पूर्णिया : बिहार केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट एसोसिएशन के बैनर तले पूर्णिया जिले के साढ़े तीन हजार दवा दुकानदार अपनी मांगों के समर्थन में तीन दिनों की हड़ताल पर चले गये. इसमें सिर्फ शहर के 18 सौ दवा दुकानदार शामिल हैं. इस दौरान तमाम दवा दुकानें बंद रखी गयी और दुकानदार धरना पर बैठ गये. दुकानदारों ने सरकार की नीतियों पर सवाल खड़ा किया और कहा कि यदि उनकी मांगों की अनदेखी की गयी तो उनका आंदोलन व्यापक रुप ले सकता है.
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मांगों के समर्थन में तीन दिनों की हड़ताल पर गये जिले के साढ़े तीन हजार दवा दुकानदार
पूर्णिया : बिहार केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट एसोसिएशन के बैनर तले पूर्णिया जिले के साढ़े तीन हजार दवा दुकानदार अपनी मांगों के समर्थन में तीन दिनों की हड़ताल पर चले गये. इसमें सिर्फ शहर के 18 सौ दवा दुकानदार शामिल हैं. इस दौरान तमाम दवा दुकानें बंद रखी गयी और दुकानदार धरना पर बैठ गये. दुकानदारों […]
दवा दुकानदारों ने सरकार से शीघ्र सभी मांगें पूरी करने की मांग की. दवा दुकानदारों की यह हड़ताल आगामी 24 जनवरी तक लगातार चलेगी. इसमें सभी थोक और खुदरा दुकानें शामिल हैं. इस दौरान एसोसिएशन ने घोषणा की कि यदि सरकार उनकी मांग पूरी नहीं करती है तो एक अगस्त से प्रदेश के सभी थोक व खुदरा दवा दुकान बंद कर देंगे.
शहर के लाइन बाजार में आयोजित धरना पर बैठे दुकानदारों ने फार्माशिस्ट समस्या को लेकर आवाज उठायी और कहा कि निरीक्षण के दौरान इस नियम की आड़ में विभागीय उत्पीड़न और शोषण बंद किया जाना चाहिए. सरकार की नीतियों से अपनी परेशानी बयां करते हुए दवा दुकानदारों ने कहा कि प्रदेश में फार्मासिस्ट की पढ़ाई के लिए शिक्षण संस्थानों की कमी है. इस वजह से फार्मासिस्ट डिग्रीधारी का भी घोर अभाव है. एेसे में इसकी अनिवार्यता लागू कर सरकार ने बड़ी परेशानी उत्पन्न कर दी है.
दुकानदारों ने कहा कि सरकार की गलत नीतियों के चलते सभी दवा विक्रेता परेशान हैं. विक्रेताओं ने इंटरनेट की सुविधा सुलभ होने, 24 घंटे बिजली की व्यवस्था, वातानुकूलित दुकान आदि की जरूरत पर जोर दिया और कहा कि अपनी सात सूत्री मांगों को लेकर वे अभी सिर्फ तीन दिनों की सांकेतिक हड़ताल पर हैं पर यदि सरकार ने इसे गंभीरता से नहीं लिया तो यह आंदोलन गहरा सकता है.
पूर्णिया जिला केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष संतोष सिंह, सचिव लालमोहन सिह, उपाध्यक्ष सुशील कुमार, कोषाध्यक्ष गौतम, हाफिज अहमद, विजय सिंह एवं अशोक साह ने क्रमवार रुप से धरना को सम्बोधित किया और मांगों के समर्थन में अलग-अलग तर्क देते हुए दवा दुकानदारों की परेशानियों का उल्लेख किया. दवा विक्रेताओं ने कहा कि सरकार की गलत नीतियों का जोरदार विरोध किया जायेगा.
इस मौके पर जिला केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष संतोष कुमार सिंह ने सभी दुकानदारों से इस विरोध कार्यक्रम में शामिल होने की अपील की जबकि सचिव लालमोहन सिंह ने कहा कि नियम का पालन तभी संभव है जब उतनी संख्या फार्मासिस्ट उपलब्ध होंगे. जिले में दवा व्यवसाय का बड़ा कारोबार है और लगातार बंदी से आम पब्लिक को भी परेशानी होगी. उन्होंने इस आंदोलन को सफल बनाने के लिए सभी दवा दुकानदारों से सहयोग की अपील की.
हड़ताल से सरकारी राजस्व को प्रतिदिन 5 करोड़ का झटका
पूर्णिया. दवा दुकानदारों की हड़ताल से सरकार के राजस्व को प्रतिदिन औसतन 5 करोड़ का झटका लगेगा. उपलब्ध जानकारी के अनुसार अलग-अलग दवा दुकानों में रोजाना चार से पांच हजार रोगियों के परिजन दवा खरीदने के लिए पहुंचते हैं. एक आकलन के मुताबिक शहर में एक हजार से अधिक डाक्टर हैं जबकि लगभग 40 नर्सिंग होम हैं. सभी के लिए दवा खरीदारी का केन्द्र लाइनबाजार ही है.
जानकारों का कहना है कि इस लिहाज से दवा की खरीदारी नहीं होने पर स्वाभाविक रुप से सरकार का राजस्व प्रभावित होगा. इसके अलावा दवा के थोक कारोबारी अपनी मांग पूरी होने तक कंपनी से दवा की खरीदारी नहीं करेंगे. दवा दुकानदारों की मानें तो अलग-अलग दवा कंपनियों से वे लोग रोजाना औसतन चार करोड़ की दवा खरीदते हैं. इसमें वे 14 से 18 प्रतिशत तक सरकार को जीएसटी देते हैं.
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