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रांची : ई बंदी से जेलों में बंद अपराधियों का रिकॉर्ड हासिल करेगी पुलिस

रांची : राज्य के विभिन्न जेलों में बंद अपराधियों का पूर्व आपराधिक रिकॉर्ड हासिल करने के लिए राज्य में जेल मॉनिटरिंग सिस्टम के तहत ई- बंदी अर्थात ई- प्रिजन सिस्टम बनाया गया है. इससे फायदा यह होगा कि इस सिस्टम के तहत पुलिस आसानी से किसी अपराधी का पूर्ववर्ती रिकॉर्ड हासिल कर उसे न्यायालेय में […]

रांची : राज्य के विभिन्न जेलों में बंद अपराधियों का पूर्व आपराधिक रिकॉर्ड हासिल करने के लिए राज्य में जेल मॉनिटरिंग सिस्टम के तहत ई- बंदी अर्थात ई- प्रिजन सिस्टम बनाया गया है.
इससे फायदा यह होगा कि इस सिस्टम के तहत पुलिस आसानी से किसी अपराधी का पूर्ववर्ती रिकॉर्ड हासिल कर उसे न्यायालेय में समर्पित कर पायेगी. सरकार ने इससे संबंधित आदेश जारी कर दिया है. जारी आदेश में पुलिस अधिकारियों के लिए भी कुछ निर्देश दिये गये हैं. साथ ही आदेश का अनुपालन नहीं करनेवाले पुलिस पदाधिकारियों के खिलाफ भी कार्रवाई की चेतावनी दी गयी है.
सरकार की ओर से जेल अधीक्षक को भी यह निर्देश दिया गया है कि आवश्यक पड़ने पर जिला पुलिस भी जेल मॉनिटरिंग सिस्टम का उपयोग कर सकेगी. पुलिस के लिए यह भी निर्देश है कि थाने में अपराध कर्मियों का जो आपराधिक रिकॉर्ड उपलब्ध रहता है. उसे भी जेल मॉनिटरिंग सिस्टम के पोर्टल में इंट्री की जाये, ताकि न्यायालय द्वारा आपराधिक रिकॉर्ड मांगे जाने पर उसे तत्काल उपलब्ध कराया जा सके.
क्या फायदा होगा इस सिस्टम से : पुलिस अधिकारियों और संबंधित थाना प्रभारी को पोर्टल एक्सेस करने के लिए यूजर आइडी और पासवर्ड भी तैयार कर पुलिस मुख्यालय द्वारा उपलब्ध कर दिया गया है.
पुलिस अधिकारियों के अनुसार अमूमन किसी अपराधी का पूर्ववर्ती रिकॉर्ड न्यायालय द्वारा मांगे जाने पर थाना में संबंधित अपराधी के रिकॉर्ड को देखना पड़ता है. इसमें समय भी अधिक लगता और मैन पावर भी लगता था. लेकिन ई बंदी सिस्टम के प्रभावी तरीके से काम करने में न्यायालय को अपराधियों का पूर्ववर्ती रिकॉर्ड उपलब्ध कराने में आसानी होगी.
सरकार द्वारा दिये गये निर्देश
संबंधित जिले के एसपी के लिए सरकार ने यह निर्देश दिया है कि वे अपने-अपने थाना प्रभारी को यह निर्देश देंगे कि प्राथमिकी दर्ज या आरोपी को गिरफ्तार करने के पश्चात या अनुसंधान ग्रहण करने के साथ ई- प्रिजन सिस्टम से संबंधित अभियुक्त के पूर्व अापराधिक रिकॉर्ड हासिल कर केस डायरी में इसका उल्लेख करेंगे.
केस में जिन आरोपियों के द्वारा जमानत के लिए न्यायालय में याचिका दायर की जायेगी. उन आरोपियों के पूर्व के आपराधिक रिकॉर्ड को थाना प्रभारी या अनुसंधान ई- प्रिजन सिस्टम से हासिल कर न्यायालय में समर्पित करेंगे.
सभी थाना प्रभारी एवं अनुसंधान अधिकारी अभियुक्तों के विरुद्ध ट्रायल के लिए लंबित मामले आपराधिक रिकॉर्ड क्रिमिनल जस्टिस सिस्टम अर्थात ई- प्रिजन से प्राप्त कर न्यायालय या लोक अभियोजक को समर्पित करना सुनिश्चित करेंगे.थाना प्रभारी एवं अनुसंधान पदाधिकारी द्वारा उपरोक्त निर्देश का पालन नहीं करने पर उनके खिलाफ सख्ती कार्रवाई की जायेगी.

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