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फ्लैश बैक : जमशेदपुर पश्चिम विधानसभा क्षेत्र, एक नारे ने पलटी शमशुद्दीन खान की बाजी और चुनाव जीत गये एमपी सिंह

संजीव भारद्वाज जमशेदपुर : भारतीय लोकतंत्र में कोई भी चुनाव बगैर नारों के संपन्न नहीं हो सकता. नारे न तो कविता हैं, न ही कहानी, इन्हें साहित्य की श्रेणी में रखा गया है. पर वे नारे ही हैं, जो लोगों को किसी दल और उसकी सोच को जनता के सामने लाते हैं. ऐसे ही एक […]

संजीव भारद्वाज
जमशेदपुर : भारतीय लोकतंत्र में कोई भी चुनाव बगैर नारों के संपन्न नहीं हो सकता. नारे न तो कविता हैं, न ही कहानी, इन्हें साहित्य की श्रेणी में रखा गया है. पर वे नारे ही हैं, जो लोगों को किसी दल और उसकी सोच को जनता के सामने लाते हैं. ऐसे ही एक नारे ने जमशेदपुर पश्चिम विधानसभा में 1985 के चुनाव परिणाम काे बदल दिया था. बिहार में कांग्रेस प्रत्याशी रहे तारिक अनवर ने एक चुनावी नारा लगाया था. उसी नारे काे 1985 में जमशेदपुर पश्चिम के चुनाव में तलवार की तरह इस्तेमाल किया गया. इस चुनाव में भाजपा के मृगेंद्र प्रताप सिंह आैर कांग्रेस के माे शमशुद्दीन खान के बीच कांटे की टक्कर थी.
बाजी अपने फेवर में करने आैर मार्जिन काे बढ़ाने के लिए शमशुद्दीन ने तारिक अनवर के नारे काे चुनाव में लहराया, जिसे भाजपा प्रत्याशी एमपी सिंह ने हाथाें-हाथ पकड़ लिया. उनके समर्थकाें ने इस नारे काे चुनाव के दाे दिन पहले राताें-रात दीवार पर लिख दी. यह पूरे क्षेत्र में चर्चा का विषय बन गया. अखबाराें में वॉल पेटिंग वाला नारा बड़ी तस्वीर के साथ उभरा.
एमपी सिंह ने शमशुद्दीन खान काे कड़े मुकाबले में 1456 मताें से पराजित कर दिया. बाद में दाेनाें ही पक्षाें ने इस बात काे नकार दिया कि उसने नारा लगाया या उन्हाेंने दीवार पर लिखवाया.
इससे पहले 1980 के चुनाव में भी एमपी सिंह आैर शमशुद्दीन खान के बीच कड़ा मुकाबला हुआ था. इस चुनाव में एमपी सिंह महज 58 वाेट से पराजित हुए थे. शमशुद्दीन खान काे 0.12 प्रतिशत अधिक मत मिले थे. राजनीतिक, वाणिज्यिक, धार्मिक और अन्य संदर्भो में किसी विचार या उद्देश्य को बारंबार अभिव्यक्त करने के लिए प्रयुक्त यादगार आदर्श वाक्य या सूक्ति को नारा कहा जाता है.
इनकी आसान अभिव्यक्ति विवरण की कोई गुंजाइश नहीं छोड़ती है और इसलिए शायद वे अभिष्ट श्रोताओं के लिए प्रक्षेपण की बजाय, एकीकृत उद्देश्य की सामाजिक अभिव्यक्ति के रूप में अधिक काम करते हैं, जैसा 1985 में जमशेदपुर पश्चिम विधानसभा में देखने काे मिला था.

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