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Friday, March 29, 2024

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दिन में थोड़ी राहत, शाम होते ही आफत ठंड का कहर

मौसम विभाग से मिली जानकारी के अनुसार शीतलहर की स्थिति फिलहाल बनी रहेगी. इसकी वजह यह होगी कि पछुआ हवा भी लगातार बहती रहेगी. 14 जनवरी तक यह स्थिति बरकरार रहने की संभावना है पूर्णिया : कड़ाके की ठंड से अब तक जिले वासी नहीं उबर पाये हैं. बुधवार को जहां पूरे दिन धूप का […]

मौसम विभाग से मिली जानकारी के अनुसार शीतलहर की स्थिति फिलहाल बनी रहेगी. इसकी वजह यह होगी कि पछुआ हवा भी लगातार बहती रहेगी. 14 जनवरी तक यह स्थिति बरकरार रहने की संभावना है

पूर्णिया : कड़ाके की ठंड से अब तक जिले वासी नहीं उबर पाये हैं. बुधवार को जहां पूरे दिन धूप का दर्शन नहीं हुआ उसके विपरीत गुरुवार को दिन के 11 बजे के बाद धूप तो खिली लेकिन वह बेअसर साबित हुआ. वजह यह रही कि पूरे दिन पछुआ हवा धूप को बेअसर करता रहा. नतीजा यह रहा कि सुबह और शाम सड़कों पर वीरानगी छा गयी.
दरअसल गुरुवार को न्यूनतम तापमान में गिरावट दर्ज हुई तो अधिकतम तापमान में वृद्धि दर्ज हुई. बुधवार को न्यूनतम तापमान 6.8 डिग्री सेल्सियस और अधिकतम तापमान 13.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज हुआ. वहीं गुरुवार को न्यूनतम तापमान 6.1 और अधिकतम तापमान 14.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज हुआ. मौसम विभाग से मिली जानकारी अनुसार ठंड की यह स्थिति 14 जनवरी तक यथावत बनी रहेगी. हालांकि अगले 24 घंटे के बाद ठंड से थोड़ी राहत मिलनी आरंभ हो सकती है.
अगले 24 घंटे तक रह सकता है शीतलहर जारी
मौसम विभाग से मिली जानकारी अनुसार शीतलहर की स्थिति फिलहाल बनी रहेगी. इसकी वजह यह होगी कि पछुआ हवा भी लगातार बहती रहेगी. 14 जनवरी तक यह स्थिति बरकरार रह सकती है. हालांकि 14 जनवरी में न्यूनतम तापमान में बढ़ोतरी होने की भी संभावना जतायी जा रही है. लेकिन पछुआ हवा का रफ्तार 07 से 09 किलोमीटर प्रति घंटे के रफ्तार से जारी रहने की उम्मीद है जो मुश्किलें बरकरार रखेगी.
दिनांक अधिकतम न्यूनतम
01 जनवरी 19.6 10.4
02 जनवरी 18.5 09.9
03 जनवरी 16.6 07.1
04 जनवरी 14.6 07.3
05 जनवरी 17.7 05.9
06 जनवरी 14.6 5.6
07 जनवरी 13.8 05.9
08 जनवरी 18.4 1.2
09 जनवरी 19.4 05.1
10 जनवरी 13.2 6.08
11 जनवरी 14.6 6.1
12 जनवरी 16 7.0
पहले व्यवस्था ने मारा, फिर कुदरत ने ढाया सितम, अब मौसम बरपा रहा है कहर
पंकज भारतीय4पूर्णिया
‘मैं बेपनाह अंधेरे को सुबह कैसे कहूं ,
मैं इन नजारों का अंधा तमाशबीन नहीं ’.
श्रीनगर प्रखंड के कजरा मुसहरी निवासी मंगलू ऋषि अगर पढ़े-लिखे होते तो अपनी व्यथा को कुछ इस तरह ही शब्दों की चासनी में लपेट कर कह पाते. लेकिन जिस शख्स ने खुद को अंधेरपरक व्यवस्था के सामने नि:सहाय पाया हो और उसके बाद जो आदमी कुदरत की नाइंसाफी का शिकार हुआ हो, वह नि:शब्द ही हो सकता है. बहरहाल मंगलू ऋषि मौसम की बेरूखी का शिकार है और नतीजा यह है कि गुरुवार को दिन के दो बजे रहे थे और मंगलू के घर सुबह से कुछ भी खाने के लिए नहीं बना था. तीन वर्ष की बेटी भूख से बिलबिला रही थी और पत्नी मंजुला देवी मूकदर्शक बन बैठी हुई थी. दरअसल मंगलू की आंख की रोशनी खत्म हो चुकी है और भिक्षाटन ही एकमात्र सहारा है. कड़ाके की ठंड पड़ रही है तो घर से बाहर नहीं निकल पा रहे हैं. नतीजा यह हुआ कि अब घर में खाने पीने की सारी चीजें समाप्त हो चुकी है और इसके अलावा कोई दूसरा चारा भी नहीं है. अभी-अभी पड़ोस की एक महिला ने तरस खा कर मंगलू की तीन वर्ष की बेटी पिंकी को भात और नमक खाने दिया, उसके बाद पिंकी खेलने में व्यस्त हो गयी. अंधेरपरक व्यवस्था का आलम देखिये, इंदिरा आवास के लिए जो राशि आवंटित हुई वह भी पूरी तौर पर मंगलू को नसीब नहीं हुआ. नतीजा यह हुआ कि मंगलू ऋषि का घर लिंटर तक भी नहीं पहुंच पाया. ईंट ने महज चार फीट की ऊंचाई जब हासिल किया तो उस पर छप्पर डाल कर आशियाने का रूप दे दिया गया. विडंबना यही नहीं समाप्त हुई. अज्ञात कारण से मंगलू की आंख की रोशनी घटती चली गयी और ऐन वक्त पर पत्नी भी कान से बहरी हो गयी. पति लगभग अंधा और पत्नी बहरी, लिहाजा मजदूरी से भी वंचित होते चले गये और अब भीख मांग कर बसर कर रहे हैं. लेकिन लगातार ठंड की वजह से भीख मांगना और भीख मिलना दोनों मुश्किल हो गया है. मंगलू ऋषि कहते हैं ‘ बड़ जाड़ लागेय छेय, कपड़ा नय छेय, केते मांगय ले जेबेय’.
कजरा मुसहरी के अधिकांश लोगों की स्थिति मंगलू ऋषि से बहुत बेहतर नहीं है. कालीचरण ऋषि 70 वर्ष की उम्र पार कर चुके हैं और हाड़ कंपा देनेवाली ठंड से परेशान हैं. याद करते हुए बताते हैं कि ‘35-40 साल पहिले एहने ठंडी पड़ले रहै. हो बाबू, राति के मचान पर के बिछौना ओस से भींग जाय छै. भिनसरा में जाड़ से थरथर कांपै छियै’.
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