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टीवीएनएल विवाद सुलझाने के लिए बिहार ने मांगी आधी बिजली

रांची : टीवीएनएल के स्वामित्व को लेकर बिहार और झारखंड में 18 वर्षों से विवाद चल रहा है. बिहार आज भी टीवीएनएल पर अपना दावा कर रहा है. मामला सुप्रीम कोर्ट में है. लंबे समय से मामला चलता देख अब बिहार सरकार की तरफ से नया शिगूफा छोड़ा गया है. बिहार सरकार के ऊर्जा विभाग […]

रांची : टीवीएनएल के स्वामित्व को लेकर बिहार और झारखंड में 18 वर्षों से विवाद चल रहा है. बिहार आज भी टीवीएनएल पर अपना दावा कर रहा है. मामला सुप्रीम कोर्ट में है. लंबे समय से मामला चलता देख अब बिहार सरकार की तरफ से नया शिगूफा छोड़ा गया है. बिहार सरकार के ऊर्जा विभाग ने एक पत्र झारखंड सरकार को भेजा है. पत्र में कहा गया है कि अगर झारखंड को टीवीएनएल चाहिए, तो वह आधी बिजली बिहार सरकार को दे. इस प्रस्ताव को लेकर झारखंड सरकार हैरत में है.
हालांकि, इस मामले पर झारखंड के ऊर्जा विभाग की तरफ से बिहार को कोई जवाब नहीं दिया गया है. विभाग जवाब तैयार करने में लगा हुआ है. मालूम हो कि टीवीएनएल के ललपनिया स्थित तेनुघाट थर्मल पावर प्लांट की क्षमता 420 मेगावाट की है. दोनों यूनिट चलने पर औसतन 380 मेगावाट बिजली का उत्पादन होता है. यदि बिहार की बात मान ली जाये तो लगभग 190 मेगावाट बिजली बिहार को देनी होगी.
क्या है मामला : गौरतलब है कि संयुक्त बिहार में बिहार के राज्यपाल के नाम पर 99.99 फीसदी शेयर वाले तेनुघाट थर्मल पावर स्टेशन की नींव 1989 में बोकारो के ललपनिया में रखी गयी थी. 1996-97 में यहां 400 मेगावाट बिजली उत्पादन होने लगी. वर्ष 2000 में बिहार विभाजन के बाद इस परियोजना पर झारखंड सरकार ने दावा किया. 27 फरवरी 2001 को झारखंड ने बिजली कारखाने का अधिग्रहण कर लिया. इसके बाद मामला पटना हाइकोर्ट पहुंचा.
हाइकोर्ट ने बिहार सरकार के पक्ष में फैसला दिया. तब झारखंड सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में अपील कर दी. बीते कई वर्षों से सुप्रीम कोर्ट में केस की सुनवाई चल रही है. सुनवाई में झारखंड सरकार मुकदमा लड़ने में 15 करोड़ रुपये खर्च कर चुकी है. लंबे समय के बाद सुप्रीम कोर्ट ने केंद्रीय मुख्य सचिव को कहा कि बिहार व झारखंड सरकार के साथ मिल-बैठ कर समाधान निकालें. इसके बाद बिहार ने समाधान का रास्ता तैयार किया है. जिस पर अभी फैसला नहीं हो सका है.
गौरतलब है कि टीवीएनएल 2047 करोड़ रुपये का उपक्रम है. निगम के हिस्से की पूंजी लगभग 105 करोड़ है. कंपनी के इकरारनामा के समय बिहार सरकार ने 100 करोड़ रुपये का शेयर कैपिटल निर्धारित किया था. 1550 मेगावाट क्षमता वाले टीवीएनएल को तीन चरण में यूनिटों को पूरा करना था. पहले चरण में 210 मेगावाट की दो यूनिट, द्वितीय चरण में 210 मेगावाट की तीन यूनिट, तीसरे चरण में 250 मेगावाट की दो यूनिट का निर्माण होना था.
लेकिन, यह काम पूरा नहीं हुआ. दूसरे चरण का काम भी शुरू नहीं हुआ है. अब झारखंड सरकार यहां 1250 मेगावाट का पावर प्लांट बनाना चाहती है. इस पावर प्लांट का निर्माण पीपीपी मोड पर किया जायेगा. इसके लिए निवेशक की तलाश की जा रही है.

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