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पूर्णिया : मास्टरमाइंड समेत तीन धराये चार बुलेट प्रूफ जैकेट बरामद

नगालैंड से हथियार की तस्करी, नक्सलियों को होती थी आपूर्ति एक राइफल, एक पिस्टल व 13 गोलियों समेत 12500 रुपये जब्त पूर्णिया : नगालैंड से हथियार की तस्करी कर बिहार व झारखंड सप्लाइ करने के मामले का खुलासा पुलिस ने कर लिया है. इस मामले में मास्टर माइंड मुकेश सिंह, गया जिले के टनकुप्पा थाने […]

नगालैंड से हथियार की तस्करी, नक्सलियों को होती थी आपूर्ति
एक राइफल, एक पिस्टल व 13 गोलियों समेत 12500 रुपये जब्त
पूर्णिया : नगालैंड से हथियार की तस्करी कर बिहार व झारखंड सप्लाइ करने के मामले का खुलासा पुलिस ने कर लिया है. इस मामले में मास्टर माइंड मुकेश सिंह, गया जिले के टनकुप्पा थाने के मखदमपुर निवासी त्रिपुरारी सिंह व सीतामढ़ी जिले के बैरगनियां का मुकेश कुमार गुप्ता को गिरफ्तार किया गया है.
पुलिस ने मुकेश सिंह को रांची के अरबोरा थाने से व त्रिपुरारी सिंह को रांची पुलिस के सहयोग से नेतरहाट थाना क्षेत्र से गिरफ्तार किया गया, जबकि मुकेश कुमार गुप्ता को नगालैंड पुलिस के सहयोग से दीमापुर से गिरफ्तार किया गया.
इसकी जानकारी एसपी विशाल शर्मा ने दी. उन्होंने बताया कि मुकेश सिंह के पास से स्काॅर्पियो में छिपा कर रखी गयी एक रायफल, एक 32 बोर की पिस्टल, चार उच्च श्रेणी के स्टील प्लेट लगे हुए बुलेट प्रूफ जैकेट, 15 गोलियां, पांच मोबाइल, एक पासबुक एवं 12500 रुपये बरामद किये गये.
एसपी ने बताया कि आधुनिक हथियार व गोलियां नगालैंड से बिहार व झारखंड के प्रतिबंधित उग्रवादी संगठनों को पहुंचाने एवं हवाला के माध्यम से रुपये के लेनदेन का खुलासा हुआ है.
नगालैंड से गिरफ्तार मुकेश गुप्ता हथियार तस्करों से हवाला के माध्यम से पैसा लेता था. मुकेश सिंह हथियारों को नागालैंड से खरीदकर संबंधित ठिकानों तक पहुंचाने का काम करता था, जबकि त्रिपुरारी सिंह झारखंड के उग्रवादी संगठनों से हथियार व गोलियों की डील फाइनल करने का काम करता था.
1.20 लाख में बनाता था नगालैंड से लाइसेंस
तस्कर मुकेश सिन्हा व उसके सहयोगी नगालैंड से आमलोगों के लिए हथियार का लायसेंस बनाने का काम करता था. इसमें आरा का संतोष सिंह, विपुल एवं मंटू भी शामिल था. एक लाइसेंस बनाने के लिए लोगों से 1.20 लाख रुपये लिये जाते थे. हाल ही में आरा पुलिस ने नगालैंड के दो एेसे लाइसेंस जब्त किये थे, जो फर्जी थे.
दो लाख का बुलेट प्रूफ जैकेट व 8.50 लाख की एके-47
एसपी ने बताया कि गिरफ्तार तस्करों ने बताया कि एक बुलेट प्रूफ जैकेट को दो लाख में बेचा जाता था, जबकि ए के-47 राइफल को उग्रवादी संगठनों को 8.50 लाख रुपये में बेची जाती थी. उन्होंने बताया कि झारखंड के उग्रवादी संगठन हथियार की मुंह मांगी कीमत देते थे. तस्करों ने बताया कि नक्सलियों को पहले भी हथियार दे चुका है.

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