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Friday, March 29, 2024

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झारखंड : …जब हरमू फ्लाइ ओवर को जमीन देने से राजभवन ने किया इंकार, जानें पूरा मामला

II शकील अख्तर II रांची : राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू ने हरमू फ्लाइ ओवर के लिए राजभवन की जमीन देने से इंकार कर दिया है. इसके लिए राजभवन की सुरक्षा सहित अन्य कारणों को आधार बनाया है. राजभवन ने इससे संबंधित सूचना राज्य सरकार को भेज दी है. इससे अब प्रस्तावित हरमू फ्लाइ ओवर के निर्माण […]

II शकील अख्तर II
रांची : राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू ने हरमू फ्लाइ ओवर के लिए राजभवन की जमीन देने से इंकार कर दिया है. इसके लिए राजभवन की सुरक्षा सहित अन्य कारणों को आधार बनाया है. राजभवन ने इससे संबंधित सूचना राज्य सरकार को भेज दी है. इससे अब प्रस्तावित हरमू फ्लाइ ओवर के निर्माण की संभावना कम हो गयी है.
दिसंबर में भेजा गया था प्रस्ताव : जमीन की पूरी व्यवस्था किये बिना ही 15 नवंबर 2017 को राज्य के स्थापना दिवस पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के हाथों हरमू फ्लाइ ओवर का ऑनलाइन शिलान्यास करा दिया गया था. इसका निर्माण झारखंड अरबन इंफ्रास्ट्रक्चर कंपनी की ओर से किया जाना था.
कंपनी ने दिसंबर 2017 में नगर विकास विभाग के माध्यम से राज्यपाल के पास फ्लाइ ओवर के लिए जमीन देने का प्रस्ताव भेजा था. प्रस्ताव में हरमू फ्लाइ ओवर के लिए राजभवन के पिछले हिस्से से 56 फुट और नागा बाबा खटाल की तरफ से 40 फुट जमीन देने का अनुरोध किया गया था.
नागा बाबा खटाल की तरफ से 40 फुट जमीन की मांग फ्लाइ ओवर के रोड नंबर-2 के लिए की गयी थी. पर विचार के बाद राज्यपाल ने राजभवन की जमीन हरमू फ्लाइ ओवर के लिए देने से इंकार कर दिया.
सुरक्षा और अन्य कारणों से राज्यपाल ने राजभवन की जमीन देने से किया मना
कितनी जमीन की बतायी गयी थी आवश्यकता
राजभवन के पिछले हिस्से से 56 फुट और नागा बाबा खटाल की तरफ से 40 फुट जमीन का अनुरोध किया गया था
शुरू से ही योजना में आ रही अड़चन
सरकार ने एलपीएन शाहदेव चौक से कार्तिक उरांव चौक तक 2.34 किमी लंबा और 16.5 मीटर चौड़ा फ्लाइ ओवर बनाना का फैसला किया था. इसके लिए 240.056 डिसमिल सरकारी और 296.928 डिसमिल निजी जमीन की जरूरत थी. पर जमीन की व्यवस्था किये बिना ही राष्ट्रपति से इसका शिलान्यास करा दिया गया. टेंडर भी जारी कर दिया गया.
झारखंड इंफ्रास्ट्रक्चर कंपनी ने 27 अप्रैल 2017 को 130 करोड़ की लागत पर फ्लाइ ओवर बनाने के लिए मेसर्स सुप्रीम इंफ्रा कंपनी को वर्क ऑर्डर दिया. जबकि इस कंपनी को पथ निर्माण विभाग ने पहले ही ब्लैक लिस्टेट कर रखा था. इस बात की जानकारी मिलने के बाद झारखंड अरबन इंफ्रास्ट्रक्चर कंपनी ने 26 मार्च 2018 को वर्क ऑर्डर रद्द कर दिया.
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