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झारखंड : आधे विद्यार्थी इंटर साइंस में हो जाते हैं फेल, 11वीं बोर्ड परीक्षा के नाम पर हो रही खानापूर्ति

रांची : राज्य माध्यमिक व उच्चतर माध्यमिक स्तर पर सीबीएसइ का पाठ्यक्रम लागू है. सीबीएसइ की तर्ज पर कक्षा नौ व 11वीं में परीक्षा ली जाती है, लेकिन राज्य में उक्त दोनों परीक्षा के नाम पर अब तक सिर्फ खानापूर्ति होती रही है. प्रावधान के अनुरूप, कक्षा नौ व 11वीं में बोर्ड की परीक्षा ली […]

रांची : राज्य माध्यमिक व उच्चतर माध्यमिक स्तर पर सीबीएसइ का पाठ्यक्रम लागू है. सीबीएसइ की तर्ज पर कक्षा नौ व 11वीं में परीक्षा ली जाती है, लेकिन राज्य में उक्त दोनों परीक्षा के नाम पर अब तक सिर्फ खानापूर्ति होती रही है. प्रावधान के अनुरूप, कक्षा नौ व 11वीं में बोर्ड की परीक्षा ली जाती है. नौवीं व 11वीं की परीक्षा में सफल नहीं होनेवाले विद्यार्थियों को मैट्रिक व इंटर की बोर्ड परीक्षा में शामिल नहीं होने देना है.

परीक्षा में कम से कम 33 फीसदी अंक लाने वाले विद्यार्थियों को ही कक्षा 10 व 12वीं में प्रोमोट करने का निर्देश दिया गया है, लेकिन परीक्षा में शामिल करीब शत प्रतिशत विद्यार्थी को अगली कक्षा में प्रोमोट कर दिया जाता है. ऐसे में कक्षा नौ व 11वीं की परीक्षा पास करने वाले 30 से 50 फीसदी परीक्षार्थी मैट्रिक व इंटर में फेल कर जाते हैं.

इंटरमीडिएट साइंस में कई वर्ष लगभग आधे बच्चे फेल हो जाते हैं. नौवीं व 11वीं की परीक्षा के लिए प्रश्न पत्र जैक द्वारा स्कूल-कॉलेजों को उपलब्ध कराया जाता है. परीक्षा लेने की जिम्मेदारी संबंधित स्कूल-कॉलेज की होती है.

उत्तरपुस्तिका की जांच भी संबंधित स्कूल-कॉलेज के शिक्षक ही करते हैं. स्कूल-कॉलेज परीक्षा में शामिल होने वाले लगभग शत-प्रतिशत बच्चों को पास कर देते हैं. दोनों परीक्षा में गड़बड़ी का मामला भी सामने आते रहता है. वर्ष 2016 में 11वीं की परीक्षा में कई काॅलेजों में खुलेआम नकल की बात सामने आयी थी.

इसके बाद जैक ने तीन कॉलेजों की परीक्षा को रद्द कर दिया था. नौवीं व 11वीं की उत्तरपुस्तिका का मूल्यांकन भी ठीक से होता है या नहीं, इसकी भी जांच नहीं की जाती. स्कूल-कॉलेजों को केवल रिजल्ट की जानकारी जैक को देनी होती है.

आठवीं बोर्ड में परीक्षा से दूर रहते हैं अपने स्कूल के शिक्षक

स्कूली शिक्षा व साक्षरता विभाग ने राज्य में वर्ष 2018 से कक्षा आठ में बोर्ड की परीक्षा शुरू की है. कक्षा आठ में बोर्ड की परीक्षा मैट्रिक के रिजल्ट को बेहतर करने के उद्देश्य से शुरू किया गया है.

कक्षा आठ की बोर्ड परीक्षा में परीक्षा कार्य व मूल्यांकन से संबंधित विद्यालय के शिक्षक को दूर रखा गया. एक ओर कक्षा आठ की परीक्षा में संबंधित विद्यालय के शिक्षक को उससे दूर रखा जाता है, वहीं दूसरी ओर कक्षा नौ व 11वीं की बोर्ड परीक्षा की पूरी प्रक्रिया संबंधित स्कूल-कॉलेज के शिक्षक की देख-रेख में होती है.

इंटर साइंस की परीक्षा में 11वीं में पास विद्यार्थियों की स्थिति

वर्ष 11वीं पास इंटर में फेल

2008 62980 31,304

2009 73197 38677

2010 85779 60,084

2011 104333 69173

2012 108854 56194

2013 81831 50504

2014 82945 30145

2015 79385 28667

2016 87307 36352

2017 90871 43282

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