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पटना : पेंशन योजना से बुजुर्गों को मिल रहा सम्मान

पटना : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि वृद्धावस्था पेंशन की राशि में वृद्धि नहीं होगी. बिहार पिछड़ा राज्य है. हरियाणा, तेलंगाना या अन्य राज्यों से तुलना कर बिहार में वृद्धावस्था पेंशन बढ़ाने की मांग का कोई अर्थ नहीं है. जो योजना चल रही है, उसमें सभी को चाहिए कि वे आवेदन करने के लिए […]

पटना : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि वृद्धावस्था पेंशन की राशि में वृद्धि नहीं होगी. बिहार पिछड़ा राज्य है. हरियाणा, तेलंगाना या अन्य राज्यों से तुलना कर बिहार में वृद्धावस्था पेंशन बढ़ाने की मांग का कोई अर्थ नहीं है.
जो योजना चल रही है, उसमें सभी को चाहिए कि वे आवेदन करने के लिए लोगों को प्रेरित करें. जो पेंशन लेने को इच्छुक होंगे, सरकार उन्हें ही पेंशन देगी. पेंशन राशि के रूप में हम वृद्धों को सम्मान दे रहे हैं. चार सौ रुपये महीने से किसी का जीवन नहीं चलता.
विधान परिषद में कांग्रेस के डॉ मदन मोहन झा और प्रेमचंद्र मिश्रा के ध्यानाकर्षण पर हो रहे जवाब के बीच हस्तक्षेप करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि बिना दिमाग लगाये ऐसे सवाल आ जाते हैं. डॉ झा और मिश्रा ने कहा था कि दूसरे राज्यों में वृद्धावस्था पेंशन की राशि अधिक है.
उन्होंने राज्य सरकार द्वारा दी जा रही वृद्धावस्था पेंशन राशि को बढ़ाये जाने की मांग की थी. इसके जवाब में समाज कल्याण मंत्री रामसेवक सिंह ने कहा कि किसी भी पेंशनधारियों की पेंशन आधार कार्ड नहीं रहने के कारण रोका नहीं गया है. मंत्री के जवाब पर प्रेमचंद्र मिश्रा ने टोका-टोकी की तो सदन में मौजूद मुख्यमंत्री ने कहा कि सवाल में जिन राज्यों की बात कही गयी है, वे सभी विकसित राज्य हैं.
अब भी हमारे राज्य की गिनती पिछड़े राज्यों में होती है. सीएम ने कहा कि इंदिरा गांधी वृद्धावस्था पेंशन में 400 रुपये में से 40% राज्य सरकार लगाती है. अन्य योजनाओं से भी वृद्धों को पेंशन दी जा रही. फिर भी 36 लाख वृद्धों को पेंशन नहीं मिल रही थी. इन 36 लाख लोगों को पेंशन देने पर 1800 करोड़ खर्च होंगे. अधिक पैसा दें तो 4300 करोड़ खर्च होंगे. इतने पैसे कहां से आयेंगे? इतनी राशि खर्च करने की हैसियत बिहार की नहीं है. इससे अधिक महत्वपूर्ण है कि पति-पत्नी को 800 रुपये मिलेंगे तो उनका सम्मान बढ़ जायेगा. वृद्धों को सम्मान देने के लिए यह योजना शुरू हुई है.
वृद्धजन पेंशन योजना में एपीएल-बीपीएल का चक्कर नहीं
मुख्यमंत्री ने कहा कि जिन राज्यों की बात कर रहे हैं, उनकी प्रति व्यक्ति आमदनी को भी देखना चाहिए. वहां के खर्च को भी देखना होगा. आज भी बिहार में कम पैसे में यहां गुंजाइश है, लेकिन दूसरे राज्यों में नहीं.
बिहार सरकार ने वृद्धजन पेंशन योजना के तहत सभी वर्ग के बुजुर्गों को 60 साल के बाद पेंशन देने की योजना बनायी है. इसमें एपीएल व बीएपीएल का भी चक्कर नहीं है. जिनको कहीं से कोई सरकारी पेंशन नहीं मिल रही है, उन सभी को वृद्धजन पेंशन का लाभ मिलेगा.
उन्होंने कहा कि पहले इस योजना को अगस्त से शुरू करना था, लेकिन इसे जुलाई से ही शुरू कर दिया गया. जो भी बचे बुजुर्ग हैं, उनको सलाह दें और इस योजना से जोड़ें. मुख्यमंत्री ने कहा िक बिहार की प्रति व्यक्ति आमदनी और सकल घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) की जानकारी है क्या? सबों को पता होना चाहिए को बिहार एक पिछड़ा राज्य है. हम धीरे-धीरे विकास कर रहे हैं. बिहार की प्रति व्यक्ति आमदनी 38 हजार 600 रुपये है.

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