29.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Trending Tags:

Advertisement

डॉक्टरों ने कहा, बीमारी को छिपाएं नहीं, इलाज कराएं

फुलवारीशरीफ : एम्स की चर्मरोग विभागाध्यक्ष डॉ स्वेतलिना प्रधान ने कहा कि सफेद दाग संक्रामक रोग नहीं है. समाज में लोगों की अज्ञानता और अशिक्षित रहने के कारण इसे संक्रामक मान लिया जाता है. कुछ लोग इसे कुष्ठ रोग भी समझ लेते हैं. बुधवार को एम्स में आयोजित विश्व सफेद दाग दिवस पर मुख्य वक्ता […]

फुलवारीशरीफ : एम्स की चर्मरोग विभागाध्यक्ष डॉ स्वेतलिना प्रधान ने कहा कि सफेद दाग संक्रामक रोग नहीं है. समाज में लोगों की अज्ञानता और अशिक्षित रहने के कारण इसे संक्रामक मान लिया जाता है. कुछ लोग इसे कुष्ठ रोग भी समझ लेते हैं. बुधवार को एम्स में आयोजित विश्व सफेद दाग दिवस पर मुख्य वक्ता के तौर पर वे बोल रही थीं.

डॉ प्रधान ने कहा कि जब इंसान के शरीर में रंग बनानेवाली कोशिकाएं विपरीत अवस्था में कार्य करने लगती हैं, तो त्वचा पर सफेद दाग दिखाई देने लगते हैं. वर्षों पहले इसे श्वेत कुष्ठ माना जाता था. लोग मरीज से दूरी बनाना शुरू कर देते थे, जबकि यह गलत धारणा है. अगर मरीज रोग की शुरुआत में डॉक्टर के पास पहुंचता है, तो उसका पूरी तरह उपचार हो सकता है.
भारत समेत विश्व के एक से दो प्रतिशत लोगों को सफेद दाग की बीमारी है. प्लास्टिक एंड बर्न विभाग की हेड डॉ वीणा सिंह ने कहा कि सफेद दाग को समान्य भाषा मे ल्यूकोडरमा भी कहते हैं. यह बीमारी 10 से 30 वर्ष तक लोगों में अधिक होती है. यह शरीर के किसी भी भाग में हो सकता है. इस रोग को छिपाएं नहीं, बल्कि जल्द-से-जल्द चिकित्सक को दिखाएं. दवाओं से इसे पूरी तरह ठीक किया जा सकता है.
जानिए सफेद दाग कैसे होता है. इस दौरान ओपीडी में आये सफेद दाग के मरीजों के बीच काउंसेलिंग की गयी और पर्चे भी बांटे गये. इस मौके पर उप निदेशक डॉ परिमल सिन्हा, रेडियोलॉजिस्ट विभाग की डॉ उपासना, डॉ नीरज कुमार, डॉ अमरजीत कुमार समेत अन्य डॉक्टर मौजूद थे.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें