विधानसभा अध्यक्ष ने कार्य स्थगन प्रस्ताव को किया नामंजूर
अनुपूरक बजट पर होनी है चर्चा
रांची: भूमि अधिग्रहण कानून और स्वामी अग्निवेश की कल पाकुड़ में हुई पिटाई को लेकर मुख्य विपक्षी दल झारखंड मुक्ति मोर्चा, कांग्रेस, झारखंड विकास मोर्चा समेत लगभग सभी विपक्षी दलों के हंगामे के कारण झारखंड विधानसभा के मानसून सत्र के तीसरे दिन सदन की कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी. विधानसभा की कार्यवाही ग्यारह बजे प्रारंभ होते ही झामुमो के नेता हेमंत सोरेन और झाविमो नेता प्रदीप यादव ने सरकार से भूमि अधिग्रहण कानून को वापस लेने और पाकुड़ में स्वामी अग्निवेश की कथित तौर पर भाजपा कार्यकर्ताओं द्वारा की गयी पिटाई पर कार्यस्थगन कर चर्चा कराने की मांग की.
उनके समर्थन में झारखंड विकास मोर्चा के अन्य नेता और कांग्रेस के आलमगीर आलम भी खड़े हुए. विपक्षी विधायकों ने भूमि अधिग्रहण कानून वापस नहींलिए जाने तक सदन की कार्यवाही नहीं चलने देने की बात कही. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने इस कानून को बिना चर्चा के जबरन पारित करा लिया था लिहाजा कानून को वापस लिया जाये. नये सिरे से संशोधित विधेयक सदन में रखा जाए और चर्चा के बाद ही उसे पारित कराया जाये.
विपक्षी नेताओं को शांत कराते हुए विधानसभाध्यक्ष दिनेश उरांव ने सदन की कार्यवाही चलने देने का आग्रह किया.
हालांकि उन्होंने विपक्ष के कार्यस्थगन प्रस्ताव को नामंजूर कर दिया और कहा कि जब मुख्यमंत्री ने अग्निवेश के मामले में उच्चस्तरीय जांच के आदेश दे दिये हैं तो इस पर कार्यस्थगन की आवश्यकता नहीं है. संसदीय कार्य मंत्री नीलकंठ सिंह मुंडा प्रश्नकाल को जनहित से जुड़ा बताते हुए विपक्ष से उसे चलने देने और आम जनता से जुड़े मुद्दों पर चर्चा होने देने का अनुरोध किया. विपक्षी सदस्य अपीलों को अनसुना करते हुए अध्यक्ष के आसन के पास आ गये. हंगामा नहीं थमता देख उरांव ने सदन की कार्यवाही दोपहर पौने एक बजे तक के लिए स्थगित कर दी. कार्यवाही फिर से शुरू होने पर विपक्ष ने अपना हंगामा जारी रखा, जिसके बाद उसे दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी गयी. आज विधानसभा की कार्यवाही में वर्तमान वित्तीय वर्ष के प्रथम अनुपूरक बजट पर चर्चा होनी है.
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