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मजदूरों के अधिकार के लिए किया था आंदोलन

घाटोटांड़ : वेस्ट बोकारो ओपी क्षेत्र के लइयो में हमलावरों ने भाकपा नेता बालेश्वर महतो (62) की हत्या कर दी थी. हत्या के बाद क्षेत्र में दहशत है. अभी भी हत्या कांड को लेकर तरह- तरह की चर्चा हो रही है. बालेश्वर महतो सीपीआइ के जुझारू नेता आैर यूनाइटेड कोल वर्कर्स यूनियन (एटक) के हजारीबाग […]

घाटोटांड़ : वेस्ट बोकारो ओपी क्षेत्र के लइयो में हमलावरों ने भाकपा नेता बालेश्वर महतो (62) की हत्या कर दी थी. हत्या के बाद क्षेत्र में दहशत है. अभी भी हत्या कांड को लेकर तरह- तरह की चर्चा हो रही है. बालेश्वर महतो सीपीआइ के जुझारू नेता आैर यूनाइटेड कोल वर्कर्स यूनियन (एटक) के हजारीबाग के क्षेत्रीय सचिव भी थे.
उन्होंने स्व एसडी शर्मा के साथ मिल कर कई छात्र, नौजवान किसान व मजदूर आंदोलन को लेकर अपनी पहचान बनायी थी. सात अगस्त 1995 को एसडी शर्मा की हत्या नक्सली संगठन एमसीसी ने कर दी थी. इसके बाद बालेश्वर महतो ने ही इस क्षेत्र में उनका राजनीतिक उतराधिकारी बन कर इस क्षेत्र में भाकपा सहित श्रमिक संगठन यूनाइटेड कोल वर्कर्स यूनियन को संभाला.
पार्टी व यूनियन के संगठन सहित मजदूरों के बीच उन्होंने अपने आप को स्थापित किया. उन्होंने अपने आप को सीसीएल हजारीबाग क्षेत्र की झारखंड उत्खनन परियोजना व तापिन परियोजना में आउटसोर्सिंग के तहत काम कर रही बीजीआर व एएमआर कंपनी में काम करने वाले मजदूरों के अधिकारों के लिए वृहद आंदोलन कर यूनियन को असंगठित मजदूरों के बीच भी काफी लोकप्रिय बनाया.
इस आंदोलन के कारण कई बार वह बीजीआर के निशाने पर आये. उनके गांव का युवक बाजीराम महतो समाज की मुख्यधारा से कट कर तत्कालीन नक्सली संगठन एमसीसी (भाकपा माओवादी ) के दस्ते में शामिल हो गया था. बाद में वह भाकपा माओवादी संगठन से अलग होकर एक ग्रुप बना कर फिरौती के लिए नक्सली संगठन के नाम पर कई लोगों का अपहरण कर चर्चा में आया था.
2012 में बालेश्वर महतो का भी अपहरण फिरौती के लिए किया था. इसके बाद गांव वालों ने बालेश्वर महतो के साथ सहानुभूति जताते हुए बाजीराम का सामाजिक बहिष्कार किया था. इसके बाद बाजीराम गिरफ्तार होकर जेल चले गया. जेल में रहते हुए उसने मिलने वाले कई लोगों के समक्ष बालेश्वर महतो के प्रति अपनी नाराजगी का इजहार भी किया था.
करीब दो माह पहले वह जेल से बाहर आया था. उसकी गतिविधियों के कारण संदेह की सूई उसकी तरफ भी इशारा कर रही है. पुलिस को हस्तलिखा पर्चा भी मिला है. इसमें हत्या की जिम्मेवारी पीएलएफआइ के रीजनल कमांडर के रूप में बाजीराव सिंघम का नाम लिखा है. इन दोनों बिंदुओं को ध्यान में रख कर पुलिस जांच में जुटी है. मंगलवार को डीआइजी सहित राज्य विधि विज्ञान एवं अपराध अनुसंधान विभाग की टीम ने घटना स्थल का जायजा लिया.
पुलिस कर रही छपामारी, कई लोग शक के दायरे में
केदला. लइयो निवासी भाकपा नेता बालेश्वर महतो हत्या कांड के उद्भेदन को लेकर वेस्ट बोकारो ओपी पुलिस जगह- जगह छापामारी अभियान चला रही है. मंगलवार की रात शक के अाधार पर लइयो से करीब दो लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है. इस घटना में लइयो के कई लोग पुलिस के शक के दायरे में है. हालांकि पुलिस को घटना में कोई ठोस सबूत हाथ नहीं लगा है.
इधर, नक्सली संगठन के हजारीबाग, चतरा, रामगढ़ व बोकारो के जोनल कमांडेंट बाजीराव सिंघम ने घटना की रात ही पोस्टर छोड़ा है. लोकल सेल चालू करने से पहले निगरानी कमेटी को बात करने की बात कही गयी है. संगठन की बात नहीं मानने पर जान मारने की धमकी दी गयी है. पुलिस पोस्टर में मिले नाम बाजीराव सिंघम की तलाश कर रही है.

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