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झारखंड : राज्य के एक लाख किसान जुड़ेंगे शहद उत्पादन से, हो रही हैं किसानों की सूची तैयार

II मनोज सिंह II राज्य में मीठी क्रांति के लिए किसानों की सूची तैयार की जा रही है रांची : राज्य के एक लाख से अधिक किसानों को शहद उत्पादन से जोड़ा जायेगा. इसके लिए राज्य सरकार व्यापक योजना तैयार कर रही है. इस योजना के लिए राशि की व्यवस्था राज्य योजना से होगी. इस […]

II मनोज सिंह II
राज्य में मीठी क्रांति के लिए किसानों की सूची तैयार की जा रही है
रांची : राज्य के एक लाख से अधिक किसानों को शहद उत्पादन से जोड़ा जायेगा. इसके लिए राज्य सरकार व्यापक योजना तैयार कर रही है. इस योजना के लिए राशि की व्यवस्था राज्य योजना से होगी.
इस स्कीम का संचालन राष्ट्रीय उद्यान मिशन करेगा. किसानों को बाजार उपलब्ध कराने और उत्पाद के ब्रांडिंग का काम मुख्यमंत्री लघु कुटीर बोर्ड करेगा. राज्य में मीठी क्रांति के लिए किसानों की सूची तैयार की जा रही है. यह काम उद्योग विभाग और कृषि विभाग के आपसी सहयोग से चलेगा.
इस स्कीम के तहत एक-एक किसान को 20-20 बक्सा देने की योजना है. एक किसान पर करीब एक लाख रुपये का खर्च आयेगा. वहीं 20 हजार रुपये किसानों को परिवहन व अन्य मद में दिये जायेंगे. कुल मिला कर एक किसान पर एक लाख 20 हजार रुपये खर्च करने का प्रस्ताव है.
करीब 120 करोड़ की योजना में राज्य सरकार सब्सिडी तय करने के मुद्दे पर विचार कर रही है. सरकार अभी 70 फीसदी के आसपास सब्सिडी देने पर विचार कर रही है. कृषि विभाग किसानों को प्रशिक्षण के साथ-साथ इनपुट भी देगा. उत्पाद तैयार होने पर किसान अपनी इच्छा से मधु बेच सकते हैं. मार्केट नहीं मिलने पर वह ग्रामोद्योग की पैनल संस्था के माध्यम से बिक्री कर सकते हैं.
करीब 300 करोड़ का हो सकता है उत्पादन
राज्य सरकार की इस स्कीम से करीब 300 करोड़ रुपये का मधु का उत्पादन हो सकता है. एक बक्सा इटालियन मधुमक्खी से 40-45 किलो मधु का प्रतिवर्ष उत्पादन होता है. इटालियन मधु की कीमत 150 रुपये किलो है.
वहीं स्थानीय मधुमक्खी से उत्पादन कुछ कम होता है, लेकिन इसकी कीमत 400 से 450 रुपये प्रति किलो होती है. स्थानीय मधुमक्खी के लिए यहां का माहौल भी अच्छा है. राष्ट्रीय उद्यान मिशन इस स्कीम को आर्गेनिक फॉर्मिंग के साथ जोड़ना चाहता है. इससे तैयार होने वाले मधु की गुणवत्ता अच्छी होगी. मिशन इस मधु का आर्गेनिक सर्टिफिकेशन भी करायेगा. इसके लिए एजेंसी का सहयोग लिया जायेगा.
भारत सरकार की ओर से शुरू में इसके लिए 57 लाख रुपये दिये गये थे. मुख्यमंत्री चाहते थे कि यह स्कीम राज्य में बड़े पैमाने पर चले. इसी के मद्देनजर कृषि, पशुपालन एवं सहकारिता विभाग ने बड़े पैमाने पर स्कीम तैयार किया है. विभाग ऐसे किसानों की सूची तैयार करा रहा है. जल्द ही इसे जमीन पर उतारा जायेगा.
पूजा सिंघल, सचिव, कृषि, पशुपालन एवं सहकारिता विभाग

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