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पूर्णिया लोकसभा सीट : राजग गठबंधन एवं विपक्षी महागठबंधन में सीधी टक्कर

पटना : लोकसभा चुनाव में इस बार सियासी समीकरण बदलने के बाद बिहार के पूर्णिया लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र में राजग गठबंधन और विपक्षी महागठबंधन के बीच सीधी टक्कर देखने को मिलेगी. 2014 का चुनाव भाजपा और जदयू ने अलग-अलग लड़ा था. पिछले चुनाव में पूर्णिया सीट से जदयू के संतोष कुमार कुशवाहा ने भाजपा के […]

पटना : लोकसभा चुनाव में इस बार सियासी समीकरण बदलने के बाद बिहार के पूर्णिया लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र में राजग गठबंधन और विपक्षी महागठबंधन के बीच सीधी टक्कर देखने को मिलेगी. 2014 का चुनाव भाजपा और जदयू ने अलग-अलग लड़ा था. पिछले चुनाव में पूर्णिया सीट से जदयू के संतोष कुमार कुशवाहा ने भाजपा के उदय सिंह उर्फ पप्पू सिंह को मात दी थी. कांग्रेस के अमरनाथ तिवारी तीसरे स्थान पर रहे थे, लेकिन इस बार सियासी समीकरण बदल गये हैं.

महागठबंधन की तरफ से उदय सिंह कांग्रेस उम्मीदवार हैं और राजग की ओर से जदयू नेता एवं मौजूदा सांसद संतोष कुशवाहा ताल ठोक रहे हैं. पूर्णिया लोकसभा सीट से इस बार 13 उम्मीदवार चुनाव मैदान में उतरे हैं. इस सीट पर दूसरे चरण में 18 अप्रैल को मतदान होना है. पूर्णिया में 2014 में मोदी लहर बेअसर साबित हुई थी. कुशवाहा को 2014 के चुनाव में 4,18,826 और उदय सिंह को 3,02,157 वोट मिले थे और जीत का अंतर 1.16 लाख वोट का था. तीसरे स्थान पर रहे कांग्रेस उम्मीदवार को करीब उतने ही वोट मिले थे, जो जीत का अंतर था.

उदय सिंह ने कहा है कि पूरे देश के लोगों को यह अफसोस है कि जिन उम्मीदों और अपेक्षाओं के साथ उन्होंने नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री बनाया था, वह उन उम्मीदों पर खरे नहीं उतरे. बिहार में महागठबंधन पूरी ताकत एवं एकजुटता से चुनाव लड़ रहा है. प्रदेश सरकार के कामकाज के प्रति भी असंतोष स्पष्ट है. ऐसे में महागठबंधन को लोगों का पूरा समर्थन मिलेगा. जदयू प्रत्याशी संतोष कुमार ने कहा कि उन्हें पिछले पांच वर्ष में इस पिछड़े क्षेत्र में किये गये विकास कार्यों पर पूरा भरोसा है. उन्होंने कहा कि जनता मोदी को दोबारा प्रधानमंत्री बनाने के लिए पूरी तरह से मन बना चुकी है और उन्हें जनता का पूरा आशीर्वाद मिलेगा. पूर्णिया लोकसभा सीट पर कांग्रेस पार्टी से उदय सिंह, जनता दल यूनाइटेड से संतोष कुमार, बहुजन समाज पार्टी से जितेंद्र उरब और झारखंड मुक्ति मोर्चा से मंजू मुरमू के बीच मुख्य मुकाबला है.

पूर्णिया के दक्षिण में कटिहार और भागलपुर, पूर्व में पश्चिम बंगाल, पश्चिम में मधेपुरा और उत्तर में अररिया एवं किशनगंज है. यहां के दो-तिहाई लोग कृषि पर निर्भर हैं. पूर्णिया केले तथा मक्का के उत्पादन में अग्रणी है. पूर्णिया जिले में कुल सात विधानसभा क्षेत्र हैं, लेकिन पूर्णिया लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत छह विधानसभा क्षेत्र पड़ते हैं.

साल 1957 में इस सीट से कांग्रेस के टिकट पर फनी गोपाल सेन गुप्ता ने जीत दर्ज की थी. इसके बाद 1962 और 1967 के चुनाव में भी उन्हीं को ही जीत मिली थी. 1977 में जेपी लहर में यह सीट कांग्रेस से छिन गयी. लखनलाल कपूर यहां के गैर कांग्रेसी सांसद बने. माधुरी सिंह की जीत के साथ 1980 में यह सीट फिर कांग्रेस की झोली में चली गयी. 1989 में जनता दल के टिकट पर मोहम्मद तस्लीमुद्दीन सांसद बने. 1996 में सपा की टिकट पर राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव यहां के सांसद बने. 1999 में पप्पू यादव निर्दलीय चुनाव लड़ कर सांसद बने. 2004 और 2009 में भाजपा से उदय सिंह उर्फ पप्पू सिंह सांसद बने. पूर्णिया लोकसभा सीट के वर्तमान सांसद संतोष कुशवाहा हैं. 2014 में जदयू के टिकट पर वह चुनाव जीते थे. पिछले चुनाव में जदयू और भाजपा अलग-अलग लड़े थे. पप्पू सिंह की माता माधुरी सिंह पूर्णिया से दो बार कांग्रेस टिकट पर सांसद बन चुकी है. पूर्णिया लोकसभा संसदीय क्षेत्र के दायरे में कस्बा, बनमखनी, रुपौली, धमदाहा, पूर्णिया और कोरहा विधानसभा सीटें आती हैं. साल 2015 के बिहार विधानसभा चुनाव में इन छह विधानसभा सीटों में से दो सीटें भाजपा, दो सीटें जदयू और दो सीटें कांग्रेस के खाते में गयी थीं.

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