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रांची : एक माह में होगी भाषा एकेडमी की शुरुआत : मुख्यमंत्री रघुवर दास

रांची : मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा कि भाषा सरकार और जनता को जोड़ने की कड़ी है. जनभाषा ही राजभाषा की अधिकारिणी होती है. हिंदी प्रारंभिक काल से ही जनभाषा और संपर्क भाषा के रूप में प्रचलित है. हिंदी राष्ट्र की पहचान, अस्मिता और राष्ट्रीयता से जुड़ी हुई है. गुलामी की मानसिकता से निकल कर […]

रांची : मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा कि भाषा सरकार और जनता को जोड़ने की कड़ी है. जनभाषा ही राजभाषा की अधिकारिणी होती है. हिंदी प्रारंभिक काल से ही जनभाषा और संपर्क भाषा के रूप में प्रचलित है.
हिंदी राष्ट्र की पहचान, अस्मिता और राष्ट्रीयता से जुड़ी हुई है. गुलामी की मानसिकता से निकल कर हिंदी से प्रेम करने की जरूरत है. हिंदी दिवस के मौके पर प्रोजेक्ट भवन के सभागार में आयोजित कार्यक्रम को वह संबोधित कर रहे थे. उन्होंने कहा कि सरकार राज्य में एक महीने के अंदर भाषा एकेडमी की शुरुआत करेगी.
सरकार का प्रयास स्कूल, कॉलेज, यूनिवर्सिटी व सरकारी कार्यालयों में ज्यादा से ज्यादा काम हिंदी में कराने का है. सरकारी कार्यालयों में हिंदी की अनिवार्यता के लिए नीति बनायी जानी चाहिए. न्यायालयों में भी हिंदी में ही काम होना चाहिए. न्यायालय के आदेश भी मातृभाषा में हों. इस बारे में केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद से पत्र लिख कर आग्रह करूंगा. मुख्यमंत्री ने कहा कि साहित्यकार, लेखक व कवि समाज के आईना होते हैं.
राज्य में हिंदी को बढ़ावा देने के लिए अटल बिहारी वाजपेयी मेमोरियल पुरस्कार योजना की शुरुआत की गयी है. इस योजना के तहत साहित्य के क्षेत्र में उदयीमान कवि, मीडिया के क्षेत्र में विख्यात पत्रकार व सुशासन के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करनेवाले अधिकारी को पुरस्कृत किया जायेगा.
उन्होंने कहा कि आधुनिक युग में हिंदी का प्रयोग भाषा विज्ञान व टेक्नोलाॅजी में भी होना चाहिए. फेसबुक, ट्वीटर, इंस्टाग्राम, ह्वाट्सएप जैसे सोशल मीडिया पर हिंदी का प्रयोग बढ़ाने के लिए अनुसंधान करना चाहिए. साहित्यकार, लेखक व कवि अन्य भाषाओं का भी अध्ययन करें. अध्ययन से प्राप्त ज्ञान को हिंदी में रूपांतरित करें. आनेवाले समय में हिंदी को आधुनिक ज्ञान-विज्ञान की भाषा बनाने की दिशा में काम करने की जरूरत है.
21वीं सदी हिंदी भाषी सदी के रूप में स्थापित करने के लिए मंथन होना चाहिए. मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत विश्व स्तर पर बड़ा बाजार है. विश्व के विभिन्न देश भारत के बाजार में स्थापित होना चाहते हैं. इस वजह से विदेशों में लोग हिंदी सीख रहे हैं. बोधगया के रण विजय सिन्हा चीन के यूआन विश्वविद्यालय कुनमीन में हिंदी के व्याख्याता हैं. वह चीनी लोगों को हिंदी सिखा रहे हैं.
यह देश के लिए गौरव का विषय है. मौके पर विकास आयुक्त डीके तिवारी, कार्मिक विभाग के अपर मुख्य सचिव केके खंडेलवाल, साहित्यकार जंग बहादुर पांडेय, राजदेव सिन्हा, कृष्ण कुमार गुप्ता समेत कई अधिकारी व साहित्य से जुड़े प्रबुद्ध लोग उपस्थित थे.

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