रांची: झारखंड की बेटी और भारतीय महिला हॉकी टीम की पूर्व कप्तान सुमराई टेटे ध्यानचंद लाइफ टाइम अवार्ड (2016) पानेवाली देश की पहली महिला हॉकी खिलाड़ी होंगी. 29 अगस्त को राष्ट्रीय खेल दिवस के अवसर पर उन्हें सम्मानित किया जायेगा. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद उन्हें पुरस्कार प्रदान करेंगे. सिमडेगा जिले के कसिरा बलियाजोर गांव की रहनेवाली सुमराई टेटे ने लगभग एक दशक तक भारतीय महिला हॉकी टीम का प्रतिनिधित्व किया. वर्ष 2002 में टेटे की कप्तानी में भारतीय महिला हॉकी टीम ने मैनचेस्टर कॉमनवेल्थ गेम्स में स्वर्ण जीती थी.
उनके नेतृत्व में भारतीय टीम ने कई अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट जीती. वर्ष 2006 में अभ्यास शिविर के दौरान घुटने में लगी चोट ने सुमराय टेटे के अंतरराष्ट्रीय करियर का अंत कर दिया. 2013-14 में सुमराई ने भारतीय हॉकी टीम में सहायक प्रशक्षिक की भी भूमिका निभायी.
आपने किसी अवार्ड के लिए आवेदन दिया था?
मैं जब खेलती थी, तब तीन-चार बाद अर्जुन अवार्ड के लिए आवेदन दिया था. पर किसी कारणवश नहीं मिल पाया . 2007 में खेल छोड़ने के बाद मैंने लगातार ध्यानचंद अवार्ड के लिए आवेदन किया. अब मेरा नाम इस अवार्ड के लिए आ गया है, तो खुशी की बात है. इससे पूरे झारखंड का मान बढ़ेगा.
आपको नहीं लगता कि अवार्ड मिलने में देर हुई ?
मुझे लगता है कि ध्यानचंद अवार्ड हो या फिर अर्जुन अवार्ड, खिलाड़ियों और पूर्व खिलाड़ियों को समय से मिल जाना चाहिए. अब मुझे समय से नहीं मिला, तो इसमें ईश्वर की कोई मर्जी होगी. अब मुझे अवार्ड मिलने जा रहा है. इससे हॉकी खिलाड़ियों का उत्साह बढ़ेगा. वे मोटिवेट भी होंगे. यहां के खिलाड़ियों को भी आगे बढ़ने में मदद मिलेगी. हॉकी में क्या बदलाव हुए हैं और झारखंड की हॉकी का स्तर क्या है?
पहले की तुलना में अब की हॉकी और भी फास्ट हो गयी है. पहले 35-35 मिनट का खेल होता था, वहीं अब चार क्वार्टर में मैच खेला जाता है. अब के खिलाड़ियों को फास्ट होने के साथ ही फिट होने की भी जरूरत है. जहां तक झारखंड हॉकी की बात है, यहां हॉकी का स्तर अब थोड़ा ऊपर आ रहा है. कोच और खिलाड़ियों को और भी मेहनत करने की जरूरत है.

