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जमशेदपुर में बढ़े क्लासिकल डेंगू के मामले, डॉक्टर बोले- 3 दिन बुखार न उतरे, जोड़ों में हो दर्द, तो टेस्ट कराएं

पूर्वी सिंहभूम जिला सर्विलेंस विभाग को 156 लोगों की डेंगू जांच रिपोर्ट मिली. इनमें 10 लोग डेंगू पॉजिटिव पाये गये. सभी मानगो, सोनारी, साकची, बिष्टुपुर, एग्रिको, परसुडीह, कदमा के रहने वाले हैं.

जमशेदपुर शहर में डेंगू के मामले कम नहीं हो रहे हैं. टाटा मेन हॉस्पिटल (टीएमएच) में औसतन 25 मरीज एडमिट हो रहे हैं. गंभीर मरीजों को आइसीयू में भर्ती किया गया है. कई मरीज ओपीडी से ही अपना इलाज करा रहे हैं. टीएमएच ने डेंगू के इलाज को लेकर एक प्रोटोकॉल बनाया है. चिकित्सकों को उसी मानक के अनुसार इलाज करने को कहा गया है. टीएमएच के एचओडी डॉ अशोक सुंदर ने ‘प्रभात खबर’ से बातचीत में बताया है कि वर्ष 2015 के बाद पहली बार इतनी संख्या में डेंगू के मरीज आ रहे हैं.

अस्पताल में आइसीयू और सीसीयू के अलावा मेडिसिन के छह वार्ड हैं तथा प्रत्येक वार्ड में 60 बेड हैं जिनमें मरीजों का इलाज चल रहा है. टीएमएच के प्रोटोकॉल के मुताबिक जिस मरीज का प्लेटलेट्स 30 हजार तक है उन्हें प्लेटलेट्स नहीं चढ़ाया जा रहा है. 30 हजार से नीचे वाले मरीज को ही प्लेटलेट्स चढ़ाया जा रहा है. जिनका प्लेटलेट्स अधिक है, लेकिन रक्तस्राव हो रहा है, उन्हें राहत देने के लिए भी प्लेटलेट्स चढ़ाना पड़ता है.

डेंगू के मरीजों को पैरासिटामोल के साथ एंटीबायोटिक दी जा रही है. विशेष स्थिति में स्टेरॉयड का भी इस्तेमाल किया जाता है. जमशेदपुर के डॉ अशोक सुंदर ने बताया कि इस बार का डेंगू क्लासिकल है. इस कारण मौतें कम हो रहीं हैं. उन्होंने बताया कि मच्छर के अलावा और कारणों से डेंगू का प्रसार नहीं होगा.

घर पर भी कर सकते हैं इलाज, प्लेटलेट्स की जांच जरूरी

डॉ अशोक सुंदर ने बताया कि लोग चाहें तो घर पर भी इलाज कर सकते हैं. बुखार के लिए पैरासिटामोल ले सकते हैं. लेकिन तीन दिनों तक बुखार न उतरे, जोड़ों में दर्द रहे तो अपना टेस्ट जरूर करायें. डॉ सुंदर ने बताया कि सात से दस दिनों तक इसका प्रभाव रहता है, लेकिन कमजोरी रहती है. इस कारण पौष्टिक खाना खाना चाहिए. अगर बुखार हो गया है तो अपने घर पर ही रहें तो बेहतर होगा. डेंगू से बचने के लिए फुल बांह का शर्ट पहनें, पैंट पहनें, शरीर को ढंककर रखें, आसपास साफ -सफाई रखें. डेंगू के मच्छर दिन में ही काटते हैं, इसका ध्यान रखें. अगर बुखार हो जाये तो ब्लड टेस्ट एनएस 1 करायें.

जिले में डेंगू के 10 पॉजिटिव मिले, 62 को अस्पताल से छुट्टी

पूर्वी सिंहभूम जिला सर्विलेंस विभाग को शनिवार को 156 लोगों की डेंगू जांच रिपोर्ट मिली. इनमें 10 लोग डेंगू पॉजिटिव पाये गये. सभी मानगो, सोनारी, साकची, बिष्टुपुर, एग्रिको, परसुडीह, कदमा के रहने वाले हैं. साथ ही 99 संदिग्ध का सैंपल जांच के लिए एमजीएम मेडिकल कॉलेज भेजा गया. शहर के टाटा मोटर्स अस्पताल में 71, टिनप्लेट अस्पताल में 13, गुरुनानक अस्पताल में 11 मरीज इलाजरत हैं. अबतक 4204 सैंपल की जांच में 612 लोग डेंगू पॉजिटिव पाये गये हैं. वर्तमान में 289 लोगों का अस्पताल में इलाज चल रहा, 11 आइसीयू में, 278 नॉर्मल वार्ड में भर्ती हैं. 62 लोगों को हॉस्पिटल से डिस्चार्ज किया गया.

