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सीमांचल व कोसी के इलाकों में तेजी से पांव पसार रहा डेंगू

पूर्णिया : सीमांचल व कोसी के इलाकों में डेंगू रोग ने पांव पसारना शुरू कर दिया है. वर्तमान में सदर अस्पताल के डेंगू वार्ड में पांच मरीजों का उपचार चल रहा है. इन मरीजों में पूर्णिया जिले के रूपौली के डोभा महर्षि नगर के पप्पू मंडल, मधेपुरा जिले के बिहारीगंज वार्ड 3 के नवीन कांति […]

पूर्णिया : सीमांचल व कोसी के इलाकों में डेंगू रोग ने पांव पसारना शुरू कर दिया है. वर्तमान में सदर अस्पताल के डेंगू वार्ड में पांच मरीजों का उपचार चल रहा है. इन मरीजों में पूर्णिया जिले के रूपौली के डोभा महर्षि नगर के पप्पू मंडल, मधेपुरा जिले के बिहारीगंज वार्ड 3 के नवीन कांति और उसकी मां उषा देवी, बिहारीगंज का मिथिलेश कुमार और नेपाल के विराटनगर की किरण देवी शामिल हैं. सबसे गंभीर बात यह है कि ये मरीज किसी दूसरे प्रदेश से वायरस कैरी कर नहीं आये हैं. हाल के दिनों में ये सभी मरीज कहीं भी अपने गृहजिला से बाहर नहीं गये थे.

इसका मतलब है कि अपने घरों में ही ये डेंगू वायरस की चपेट में आये और बीमार पड़ गये. ये सभी मरीज पिछले 10 से 15 दिनों के भीतर बीमार हुए हैं. शुरुआत में निजी क्लिनिक में उपचार के बाद इन मरीजों को सदर अस्पताल रेफर किया गया है. बिहारीगंज के नवीन कांति ने बताया कि करीब 10 रोज पहले वे दोनों मां-बेटे 24 घंटे के अंतराल पर ही बीमार हुए. रूपौली के पप्पू मंडल ने बताया कि पिछले कई महीने से वह रूपौली से बाहर कहीं नहीं गया है.
हाल में सदर अस्पताल में भर्ती हुए रोगी
12 सितंबर : मधेपुरा के पुरैनी के मकदमपुर की ललिता देवी पति जयप्रकाश मंडल को गुरुवार को सदर अस्पताल के संक्रामक वार्ड में भर्ती कराया गया. वह पिछले 10 दिनों से बीमार चल रही थी. पूर्णिया में प्राइवेट डॉक्टर उसका उपचार कर रहे थे. हालांकि डेंगू से संबंधित जांच की रिपोर्ट आने के बाद उसे सदर अस्पताल रेफर कर दिया गया.
चार सितंबर: पूर्णिया के कसबा के महथौर के मो़ अख्तर जिले के कसबा के महथौर का रहनेवाला है. वह मेरठ में था जहां उसे बुखार और खून की कमी की शिकायत हुई. मेरठ से लौटकर आने के बाद उसे सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया.
23 जुलाई : रूपौली के मतैली गांव के एक रोगी जितेन्द्र कुमार को सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया. इसके बाद संबंधित गांव में मेडिकल टीम ने जाकर रोग की स्थिति की पड़ताल की.
डेंगू रोग का मच्छर साफ पानी में पनपता है और दिन में काटता है. इसलिए डेंगू रोग को टालने के लिए घरों में गमला, बरतन आदि में जलजमाव नहीं होने देना चाहिए. तेज बुखार होने पर घरेलू इलाज करने की बजाय पास के चिकित्सा केंद्र में संपर्क करें. समय पर इस रोग का इलाज शुरू होने पर इसका जल्द निदान हो जाता है.
डॉ सुभाषचंद्र पासवान, डीआइओ, पूर्णिया
डेंगू के लक्षण
तेज़ बुखार: डेंगू में 102-103 डिग्री तक बुखार आना आम बात है
बदन टूटना: डेंगू में ज़्यादातर जोड़ों, मांसपेशियों और हड्डियों में दर्द होता है
जी मिचलाना: यह भी एक लक्षण है. घबराहट महसूस होती है.
चकत्ते या रैशेस: डेंगू में छोटे लाल चकत्ते या रैशेस हो जाते है. इन रैशेस में कभी कभी खुजली भी होती है.
आंख के पीछे दर्द: ज्यादातर डेंगू से पीड़ित लोग आंख के पीछे दर्द की शिकायत करते हैं. यह दर्द आंखों की मूवमेंट से बढ़ता है.
थकान : डेंगू में थकावट महसूस होती है.
उपचार की अवधि
एलीजा जांच से बीमारी की गंभीरता का पता चलता है. इसमें आपके रक्त की जांच होती है जिससे प्लेटलेट्स काउंट और ऐसे ही कई मापदंडों पता चलता है. टेस्ट के मुताबिक और डॉक्टर के सुझाव अनुसार डेंगू का उपचार घर पर या हॉस्पिटल में हो सकता है.
ज्यादातर लोग घर पर ही सही आराम, अधिक से अधिक जल सेवन से और डॉक्टर द्वारा बतायी गयी दवाओं से ही ठीक हो जाते हैं. यह अवधि सामान्य तौर पर 7 से 10 दिन की होती है.

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