैक करने वालों के लिए कोई क्षमादान नहीं : सुप्रीम कोर्ट

नयी दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को एसिड अटैक को बर्बर और हृदयहीन अपराध बताया और कहा कि इसके लिए दोषियों के प्रति किसी प्रकार की नरमी नहीं बरती जा सकती है. शीर्ष अदालत ने 2004 में 19 वर्षीया लड़की पर एसिड फेंकने के अपराध में पांच साल जेल में गुजारने वाले दो दोषियों को आदेश दिया कि वे पीड़िता को डेढ़-डेढ़ लाख रुपये का अतिरिक्त मुआवजा दें. साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने हिमाचल प्रदेश सरकार को भी निर्देश दिया कि वह पीड़ित मुआवजा योजना के तहत पीड़िता को मुआवजा दे.

जस्टिस एएम खानविलकर और जस्टिस अजय रस्तोगी की पीठ ने कहा कि इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता है कि इस मामले में दोनों दोषियों ने पीड़िता के साथ बर्बर और हृदयहीन अपराध किया. पीठ ने कहा कि इन दोषियों के प्रति नरमी बरतने की कोई गुंजाइश ही नहीं है. ऐसे मामले में किसी प्रकार की नरमी नहीं बरती जा सकती है. एसिड अटैक करने वालों के लिए कोई क्षमादान नहीं है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि न्यायालय इस स्थिति से बेखबर नहीं रह सकता कि पीड़िता को इस हमले से जो भावनात्मक आघात पहुंचा है,

उस आघात की भरपाई दोषियों को सजा देने या फिर किसी भी मुआवजे से नहीं की जा सकती है. न्यायालय ने दोनों दोषियों की दस-दस साल की सजा घटाकर पांच-पांच साल करने के हिमाचल प्रदेश हाइकोर्ट के 24 मार्च, 2008 के फैसले को चुनौती देने वाली अपील पर यह फैसला सुनाया.

कॉलेज जा रही युवती पर दो बाइक सवारों ने फेंका था एसिड

निचली अदालत ने दोनों दोिषयों को

10-10 साल की सुनायी थी सजा

पीड़िता के अनुसार वह 12 जुलाई, 2004 को कॉलेज जा रही थी, तभी बाइक पर सवार दो व्यक्ति आये और उस पर एसिड फेंक कर भाग गये. इस हमले में वह 16 फीसदी तक झुलस गयी. पुलिस ने दोनों आरोपियों के खिलाफ निचली अदालत में आरोप-पत्र दायर किया था. निचली अदालत ने उन्हें दस-दस साल की कैद और पांच-पांच हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनायी थी. लेकिन, बाद में हाइकोर्ट ने उनकी कैद की सजा घटाकर पांच-पांच साल और जुर्माने की राशि 25-25 हजार रुपये कर दी थी.

अदालत ने पीड़िता को 1.5 लाख रुपये अतिरिक्त मुआवजा देने का दिया आदेश

शीर्ष अदालत ने कहा कि पीड़िता एसिड के इस हमले में 16 प्रतिशत तक जल गयी थी. यह उसकी जिंदगी का एक काला अध्याय है. न्यायालय को बताया गया कि दोनों ही दोषी पांच-पांच साल की सजा पूरी कर चुके हैं और उन्होंने हाइकोर्ट के आदेशानुसार जुर्माने की राशि का भी भुगतान कर दिया है. पिछले साल नौ दिसंबर को उन्हें जेल से रिहा कर दिया गया है. पीठ ने कहा कि दोनों दोषियों को दोषी ठहराने के हाइकोर्ट के फैसले में हस्तक्षेप की आवश्यकता नहीं है और उसने उन्हें पीड़ित को डेढ़-डेढ़ लाख रुपये का अतिरिक्त मुआवजा अदा करने का आदेश दिया.

बिहार : मनेर में दो लड़कियों पर फेंका था तेजाब, एक की हो चुकी है मौत

21 अक्तूबर 2012 को पटना जिले के मनेर में एसिड अटैक की भयावह घटना हुई थी. यहां छेड़खानी का विरोध करने पर चार लोगों ने इंटर की छात्रा चंचल और आठवीं की छात्रा सोनम पर तेजाब फेंक दिया था. इससे दोनों बुरी तरह झुलस गयी थीं. इस मामले में बाद में आरोपी चारों लोगों को दो हफ्ते के अंदर गिरफ्तार कर लिया गया. उन पर केस चल रहा है, लेकिन अब तक सजा नहीं हो सकी है. एसिड अटैक की शिकार चंचल की मौत हो चुकी है. इसके अलावा बिहार में और भी कई घटनाएं हुई हैं.

पिछले साल भी पटना में हुई थी घटना :वहीं मार्च 2018 में कोतवाली थाने के जीपीओ गोलंबर के पास युवक सोनू ने फुलवारी की रहने वाली एक छात्रा पर एसिड फेंक दिया था. बाद में पुलिस ने आरोप को गिरफ्तार कर लिया था.

झारखंड : धनबाद की सोनाली के पिता ने इलाज के लिए जमीन तक बेच दी

कसमार की तेजाब पीड़िता सोनाली मुखर्जी केवल झारखंड ही नहीं, पूरे देश-दुनिया में संघर्ष की मिसाल बनकर उभरी है. कसमार के धधकिया निवासी चंडीदास मुखर्जी की पुत्री सोनाली 12 वर्ष पहले धनबाद के भेलाटांड़ में रहती थी. वहां उसने कुछ शरारती युवकों द्वारा की जा रही छेड़-छाड़ का विरोध किया था. इसपर युवकों ने इनके चेहरे सहित शरीर पर तेजाब डाल दिया. इसके बाद लगातार नौ वर्षों तक उसके पिता ने धनबाद, बोकारो से लेकर देश के कई अस्पतालों में उसका इलाज कराया, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ. इलाज के लिए पिता ने जमीन तक बेच दी. 2012 में सोनाली ने इच्छा मृत्यु की मांग कर दी.

देशभर से सहायता के लिए हाथ उठने लगे. सोनाली कौन बनेगा करोड़पति के हॉट सीट पर भी बैठी. झारखंड सरकार ने उसे सरकारी नौकरी दी. बाद में चित्तरंजन तिवारी ने उसका दामन थामा. दिसबंर 2016 में उनकी जिंदगी में एक नयी खुशी आयी. सोनाली ने सुंदर व स्वस्थ बेटी को जन्म दिया.

रांची : शिक्षिका पर फेंका था तेजाब

नौ फरवरी को ओरमांझी स्थित एक निजी विद्यालय की उप प्राचार्या पर तेजाब फेंका गया था. उक्त शिक्षिका ओरमांझी स्थित विद्यालय से ऑटो से रांची अपने घर से लौट रही थी. इसी क्रम में बाइक सवार युवकों ने शिक्षिका पर तेजाब फेंक दिया. शिक्षिका के पेट और गर्दन झुलस गये. उन्हें रिम्स में भर्ती कराया गया था. घटना के बाद उन्हें स्कूल प्रबंधन ने नौकरी से निकाल दिया था.

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