पांच नये हेल्थ वेलनेस सेंटर खुलेंगे, सिविल सर्जन ने की बैठक

पूर्वी सिंहभूम जिले में पांच नये अर्बन हेल्थ वेलनेस सेंटर खोले जायेंगे. इसको लेकर सिविल सर्जन डॉ जुझार मांझी ने शनिवार को बैठकर दिशा निर्देश दिये. बताया कि स्थल का चयन कर लिया गया है. वर्तमान में शहरी क्षेत्र में सात हेल्थ वेलनेस सेंटर संचालित हो रहे हैं.

डेंगू व वायरल बीमारी का प्रकोप, मुखिया के लिए हो फंड का प्रावधान

जमशेदपुर शहर से सटे पंचायत क्षेत्रों में डेगू व वायरल बीमारियों का प्रकोप बढ़ गया है. हर घर में सामान्य सर्दी-खांसी व बुखार के मरीज हैं. कई घरों में हालत यह है कि एक ही घर में दो-तीन लोग बीमार हैं. बीमारी का प्रकोप बढ़ता ही जा रहा है. पंचायत क्षेत्र के लोग अपने-अपने पंचायत के मुखिया से क्षेत्र में नाली की साफ-सफाई, ब्लीचिंग का छिड़काव व फॉगिंग मशीन चलाने की मांग कर रहे हैं, लेकिन मुखिया फंड का प्रावधान नहीं होने का रोना रो रहे हैं.

वहीं कई सक्षम मुखिया निजी स्तर से ब्लीचिंग पाउडर का छिड़काव करा रहे हैं. वहीं कई तेज तर्रार मुखिया स्थानीय कंपनियों से लड़-झगड़कर ब्लीचिंग पाउडर मंगाकर क्षेत्र में छिड़काव करा दे रहे हैं. वहीं जो आर्थिक रूप से सक्षम नहीं हैं और तेज तर्रार भी नहीं हैं वे लोग आम लोगों के कोप का शिकार हो रहे हैं. गांव-देहात में व्यवस्था के नाम पर पंचायत व्यवस्था तो है, लेकिन उसके पास जनता को ऐसी बीमारी से निजात दिलाने के लिए कोई फंड ही नहीं है.

क्या है क्लासिकल डेंगू

सिकल (साधारण) डेंगू का बुखार पांच से सात दिन तक रहता है, इसके बाद मरीज ठीक हो जाता है. ज्यादातर मामलों में इसी प्रकार का डेंगू बुखार पाया जाता है. क्लासिकल डेंगू बुखार के लक्षण हैं-ठंड लगने के बाद अचानक तेज बुखार होना, सिर, मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द होना, आंखों के पिछले हिस्से में दर्द होना, जो आंखों को दबाने या हिलाने से और बढ़ जाता है, बहुत कमजोरी लगना, भूख न लगना, जी मिचलाना और मुंह का स्वाद खराब होना, गले में हल्का दर्द होना, शरीर खासकर चेहरे, गर्दन और छाती पर लाल-गुलाबी रंग के रैशेज होना.

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सौरभ तिवारी को टाइफायड टीएमएच में भर्ती

झारखंड के रणजी कप्तान और अंतरराष्ट्रीय कप्तान सौरभ तिवारी को टाइफायड हो गया है. तेज बुखार व अधिक ठंड महसूस होने के बाद सौरभ को टाटा मेन हॉस्पिटल (टीएमएच) में भर्ती कराया गया, जहां डॉक्टरों ने टाइफायड की पुष्टि की. फिलहाल सौरभ की स्थिति समान्य है. सौरभ तिवारी का इलाज डॉक्टर अशोक सुंदर की निगरानी में चल रहा है. 15 सितंबर से ओडिशा रणजी ट्रॉफी प्री-सीजन टूर्नामेंट खेलने के लिए सौरभ को झारखंड टीम के साथ ओडिशा जाना था. अब सौरभ इस टूर्नामेंट हिस्सा नहीं ले पायेंगे.

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