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Thursday, March 28, 2024

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रांची : नेशनल गेम्स मामले में एसीबी ने की पूछताछ, बंधु तिर्की ने कहा, मामला पुराना है, जवाब देने के लिए चाहिए वक्त

रांची : नेशनल गेम्स गड़बड़ी मामले में गुरुवार को पूर्व खेल मंत्री बंधु तिर्की एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) के मुख्यालय पहुंचे. उनसे एक-डेढ़ घंटे तक पूछताछ हुई. इस दौरान उन्होंने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि मामला काफी पुराना है. उन्हें बहुत कुछ याद नहीं है. अनुसंधानकर्ता ने तिर्की से धनबाद में दो स्क्वैश कोर्ट […]

रांची : नेशनल गेम्स गड़बड़ी मामले में गुरुवार को पूर्व खेल मंत्री बंधु तिर्की एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) के मुख्यालय पहुंचे. उनसे एक-डेढ़ घंटे तक पूछताछ हुई. इस दौरान उन्होंने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि मामला काफी पुराना है. उन्हें बहुत कुछ याद नहीं है.
अनुसंधानकर्ता ने तिर्की से धनबाद में दो स्क्वैश कोर्ट निर्माण, रांची के एस्ट्रोटर्फ स्टेडियम में लगायी गयी हाइमास्ट लाइट और खेल सामग्री की खरीद में अनियमितता के बाबत सवाल किये.
हालांकि बंधु ने अपने स्तर पर गड़बड़ी होने से यह कहते हुए इनकार किया कि हमलोगों को नियम के बारे में उतनी जानकारी थोड़े ही होती है. निदेशक और सचिव के स्तर पर आये प्रपोजल पर ही मंत्री निर्णय लेते हैं.
वे मामले में अपना पूरा पक्ष रखने के लिए एसीबी से 25 फरवरी तक की मोहलत चाह रहे थे, लेकिन एसीबी ने उन्हें 20 फरवरी को फिर से अपना पक्ष रखने का निर्देश दिया.
धनबाद में दो स्क्वैश कोर्ट के निर्माण में वित्तीय अनियमितता
उल्लेखनीय है कि नेशनल गेम्स (2011) के दौरान धनबाद में दो स्क्वैश कोर्ट के निर्माण में वित्तीय अनियमितता की बात सामने आयी थी. स्क्वैश कोर्ट का निर्माण मुंबई की जाइरेक्स इंटरप्राइजेज नामक कंपनी ने किया था. इसके लिए कंपनी ने 1,44,32,850 रुपये का प्राक्कलन प्रस्तुत किया. आयोजन समिति के महासचिव एसएम हाशमी ने चार अक्तूबर 2008 को कला संस्कृति विभाग के सचिव को प्राक्कलित राशि का आवंटन स्क्वैश रैकेट फेडरेशन ऑफ इंडिया को देने का अनुरोध किया. उक्त प्रस्ताव पर निदेशक एवं सचिव की अनुशंसा के बाद विभागीय मंत्री के पास अनुमोदन की फाइल भेजी गयी.
संबंधित फाइल को 20 अक्तूबर 2008 को तत्कालीन खेलमंत्री बंधु तिर्की ने अनुमोदित किया था. इसी आधार पर बाद में जाइरेक्स इंटरप्राइजेज को स्क्वैश कोर्ट निर्माण के एवज में 1,44,32,850 रुपये भुगतान का नीतिगत निर्णय लिया गया था. इसके बाद 11 दिसंबर, 2008 को स्क्वैश फेडरेशन ने महासचिव एसएम हाशमी को पत्र लिख कर अनुरोध किया गया कि राशि सीधे जाइरेक्स कंपनी को उपलब्ध करायी जाये.
उक्त पत्र के बाद तत्कालीन सचिव ने निदेशक को निर्देश दिया था कि एनजीओसी की कार्यकारिणी कमेटी के निर्णय की प्रत्याशा में अविलंब कार्रवाई की जाये और घटनोत्तर स्वीकृति ले ली जाये. इसके बाद कंपनी को अग्रिम 50 लाख रुपये दिये गये, लेकिन बाद में भुगतान से संबंधित प्रस्ताव की घटनोत्तर स्वीकृति नहीं ली गयी, इस कारण मामले में वित्तीय अनियमितता की बात सामने आयी थी.
मैं केवल मंत्री था, टेंडर से कभी नहीं पड़ा वास्ता : बंधु
झाविमो नेता सह पूर्व मंत्री बंधु तिर्की ने नेशनल गेम्स के आयोजन में हुई गड़बड़ी से इनकार किया है. गुरुवार को एसीबी के पास अपनी बात रखने के बाद तिर्की ने कहा : मुझे अखबार के माध्यम से पता चला कि एसीबी मुझे खोज रही है. एसीबी द्वारा मुझे कभी नोटिस देकर नहीं बुलाया गया.
इस पर मैंने विरोध भी दर्ज कराया है. एसीबी से कहा है कि राष्ट्रीय खेलों के आयोजन के दौरान मैं केवल मंत्री था. टेंडर से मेरा वास्ता कभी नहीं पड़ा. पूरा काम टेंडर कमेटियों और नेशनल गेम्स ऑर्गनाइजिंग कमेटी ने किया था. टेंडर की पूरी प्रक्रिया मेरे अधिकार क्षेत्र से बाहर थी. तिर्की ने कहा कि मैंने एसीबी से जल्द जांच कर मामला निपटाने का अनुरोध किया है. मेरे अनुरोध पर 20 फरवरी को फिर से अपना पक्ष रखने के लिए बुलाया गया है.
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