34.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Trending Tags:

Advertisement

पटना : वोकेशनल कोर्स से नहीं कर सकेंगे शोध

वोकेशनल कोर्स से पीएचडी एंट्रेंस टेस्ट पर लगायी रोक शिक्षक न होने के कारण लगायी गयी रोक 28 सितंबर को होना है पीएचडी एंट्रेस टेस्ट पटना : वोकेशनल कोर्स से अगर आप पीजी कर रहे हैं और आगे शोध (पीएचडी) करने की आस रखे हैं तो भूल जाइये. पटना विश्वविद्यालय ने वोकेशनल कोर्स से पीएचडी […]

वोकेशनल कोर्स से पीएचडी एंट्रेंस टेस्ट पर लगायी रोक
शिक्षक न होने के कारण लगायी गयी रोक
28 सितंबर को होना है पीएचडी एंट्रेस टेस्ट
पटना : वोकेशनल कोर्स से अगर आप पीजी कर रहे हैं और आगे शोध (पीएचडी) करने की आस रखे हैं तो भूल जाइये. पटना विश्वविद्यालय ने वोकेशनल कोर्स से पीएचडी एंट्रेंस टेस्ट (पैट) पर रोक लगा दी है. इस बार 28 सितंबर को होने वाले टेस्ट में ऐसे छात्र भाग नहीं ले पायेंगे जो विवि से वोकेशनल कोर्स में पीजी कर रहे हैं.
न ही कोई बाहरी वोकेशनल कोर्स का छात्र ही टेस्ट में शामिल हो पायेगा. इसके पीछे का कारण वोकेशनल कोर्स में शिक्षक की बहाली नहीं होना बताया जा रहा है. पूर्व से वोकेशनल कोर्स के एलाइड विषयों के शिक्षक पीएचडी करते रहे हैं, लेकिन अब आगे से इस पर रोक लग गयी है.
वोकेशनल कोर्स में सीट तक स्वीकृत नहीं
पटना विश्वविद्यालय में बड़ी संख्या में वोकेशनल कोर्स चल रहे हैं. लेकिन, इनके अपने विभाग नहीं हैं. इस वजह से अब तक इनके सीट भी स्वीकृत नहीं हुए हैं. हालांकि करीब ग्यारह वोकेशनल कोर्स में फुल फ्लेज्ड विभाग बनाने को लेकर प्रस्ताव विवि के द्वारा राज्य सरकार को भेज चुका है, जिसको स्वीकृति नहीं मिल सकी है. जब तक विभाग नहीं बनेंगे तब तक सीट भी स्वीकृत नहीं हो सकते. एक विभाग में कम से कम आठ सीटें होती है, जिसमें चार असिस्टेंट प्रोफेसर के पद होते हैं.
इसके अतिरिक्त दो प्रोफेसर व दो एसोसिएट प्रोफेसर के पद स्वीकृत किये जाते हैं. लेकिन जब सीट ही नहीं हैं तो बहाली की बात भी सोचना मुश्किल है. यहां तो सीटें रहते हुए भी सामान्य विषयों में शिक्षकों की बहाली पिछले छह वर्षों से चल ही रही है. शिक्षक नहीं होने से पीएचडी के लिए गाइड उपलब्ध नहीं होते हैं और छात्र रिसर्च से वंचित रह जाते हैं.
पीजी विवि करा रहा, तो रिसर्च कौन करायेगा : यहां सवाल यह उठता है कि वोकेशनल कोर्स से पीजी विवि करा रहा है तो रिसर्च कौन करायेगा. पीएचडी डिग्री नहीं मिलेगी तो फिर यहां के छात्र शिक्षक बनेंगे कैसे. अगर ऐसा ही हाल रहा तो यहां कभी भी वोकेशनल कोर्स में रिसर्च नहीं शुरू हो पायेगा. यूजीसी का ही दूसरा गाइड लाइन यह भी है कि अगर कोई विवि पीजी कोर्स चला रहे हैं तो उन्हें उसमें रिसर्च भी कराना अनिवार्य है.
पिछले वर्ष तक एलाइड या इंटर डिसिप्लनरी विषयों से पीएचडी की व्यवस्था थी, लेकिन उन्हें भी संबंधित विषय से ही पीएचडी की डिग्री मिलेगी. जबकि उनका पीआरटी या पैट वोकेशनल कोर्स से है. रिसर्च स्कॉलरों ने बताया कि जिस विषय से उनका पैट या पीआरटी है, उसी से पीएचडी की डिग्री दी जानी चाहिए ताकि वे असिस्टेंट प्रोफेसर की बहाली में आवेदन कर पाएं.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें