झारखंड अपनी स्थापना के 19 वर्ष पूरा कर 20वें वर्ष में प्रवेश कर चुका है. तुलनात्मक रूप से पिछड़ा रहा यह राज्य अब विकास के पथ पर अग्रसर है. इस दौरान पुल-पुलिया और सड़क जैसे संरचना निर्माण को बढ़ावा मिला है. वहीं शैक्षणिक संस्थानों की संख्या तथा रोजी-रोजगार के साधन भी बढ़े हैं. आम लोगों को नि:शुल्क स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया करायी जा रही है. कुल मिला कर शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में भी राज्य बेहतरी की अोर है. अब तक की सभी सरकारों का इसमें कमोबेश योगदान रहा. मौजूदा सरकार ने भी विकास को गति दी है.
देश का पहला पेपरलेस विधानसभा भवन
2019 में झारखंड को नया विधानसभा मिल गया. विधानसभा का नया भवन 465 करोड़ रुपये की लागत से 57,220 वर्गमीटर क्षेत्र में बनाया गया है. शिलान्यास 12 जून 2015 में हुआ था. इसी वर्ष 12 सितंबर को इसका उद्घाटन किया गया. विधानसभा का नया भवन भविष्य को ध्यान में रख कर तैयार किया गया है. नये भवन में विधायकों की सीटों को बढ़ा कर लगभग दोगुना (150 सीट) कर दिया गया है. यह देश की पहली पेपरलेस विधानसभा है. इसमें जल और ऊर्जा संरक्षण की व्यवस्था है. इसकी छत पर झारखंडी संस्कृति की झलक दिखती है.
खेल : झारखंड की शान है मेगा स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स
होटवार स्थित मेगा स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स 800 करोड़ की लागत से 2009 में बनकर तैयार हुआ. परिसर में मुख्य स्टेडियम के अलावा सात आउटडोर और इंडोर स्टेडियम हैं. मुख्य एथलेटिक्स स्टेडियम में एक साथ 35 हजार लोगों के बैठने की क्षमता है. इसके अलावा स्टेडियम में आठ लेन का प्रैक्टिस ट्रैक और इंडोर प्रैक्टिस ट्रैक है. इस स्टेडियम के अलावा इस कॉम्प्लेक्स में तीन इंडोर स्टेडियम, टेनिस सेंटर, एक्वाटिक स्टेडियम, खोखो, कबड्डी ग्राउंड, शूटिंग रेंज, वेलोड्रोम (साइक्लिंग ट्रैक) बनाये गये हैं. इसके अलावा इस परिसर में 1.25 लाख वर्ग फीट का प्रशासनिक भवन, एक वीआइपी गेस्ट हाउस, दो हॉस्टल और अन्य सुविधाएं भी हैं.
आशियाना : 5.70 लाख से ज्यादा आवास बने
राज्य के ग्रामीण इलाकों में प्रधानमंत्री आवास योजना से अब तक 4.70 लाख से आवासों का निर्माण कराया गया. वहीं शहरी क्षेत्र में भी एक लाख से ज्यादा लोगों को आवास बनाये गये हैं.
141979 घरों में शौचालय बने
मनरेगा व स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) के तहत 141979 घरों में शौचालयों का निर्माण कराया गया है.
बिजली : सभी 32497 गांव बिजली से हुए रोशन
बिजली के क्षेत्र में झारखंड तेजी से बढ़ रहा है. 15 नवंबर 2000 को झारखंड में गांवों की संख्या 32497 थी. इसमें से केवल सात हजार गांवों में ही बिजली पहुंची थी. 31 दिसंबर 2018 तक झारखंड के सभी गांव विद्युतीकृत हो गये. जबकि राज्य के 66,27,439 घरों में जुलाई 2019 तक बिजली कनेक्शन दे दिये गये. इससे आमलोगों की जिंदगी आसान हो गयी है.
सड़क : 7336 किमी पथों की लंबाई बढ़ी , 278 बड़े पुल बने
19 वर्षों में राज्य में 7336 किलोमीटर नयी सड़क बनी है. राज्य गठन के पूर्व झारखंड में पथ निर्माण विभाग की 5400 किलोमीटर सड़क थी. इसमें स्टेट हाइवे से लेकर एक शहर को दूसरे शहर से जोड़ने वाली सड़कों के साथ ही महत्वपूर्ण जिलों की सड़कें शामिल थीं. अब 5400 किमी से बढ़ कर 12580 किमी हो चुकी हैं. 2000 में राज्य में सड़कों का घनत्व 67.74 किमी प्रति 1000 वर्ग किमी था, जो बढ़ कर आज 159.78 किमी प्रति 1000 वर्ग किमी हो गया है.राज्य गठन से लेकर अब तक 278 बड़े पुलों का निर्माण हुआ है. राज्य की प्रमुख सड़कों पर जहां अंग्रेज के जमाने के पुल थे, उन्हें बदल कर नये व चौड़े पुलों का निर्माण कराया गया. ईंट से बने पुल बदले गये. सभी प्रमुख नदियों पर पुल बनाये गये. वहीं छोटी नदियों व नालों पर भी 1000 से ज्यादा पुलों का निर्माण कराया गया. नेशनल हाइवे की कई सड़कें चौड़ी की गयी.
2000 में एक भी फोर लेन सड़क नहीं थी. अब एनएच-33 रांची से हजारीबाग, रामगढ़-बोकारो सहित अन्य सड़कें फोर लेन की गयीं. छह लेन की रांची रिंग रोड बनी. राज्य गठन के बाद पहली बार एनएचएआइ ने झारखंड की सड़कों को अपने अधीन लिया. राजधानी में डिबडीह व कडरू आरओबी बने.
शिक्षा : झारखंड में 39 उच्च शिक्षा संस्थान खोले गये हैं
झारखंड राज्य बनने के बाद उच्च शिक्षा के क्षेत्र में काफी विस्तार हुआ है. विद्यार्थियों के पलायन को रोकने के लिए लगभग 39 उच्च शिक्षा संस्थान खोले गये. इनमें नौ सरकारी, एक केंद्रीय, 15 प्राइवेट विवि, एक आइएमएम, चार मेडिकल व डेंटल, दो सरकारी इंजीनियरिंग व आठ कृषि सह पशुपालन कॉलेज सहित सौ से अधिक सरकारी व प्राइवेट बीएड कॉलेज खोले गये. राज्य में ट्रिपल आइटी का प्रस्ताव है. जमशेदपुर में महिला विवि की स्थापना हुई और झारखंड रक्षा शक्ति विवि भी खुला. राज्य में एक आइआइएम भी है. आइएसएम (धनबाद) को आइआइटी का दर्जा मिला. उच्चा शिक्षा के लिए कई संस्थान खुले लेकिन इनमें से कइयों का अपना भवन नहीं है.
मल्टी मॉडल : 2.5 वर्ष में बना साहिबगंज टर्मिनल
साहिबगंज मल्टी मॉडल टर्मिनल दो साल छह माह पांच दिन में तैयार हो गया. 12 सितंबर, 2019 को पीएम नरेंद्र मोदी ने रांची से राष्ट्र को समर्पित किया था. देश का दूसरा मल्टी-मॉडल टर्मिनल है. पहले चरण के निर्माण पर 290 करोड़ रुपये खर्च हुए. यह कंटेनर कार्गो हैंडलिंग में सक्षम है और माल ढोने की क्षमता 30 लाख टन प्रति वर्ष है.
विज्ञान : साइंस सिटी और तारामंडल का निर्माण
मोरहाबादी के पास चिरौंदी में साइंस सिटी व तारामंडल का निर्माण किया गया. 13 एकड़ के क्षेत्र में साइंस सिटी और 26 करोड़ की लागत से तारामंडल बना है. दुमका व देवघर में तारामंडल निर्माण की प्रक्रिया चल रही है. इनोवेशन हब का शिलान्यास किया गया है. इधर तकनीकी संस्थानों में नामांकन आदि के लिए झारखंड संयुक्त प्रवेश प्रतियोगिता परीक्षा पर्षद खोले गये.