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इस सरकार से विकास की उम्मीद नहीं : गिलुवा

रांची : भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मण गिलुवा ने कहा कि ये जनविरोधी सरकार है. इसमें आदिवासियों का नरसंहार हो रहा है और देशभक्तों पर पत्थरबाजी. उन्होंने कहा कि हेमंत सरकार का आगाज ठीक नहीं है. इस सरकार की जड़ में तुष्टीकरण, भ्रष्टाचार और अपराध है. इससे विकास की उम्मीद नहीं की जा सकती है. […]

रांची : भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मण गिलुवा ने कहा कि ये जनविरोधी सरकार है. इसमें आदिवासियों का नरसंहार हो रहा है और देशभक्तों पर पत्थरबाजी. उन्होंने कहा कि हेमंत सरकार का आगाज ठीक नहीं है. इस सरकार की जड़ में तुष्टीकरण, भ्रष्टाचार और अपराध है. इससे विकास की उम्मीद नहीं की जा सकती है.

श्री गिलुवा ने ये बातें शनिवार को राजभवन के समक्ष पार्टी की ओर से आयोजित मौन धरना कार्यक्रम के बाद कही. इससे पहले भाजपा के नेताओं व कार्यकर्ताओं ने चाईबासा में आदिवासियों के सामूहिक नरसंहार व लोहरदगा में सीएए समर्थन रैली पर हुए पथराव के खिलाफ मौन धरना दिया.
पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा कि अपने पहले कैबिनेट के निर्णय से ही हेमंत सरकार ने अपना रोड मैप बता दिया है. राष्ट्र विरोधियों को संरक्षण देना और राष्ट्रभक्तों को परेशान करना इस सरकार की नियति है. उन्होंने कहा कि आदिवासी हित की बात करनेवाली सरकार आदिवासियों का सामूहिक नरसंहार कराती है.
आज अपराधी और उग्रवादी भयमुक्त हो चुके हैं. राज्य में कानून का नहीं, अपराधियों का राज कायम हो गया है. मौन धरना के बाद 22 सदस्यीय प्रतिनिधि मंडल ने राज्यपाल से मिल कर चाईबासा नरसंहार एवं लोहरदगा में सीएए के समर्थन रैली पर हुए हिंसक पथराव के खिलाफ ज्ञापन सौंप कर अविलंब कार्रवाई करने की मांग की.
प्रतिनिधिमंडल में प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मण गिलुवा, नीलकंठ सिंह मुंडा, महेश पोद्दार, दिनेश उरांव, समरी लाल, राज सिन्हा, अमर कुमार बाउरी, नवीन जायसवाल, सुदर्शन भगत, प्रिया सिंह, डॉ नीरा यादव, सुनील सोरेन, दीपक प्रकाश, आदित्य साहू, राम कुमार पाहन व भानु प्रताप शामिल थे.
भाजपा ने राज्यपाल को ज्ञापन सौंप कर की मांग
  • बुरुगुरिकेला घटना की समयबद्ध न्यायिक जांच हो.
  • भुक्तभोगी प्रत्येक परिवार से एक व्यक्ति को सरकारी नौकरी मिले.
  • मृतक के परिजनों को कम से कम 20 लाख मुआवजा दिया जाये.
  • गांव में मुकम्मल सुरक्षा व्यवस्था के लिए टीओपी की स्थापना की जाये.
  • लोहरदगा हिंसा के उपद्रवियों को अविलंब गिरफ्तार किया जाये.
  • घटना के क्षेत्र में धार्मिक स्थलों के दुरुपयोग की जांच हो.
  • गंभीर रूप से घायलों को 10-10 लाख मुआवजा दिया जाये.

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