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पटना : दो तिहाई कर्मियों को नहीं मिला जुलाई का वेतन

सीएफएमएस के ठीक से काम नहीं करने के कारण हुई यह समस्या पटना : वित्त विभाग द्वारा सीएफएमएस (कॉम्प्रेहेंसिव फाइनेंस मैनेजमेंट सिस्टम) व्यवस्था कारगर तरीके से लागू नहीं होने से करीब दो तिहाई सरकारी कर्मियों को जुलाई महीने का वेतन नहीं मिल पाया है. जुलाई में तीन फीसदी इंक्रीमेंट के साथ वेतन जारी होना था, […]

सीएफएमएस के ठीक से काम नहीं करने के कारण हुई यह समस्या
पटना : वित्त विभाग द्वारा सीएफएमएस (कॉम्प्रेहेंसिव फाइनेंस मैनेजमेंट सिस्टम) व्यवस्था कारगर तरीके से लागू नहीं होने से करीब दो तिहाई सरकारी कर्मियों को जुलाई महीने का वेतन नहीं मिल पाया है.
जुलाई में तीन फीसदी इंक्रीमेंट के साथ वेतन जारी होना था, लेकिन कुछ तकनीकी समस्याओं के कारण यह फिर से अटक गया. लिहाजा जुलाई महीने में अब तक महज एक-तिहाई नियमित सरकारी कर्मियों को ही वेतन मिल सका है. शेष कर्मियों को अब तक वेतन नहीं मिल सका है. इसमें बड़ी संख्या में नियोजित शिक्षक भी शामिल हैं. अब वित्त विभाग ने बकाये कर्मियों का वेतन भुगतान जल्द करने के लिए स्थानीय स्तर पर संबंधित डीडीओ को ही मैन्यूअल तरीके से वेतन में तीन प्रतिशत के इंक्रीमेंट को जोड़ते हुए इसे जारी करने का आदेश जारी किया है.
इनका वेतन सीएफएमएस प्रणाली से हटकर सीधे तौर पर वेतन जारी किया जायेगा. इससे यह संभावना व्यक्त की जा रही है कि बकाये कर्मियों में आधे से अधिक को वेतन इस महीने के अंत तक मिल जायेगा. प्राप्त सूचना के अनुसार जुलाई में इंक्रीमेंट का निर्धारण सिस्टम में समुचित तरीके से नहीं होने के कारण यह समस्या आयी है. अब अगस्त से इसके सुचारु ढंग से काम करने की संभावना है.
वेतन निकासी में गड़बड़ी के कुछ अन्य अहम कारणों में यह भी है कि कई कर्मियों ने अपनी इंक्रीमेंट तारीख ही गलत भर दी है. जबकि, कुछ ने अपना वेतन सातवां वेतनमान में निर्धारित पे-बैंड से अलग हटकर भर दिया है. इस वजह से सिस्टम इंक्रीमेंट होने के बाद बढ़ी हुई राशि को स्वीकार नहीं कर रहा है. सीएफएमएस में दर्ज पे-स्केल के हिसाब से बढ़ी हुई राशि मैच नहीं कर पा रही है.
शिक्षकों की एचआरए रेट में नहीं हो रहा बदलाव
पटना : सेंट्रलाइज फंड मैनेजमेंट सिस्टम (सीएफएमएस) के जरिये शिक्षकों को वेतन भुगतान मामले में लगातार दिक्कतें आ रही हैं. शिक्षा विभाग ने इन कठिनाइयों के समाधान के लिए वित्त विभाग के प्रधान सचिव को पत्र लिखा है. पत्र में कई तरह की कठिनाइयां गिनायी गयी हैं, जिनमें सबसे प्रमुख दिक्कत एचआरए (हाउस रेट अलाउंस ) रेट का बदलाव नहीं हो पाना है. दरअसल, इसकी वजह सैकड़ों शिक्षकों का डाटा का फ्रीज होना है.

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