पटना : प्रदेश में इन दिनों एलपीजी अभाव का संकट खड़ा हो गया है. प्रदेश का औसत बैकलॉग चार दिनों का हो गया है. सामान्य तौर पर बैक लाग एक दिन का होता है. संकट की मुख्य वजह पिछले साल की तुलना में इस अवधि तक 22 लाख उपभोक्ताओं का बढ़ना बतायी जा रही है. त्योहार की चलते एलपीजी संकट और गहरा गया है.
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दूसरे राज्यों से मंगाये जायेंगे एलपीजी सिलिंडर
पटना : प्रदेश में इन दिनों एलपीजी अभाव का संकट खड़ा हो गया है. प्रदेश का औसत बैकलॉग चार दिनों का हो गया है. सामान्य तौर पर बैक लाग एक दिन का होता है. संकट की मुख्य वजह पिछले साल की तुलना में इस अवधि तक 22 लाख उपभोक्ताओं का बढ़ना बतायी जा रही है. […]
ऐसे हालात में कई जिलों में बैकलॉग सात से आठ दिन तक पहुंच गया है. फिलहाल बुधवार को खाद्य विभाग के सचिव पंकज कुमार पाल ने विशेष बैठक बुलाकर सभी एलपीजी कंपनियों को निर्देशित किया है कि प्रदेश के बाहर के प्लांटों से भी एलपीजी उपलब्ध कराएं.
इस संबंध में उन्होंने बाहर के एलपीजी डिपो के वरिष्ठ अफसरों से बातचीत भी की है. पिछले साल सितंबर तक प्रदेश में 1.50 करोड़ एलपीजी उपभोक्ता थे. इस साल सितंबर तक उपभोक्ताओं की संख्या 1.72 करोड़ से अधिक पहुंच चुकी है. खाद्य विभाग के सचिव पंकज कुमार पाल ने बताया कि झारखंड और दूसरे राज्यों के प्लांटों से भी एलपीजी मंगायी जा रही है.
3- 4 दिन के भीतर मांग सामान्य कर दी जायेगी. उन्होंने बताया कि सबसे ज्यादा गैस की किल्लत उत्तरी बिहार के पांच -छह जिलों में हैं. जहां के नेशनल हाइवे खराब होने की वजह से गैस पहुंचाने में दिक्कत आ रही है. उन्होंने बताया कि आरा और छपरा के ब्रिज से जुड़े हाइवे बेहद जर्जर हैं. यहां जाम जबरदस्त है. इस वजह से गैस संकट बढ़ गया है. संबंधित जिलों के जिला अधिकारियों को भी उन्होंने जाम खुलवाने के लिए निर्देश दिये हैं.
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