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Thursday, March 28, 2024

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पांच साल में कम हुआ रांची में प्रदूषण, झरिया सबसे प्रदूषित, जानें झारखंड के अन्य स्थानों की प्रदूषण मात्रा के बारे में

ग्रीनपीस इंडिया ने वायु प्रदूषण पर जारी की कई शहरों की रिपोर्ट रांची : पिछले पांच साल में राजधानी रांची का प्रदूषण स्तर कम हुआ है. हर साल देश के विभिन्न शहरों के वायु प्रदूषण के आंकड़े इकट्ठे करनेवाली जानी-मानी संस्था ग्रीन पीस इंडिया की रिपोर्ट इसकी पुष्टि करती है. साल 2018 के आंकड़ों पर […]

ग्रीनपीस इंडिया ने वायु प्रदूषण पर जारी की कई शहरों की रिपोर्ट
रांची : पिछले पांच साल में राजधानी रांची का प्रदूषण स्तर कम हुआ है. हर साल देश के विभिन्न शहरों के वायु प्रदूषण के आंकड़े इकट्ठे करनेवाली जानी-मानी संस्था ग्रीन पीस इंडिया की रिपोर्ट इसकी पुष्टि करती है. साल 2018 के आंकड़ों पर आधारित इस संस्था की रिपोर्ट में इस बार प्रदूषण के मामले में रांची देश भर में 77वें स्थान पर है.
ग्रीनपीस इंडिया ने इस बार वायु प्रदूषण को लेकर देश के कई शहरों की रिपोर्ट जारी की है. इसमें रांची के वायु प्रदूषण मापनेवाले केंद्र से जो डाटा लिया गया है, उसके मुताबिक वर्ष 2018 में राजधानी में पीएम-10 की मात्रा 122 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर पायी गयी है. जबकि, वर्ष 2013 में यहां पीएम-10 की मात्रा 177 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर पायी गयी थी. हालांकि, 2015 में पीएम-10 की मात्रा बढ़ कर 220 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर हो गयी थी.
झरिया देश में सबसे प्रदूषित, धनबाद दूसरे स्थान पर : ग्रीनपीस इंडिया की रिपोर्ट बताती है कि झरिया देश का सबसे प्रदूषित इलाका है. वहीं, धनबाद का शहरी इलाका दूसरे स्थान पर है. पिछले पांच साल में झरिया में वायु प्रदूषण की मात्रा करीब डेढ़ गुना बढ़ गयी है. झरिया की हवा में पीएम-10 की मात्रा हर साल तेजी से बढ़ रही है. वर्ष 2018 में झरिया में पीएम-10 की मात्रा 322 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर रही.
जबकि वर्ष 2013 में 193 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर थी. ऐसा यहां कोयला खदान के कारण हो रहा है. यहां कोयला खदान के नीचे आग भी लगी हुई है. दूसरे स्थान पर धनबाद शहर का नंबर आता है. वर्ष 2018 में धनबाद में पीएम-10 की मात्रा 264 पायी गयी है. जबकि वर्ष 2013 में यहां पीएम-10 की मात्रा 157 थी. देश के शीर्ष 75 शहरों में झारखंड से जमशेदपुर, सरायकेला-खरसावां, बड़ाजामदा और सिंदरी भी शामिल हैं.
ऐसे किया गया अध्ययन
287 शहरों के 699 केंद्रों पर एक साल में 52 या इससे अधिक दिनों तक आंकड़े इकट्ठा किये गये.
264 शहरों के 631 केंद्रों पर एक साल में 78 या इससे अधिक दिनों तक आंकड़े इकट्ठा किये गये.
225 शहरों के 510 केंद्रों पर एक साल में 93 या इससे अधिक दिनों तक आंकड़े इकट्ठा किये गये.
145 शहरों के 299 केंद्र पर एक साल में 104 या इससे अधिक दिनों तक डाटा रिकार्ड किया गया.
287 शहरों के एक या एक से अधिक केंद्र पर 52 दिनों से अधिक बार वायु गुणवत्ता की जांच की गयी.
शीर्ष 75 शहरों में जमशेदपुर, सरायकेला खरसावां, बड़ाजामदा व सिंदरी भी शामिल
कोयला खदान होने के कारण झरिया व धनबाद की हालत सबसे ज्यादा खराब
झारखंड के अन्य स्थानों की प्रदूषण मात्रा
पीएम-10 की मात्रा (माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर )
बड़ाजामदा 75
128 सरायकेला
जमशेदपुर 129
सिंदरी 136
2024 तक शहरों में प्रदूषण कम करने का लक्ष्य
वर्ष 2019 में पहली बार केंद्रीय पर्यावरण व वन मंत्रालय की ओर से राष्ट्रीय स्वच्छ वायु योजना (एनसीएपी) की शुरुआत की गयी है. योजना के तहत 2024 तक देश के विभिन्न शहरों के प्रदूषण स्तर को 20-30 फीसदी कम करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है. इसके लिए तैयार की गयी सूची में रहने के लिए अयोग्य शहरों को भी शामिल किया गया है, जो एनसीएपी का हिस्सा हैं.
इनमें वे 20 शहर भी रहेंगे, जिन्हें केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) ने अगस्त 2019 में रहने के लिए अयोग्य शहर घोषित किया है. मंत्रालय की ओर से इन्हें अभी तक एनसीएपी का हिस्सा नहीं बनाया गया है. विभिन्न राज्यों के उन शहरों को भी इसमें शामिल किया जायेगा, जहां 2018 तक पीएम-10 सघनता ठीक रही है. एनसीएपी में शामिल सभी 102 शहरों में वायु की गुणवत्ता को स्वच्छ बनाने की जो कार्य योजना तैयार की गयी है.
231 शहर रहने लायक नहीं
80 फीसदी से ज्यादा (231) शहर ऐसे हैं जहां के पीएम-10 स्तर एनएएक्यूएस की ओर से निर्धारित मानक 60 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर से अधिक है. ये शहर रहने के लिए अयोग्य शहर की श्रेणी में हैं.
मिजोरम का लुंगलेई एकमात्र ऐसा शहर है, जहां पीएम-10 का स्तर विश्व स्वास्थ्य संगठन की ओर से निर्धारित 20 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर है. इसके अलावा बाकी सभी शहरों के प्रदूषण का स्तर डब्ल्यूएचओ की ओर से निर्धारित पीएम-10 के प्रदूषण स्तर से काफी अधिक है. 140 शहर ऐसे हैं जहां के पीएम-10 का स्तर 90 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर से भी अधिक है.
पिछले छह साल में पीएम-10 की स्थिति (प्रदूषण)
माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर
स्थान 2013 2014 2015 2016 2017 2018
झरिया 193 237 231 280 295 322
धनबाद 157 166 168 226 238 264
जमशेदपुर 135 — 134 136 131 129
रांची 177 197 220 196 142 122
यह चिंताजनक है कि 80 फीसदी से ज्यादा शहरों में पीएम-10 की मात्रा एनएनक्यूएस की निर्धारित 60 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर से अधिक है. अगर हमें राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम को सच में एक राष्ट्रीय कार्यक्रम बनाना है, तो हमें इन सभी शहरों को इसी कार्यक्रम के तहत लाना होगा.- अविनाश चंचल
सीनियर, कैंपेनर ग्रीन पीस इंडिया
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