- महिला एवं बाल कल्याण विभाग को बाल कल्याण बजट तैयार करने का मिला जिम्मा
- जनवरी में पेश होगा बजट
- 12 दिसंबर तक तैयार करना है
- अगले वित्तीय वर्ष का बजट विभागों से कार्यान्वयन होता है
पहली बार बच्चों के लिए अलग से बजट पेश करेगी राज्य सरकार
सुनील चौधरी, रांची : वित्तीय वर्ष 2019-20 में 18 वर्ष से कम उम्र के बच्चों के कल्याण के लिए अलग से बजट तैयार किया जायेगा. इसके लिए महिला एवं बाल कल्याण विभाग को वैसे अन्य विभाग जहां बच्चों के लिए योजनाएं चलती हैं, उनसे समन्वय स्थापित कर बाल कल्याण बजट तैयार करने की जिम्मेवारी सौंपी […]
सुनील चौधरी, रांची : वित्तीय वर्ष 2019-20 में 18 वर्ष से कम उम्र के बच्चों के कल्याण के लिए अलग से बजट तैयार किया जायेगा. इसके लिए महिला एवं बाल कल्याण विभाग को वैसे अन्य विभाग जहां बच्चों के लिए योजनाएं चलती हैं, उनसे समन्वय स्थापित कर बाल कल्याण बजट तैयार करने की जिम्मेवारी सौंपी गयी है.
राज्य सरकार ने 2019-20 की बजट की तैयारी शुरू कर दी है. योजना सह वित्त विभाग के अपर मुख्य सचिव सुखदेव सिंह ने इसकी तैयारियों को लेकर सभी विभागों के प्रधान सचिव, सचिव व विभागीय प्रमुखों को पत्र लिखा है.पत्र में विभागों को ब्योरा भेजने के लिए डेडलाइन निर्धारित कर दी गयी है.
इस बाबत अपर मुख्य सचिव ने राजस्व प्राप्तियों का ब्योरा 19 नवंबर तक, स्थापना व्यय का ब्योरा 28 नवंबर तक तथा सामान्य बजट (राज्य स्कीम, केंद्र प्रायोजित स्कीम, केंद्रीय सेक्टर स्कीम, 100 प्रतिशत सेंट्रल फंडिग एवं बाह्य सहायता प्राप्त परियोजना) 12 दिसंबर तक भेजने के लिए डेडलाइन निर्धारित कर दी है.
कृषि बजट, परिणाम बजट, जेंडर बजट और एटीआर के दस्तावेज भी मांगे: अपर मुख्य सचिव ने 2019-20 में वार्षिक बजट के साथ कृषि बजट, परिणाम बजट, जेंडर बजट, बाल कल्याण बजट और एक्शन टेकन रिपोर्ट(एटीआर) के दस्तावेज भी तैयार करने का निर्देश दिया है.
बाल कल्याण बजट के बाबत लिखा गया है कि राज्य की जनसंख्या का एक बड़ा हिस्सा 18 वर्ष से कम उम्र के बच्चों का है. राज्य सरकार उनके कल्याण और विकास के लिए वचनबद्ध है. विभिन्न विभागों में बच्चों के कल्याण के लिए संचालित की जा रही योजनाओं को चिह्नित कर वित्तीय वर्ष 2019-20 से बाल कल्याण बजट प्रस्तुत किया जाना प्रस्तावित है.
छह विभागों से कार्यान्वयन होता है बाल कल्याण से संबंधित योजनाओं का
राज्य सरकार के पर्यटन, कला संस्कृति, खेलकूद एवं युवा कार्य विभाग, कल्याण विभाग, स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग, महिला, बाल विकास एवं सामाजिक सुरक्षा विभाग, श्रम नियोजन एवं प्रशिक्षण विभाग, स्वास्थ्य विभाग आदि के अंतर्गत बाल कल्याण से संबंधित योजनाओं का कार्यान्वयन कराया जाता है. महिला, बाल विकास एवं सामाजिक सुरक्षा विभाग द्वारा योजना सह वित्त विभाग तथा उक्त विभागों से समन्वय स्थापित कर बाल कल्याण बजट तैयार कर झारखंड विधानसभा में पेश किया जायेगा.
झारखंड सरकार नये बजट में बच्चों के लिए अलग से बजट पेश करेगी. सभी विभागीय सचिवों को इसकी तैयारी के निर्देश दिये गये हैं. यह पहला मौका होगा, जब सरकार बाल कल्याण बजट पेश करेगी. इसके पूर्व से सरकार कृषि और महिलाओं के लिए जेंडर बजट पेश करती आ रही है.
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