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शहर के मुहल्ले में बिन बारिश भी जल जमाव से त्रस्त हैं लोग

पूर्णिया : शहर में एक ऐसा भी मोहल्ला है जहां बिन बारिश लोग जल जमाव की समस्या से त्रस्त और पस्त हैं. सड़क विकास की पहली जरूरत मानी जाती है और वही यहां नदारद है. जो सड़क है उसकी जर्जरता मुहल्ले के लोगों को हर रोज जख्म दे जाती है. जलजमाव और गंदगी के कारण […]

पूर्णिया : शहर में एक ऐसा भी मोहल्ला है जहां बिन बारिश लोग जल जमाव की समस्या से त्रस्त और पस्त हैं. सड़क विकास की पहली जरूरत मानी जाती है और वही यहां नदारद है. जो सड़क है उसकी जर्जरता मुहल्ले के लोगों को हर रोज जख्म दे जाती है. जलजमाव और गंदगी के कारण मच्छर यहां बीमारी फैला रहे हैं. इस मुहल्ले में कहीं भी विकास को झलक नहीं मिलती. यह अलग बात है कि आश्वासनों की आस में यहां के लोग बुनियादी सुविधाओं के अभाव में जिंदगी बसर कर रहे हैं.

इस मुहल्ले को अमरुद बगान के नाम से जाना जाता है जो वार्ड नंबर 24 के अंतर्गत पड़ता है. किसी जमाने में भले ही यह अमरुद का बगान रहा होगा पर आज यहां बड़ी आबादी बसी हुई है जिनके घरों में पानी का उपयोग होता है पर पानी की निकासी का कोई इंतजाम नहीं.
यहां कहीं भी नाला नहीं है. नतीजतन पानी घरों से बाहर आता है और जलजमाव की समस्या बनी रहती है. इस पर यदि बरसात का मौसम आ जाए तब तो तबाही हो जाती है. बारिश के दिनों में लोग घरों में कैद हो जाते हैं.
स्कूली बच्चों का स्कूल जाना बंद हो जाता है. मुहल्ले की एक बड़ी परेशानी यह है कि न तो नियमित कचरा का उठाव नहीं होता है और न ही डोर टू डोर कचरा उठाव का यहां कोई सिस्टम लागू हो सका है.सड़क की स्थिति नारकीय बनी हुई है. अभी भी पैदल चलने में लोगों की परेशानी हो रही है.
कहते हैं स्थानीय नागरिक
इस मुहल्ले में समस्याएं हैं. सबसे बड़ी समस्या सड़क की है. सड़क की स्थिति नारकीय बनी हुई है. बिन बारिश भी सड़क पर अभी भी घुटना तक पानी जमा हुआ है. इस कारण चहुंओर काफी गंदगी है. मछड़ों का प्रकोप बढ़ा हुआ है. वर्तमान समय में सड़क पर पैदल चलना मुश्किल है.
डॉ. विकास कुमार
शाम ढलते ही अंधेरा छा जाता है. पोल पर स्ट्रीट लाइट नहीं रहने से शाम में घर से बाहर निकलना मुश्किल हो जाता है. सड़क भी ठीक रहे तो कोई बात नहीं है. लेकिन सड़क भी काफी जर्जर है. शाम के बाद अंधेरे के कारण मुहल्ले में भयावह स्थिति उत्पन्न हो जाती है.
पवन कुमार साह
मुहल्ले में नाला की बड़ी समस्या है. कई लोग तो अपने घरों में ही सोख्ता बना लिए हैं. निगम क्षेत्र के कई मुहल्लों में नाला निर्माण का काम हो रहा है लेकिन यह मुहल्ला अभी तक विकास से वंचित है. मोहल्ले में नाला नहीं रहने के चलते हमेशा जलजमाव की समस्या बनी रहती है.
कमलापति दास
नगर निगम क्षेत्र होने के बावजूद गांव की जिंदगी बिताने को मजबूर है. मुहल्ले में घुसते ही गांव से भी बदतर स्थिति दिखने लगती है. विकास का इस मुहल्ले से कोई नाता नहीं रहा है. इस तरफ कई बार ध्यान दिलाया गया पर हमेशा लोगों को आश्वासन ही मिलते रहे हैं.
सदन दास
मुहल्ले में छाया रहता है अंधेरा
अमरूद बगान मुहल्ले के घर-घर बिजली तो है लेकिन सड़क किनारे लगे बिजली पोल में एक भी स्ट्रीट लाइट नहीं है. इससे शाम ढलते ही अंधेरा छा जाता है.
स्थानीय नागरिकों ने बताया कि अंधेरा रहने का फायदा असामाजिक तत्व उठाते हैं. उनके लिए यह मुहल्ला सुरक्षित स्थान बना हुआ है. देर रात तक इसी होकर सभी वाहन आते-जाते है. स्ट्रीट लाइट नहीं रहने के कारण शाम के बाद बाजार से घर आना या घर से बाजार की ओर जाने से लोग घबराते हैं क्योंकि अनहोनी की आशंका बनी रहती है.
कहती हैं पार्षद
मुझे भी पता नहीं कि मुहल्ले की सड़क कब बनेगी. इस सड़क के निर्माण के लिए कई दफा नगर निगम की बैठक में बात हमने रखी लेकिन अब तक इस दिशा में कोई पहल नहीं हो सकी है. इस सड़क का निर्माण अकेले मेरे वश में नहीं है.
आशा श्रीवास्तव, वार्ड पार्षद
कचरे से फैल रही बदबू
मुहल्ले में डोर टू डोर कचरा उठाव नहीं होने से पूरा कचरा यत्र-तत्र पसरा हुआ रहता है. सड़क किनारे कई दिनों तक कचरा जमा जमा रहता है. कचरा उठाव नहीं होने से बदबू फैल रहा है जिससे मुहल्ले के लोग परेशान हैं. स्थानीय लोगों की मानें तो इसकी शिकायत कई बार निगम के अधिकारियों से की गई पर इसके बावजूद स्थिति जस की तस बनी है.

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