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चाहिए 65 हजार डॉक्टर, काम कर रहे साढ़े छह हजार

पटना : बिहार में आबादी के अनुपात में 65 हजार डॉक्टरों की जरूरत है. इतनी संख्या में सरकारी अस्पतालों और निजी क्षेत्र में डॉक्टर उपलब्ध हों तो नागरिकों को स्वास्थ्य सुविधा मुहैया हाे सकती है. लेकिन, वर्तमान में सरकारी अस्पतालों में कार्यरत कुल चिकित्सकों की संख्या जोड़ ली जाये तो यह साढ़े छह हजार है. […]

पटना : बिहार में आबादी के अनुपात में 65 हजार डॉक्टरों की जरूरत है. इतनी संख्या में सरकारी अस्पतालों और निजी क्षेत्र में डॉक्टर उपलब्ध हों तो नागरिकों को स्वास्थ्य सुविधा मुहैया हाे सकती है.
लेकिन, वर्तमान में सरकारी अस्पतालों में कार्यरत कुल चिकित्सकों की संख्या जोड़ ली जाये तो यह साढ़े छह हजार है. इसी तरह से निजी क्षेत्र में अधिकतम 20 हजार लोग सेवा क्षेत्र में हैं. इंडियन पब्लिक हेल्थ स्टैंडर्ड के अनुसार अस्पतालों की संख्या और डॉक्टरों की संख्या में भारी इजाफा करने की जरूरत है. मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया के मानकों का पालन किया जाये तो प्रति 1681 व्यक्ति पर एक चिकित्सक की आवश्यकता होती है.
इस मानक के अनुसार राज्य की करीब 11 करोड़ की आबादी के मानक के अनुसार 65 हजार 437 डॉक्टरों की आवश्यकता है. इस संख्या के अनुपात में बिहार मेडिकल रजिस्ट्रेशन काउंसिल में निबंधित डॉक्टरों की संख्या 55 हजार के करीब है. बिहार मेडिकल रजिस्ट्रेशन काउंसिल में निबंधित चिकित्सकों की संख्या करीब 55 हजार के करीब हैं. इसमें वैसे चिकित्सकों का भी निबंधन है जिनकी मृत्यु हो चुकी है.
बिहार राज्य हेल्थ सर्विस एसोसिएशन के डॉ रंजीत कुमार ने कहा कि निबंधित चिकित्सकों में बहुत लोग दूसरे राज्य या विदेशों में चले गये हैं. इसमें से बहुत वैसे चिकित्सक हैं जिनकी मृत्यु हो गयी है. सैकड़ों की संख्या में डॉक्टर सक्रिय रूप से सेवा से अलग हो गये हैं. राज्य में स्वास्थ्य सेवा देने वाले चिकित्सकों की संख्या करीब 25-30 हजार है.
इधर, स्वास्थ्य विभाग द्वारा 20 जनवरी, 2017 को पटना हाइकोर्ट में दिये गये शपथ पत्र में सरकारी अस्पतालों और मेडिकल कॉलेज अस्पतालों में चिकित्सकों के स्वीकृत पदों और कार्यरत चिकित्सकों की सूचना दी है. स्वास्थ्य विभाग द्वारा कोर्ट को दी गयी जानकारी के अनुसार प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र से लेकर जिला अस्पतालों तक के सामान्य स्वास्थ्य सेवा संवर्ग के तहत जनरल मेडिकल ऑफिसरों के लिए कुल 5777 पद स्वीकृत हैं जिसमें 4053 डॉक्टर पदस्थापित हैं जबकि इसमें 1724 पद रिक्त हैं. राज्य में विशेषज्ञ डॉक्टरों के स्वीकृत पद 2775 है जिसमें 782 लोग पदस्थापित हैं जबकि 1993 पद रिक्त हैं.
इसी तरह से राज्य के आठ सरकारी मेडिकल अस्पतालों में कुल 1654 चिकित्सक शिक्षक कार्यरत हैं. इसमें 168 प्रोफेसर, 244 एसोसिएट प्रोफेसर, 615 असिस्टेंट प्रोफेसर, 217 ट्यूटर और 410 सीनियर रेजीडेंट कार्यरत हैं. राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन द्वारा तैयार किये गये इंडियन पब्लिक हेल्थ स्टैंडर्ड ने आबादी के अनुरूप अस्पतालों की स्थापना की अनुशंसा की है.
इसमें कहा गया है कि प्रति पांच हजार की आबादी पर एक स्वास्थ्य उप केंद्र की आवश्यकता है. राज्य में 9696 स्वास्थ्य उप केंद्र हैं. मानकों के अनुसार राज्य में 22 हजार स्वास्थ्य उप केंद्रों की आवश्यकता है. इसी तरह से 30 हजार की आबादी पर एक प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र की आवश्यकता है.
राज्य में 533 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र हैं. मानकों के अनुसार 3666 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों की आवश्यकता हैं. इसी तरह से प्रति 20 लाख की आबादी पर एक मेडिकल कॉलेज अस्पताल की आवश्यकता हैं. राज्य में वर्तमान में सरकारी क्षेत्र में नौ मेडिकल और निजी क्षेत्र में तीन मेडिकल कॉलेज अस्पताल हैं. राज्य में कुल 55 मेडिकल कॉलेज अस्पतालों की आवश्यकता है.
राज्य के स्वास्थ्य सेवा में चिकित्सकों की स्थिति
पद – स्वीकृत – कार्यरत- रिक्त
मेडिकल ऑफिसर- 5777- 4053- 1724
स्पेशयलिस्ट – 2775 – 782 – 1993
मेडिकल कॉलेज अस्पतालों में स्थिति
पद – कार्यरत
प्रोफेसर- 168
एसोसिएट प्रोफेसर- 244
असिस्टेंट प्रोफेसर – 615
ट्यूटर – 217
सीनियर रेसिडेंट – 410
राज्य में अस्पतालों की स्थिति
अस्पताल – वर्तमान – आवश्यकता
स्वास्थ्य उपकेंद्र- 9696- 22 हजार
प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र – 533 – 3666
मेडिकल कालेज अस्पताल- 12 – 55

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