एक्सपर्ट
इमरान अली
न्यूटन ट्यूटोरियल ( रांची )
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परीक्षाओं का मौसम है. जेईई एडवांस की परीक्षा 20 मई को है. मेडिकल प्रवेश परीक्षा ( ऑल इंडिया प्री-मेडिकल टेस्ट) की तारीख छह मई निर्धारित है. ऐसे में प्रभात खबर डॉट कॉम छात्रों की तैयारी को और बेहतर बनाने के लिए टिप्स की एक सीरीज लेकर आया है. इस सीरीज में हम मेडिकल और इंजीनियरिंग की तैयारी कर रहे छात्रों के सिलेबस को ध्यान में रखकर उनके लिए सलाह लेकर आये हैं. कि परीक्षा के लिए बहुत कम वक्त बचा है, ऐसे में क्या और कितना पढ़ा जाये. इसकी सलाह भी हम उन्हें देंगे. पहली कड़ी में आज पढ़ें जेईई एडवांस की तैयारी के लिए कैसे करें गणित की तैयारी :-
रणनीति बनायें और तैयारी करें
जेईई मेन्स की परीक्षा अभी हुई है, अगर छात्र जेनरल हैं और 70 से ज्यादा नंबर ला रहे हैं, ओबीसी हैं, 45 से ज्यादा ला रहे हैं, एससीएसटी हैं और 35 से ज्यादा ला रहे हैं, तो उन्हें जेईई एडवांस की तैयारी शुरू कर देनी चाहिए. एडवांस के लिए रणनीति बना लेनी चाहिए. एडवांस के अलावा भी बहुत सारी परीक्षाएं है जिसके लिए भी उन्हें तैयारी करनी चाहिए.
गणित में सबसे अहम क्या है?
गणित में सबसे पहले आप कॉओडिनेट से शुरूआत करें. यह पांच – छह चैप्टर का है साधारणत : इससे बहुत आसान सवाल पूछे जाते हैं. इसे मजबूत करें . इसके बाद कैलकुलस की तरफ जाना चाहिए. इसमें बेसिक फंक्शन मजबूत करें फिर इसके दूसरे भागों की तैयारी करें जिसमें लिमिट, कंटिन्यूटी जैसे कई भाग हैं. इसके बाद इंटीग्रल कैलकुलेसन इंडेफिनिट- डेफिनिट इंटीग्रेशन, एरिया, डिफरेंशियल इक्वेशन यह ऐसे चैप्टर हैं जिनसे कम से कम एक- एक सवाल तो जरूर आयेगा. वेक्टर 3 डी छोटा सा चैप्टर है लेकिन दो – तीन सवाल जरूर मिल जायेंगे. इन सवालों का स्तर 12वीं के बराबर होता है.
कैलकुलस थोड़ा कठिन होता है. पिछले दो- तीन सालों में देखा गया है कि वैक्टर 3 डी में बोर्ड के स्तर के सवाल पूछे जा रहे हैं. फिर अलजेब्रा है इसमें कई चैप्टर हैं इसमें कई छात्र पहले से मजबूत होते हैं, बस उन्हें थोड़ा सा ज्यादा समय देने की जरूरत है. आप जिस चैप्टर में औसत हैं, उसमें समय देना है लेकिन इतना समय भी नहीं देना कि दूसरी चीजें रह जाये. पिछले कुछ सालों में देखा गया है कि जेईई मेन्स की तुलना में जेईई एडवांस का पेपर आसान था.
टाइम मैनेजमेंट
परीक्षा की शुरूआत हमेशा रसायन ( केमिस्ट्री) से करें फिर फिजिक्स में जायें इसके बाद गणित ( मैथ ) में जायें. गणित का पेपर कठिन होता बनिस्पत केमिस्ट्री और फिजिक्स के, इसलिए पहले फिजिक्स केमेस्ट्री को हल करें ताकि आपमें आत्मविश्वास आ जाये. परीक्षा देते वक्त आप समय तय रखिए तीन घंटे की परीक्षा में 40- 45 मिनट केमिस्ट्री , 50 से 55 मिनट फिजिक्स और फिर गणित और रिविजन के लिए वक्त रखिए.