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पटना : मेयरों के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव का दौर शुरू
मेयर के सीधे निर्वाचन को लेकर विभाग तैयार करा रहा है रिपोर्ट पटना : बिहार नगरपालिका आम चुनाव 2017 में संपन्न हुआ था. आम चुनाव के दो साल पूरा होने का बाद अब मुख्य पार्षदों (मेयर) व उपमुख्य पार्षद (डिप्टी मेयर) के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव का दौर शुरू हो गया है. मुजफ्फरपुर के महापौर की […]
मेयर के सीधे निर्वाचन को लेकर विभाग तैयार करा रहा है रिपोर्ट
पटना : बिहार नगरपालिका आम चुनाव 2017 में संपन्न हुआ था. आम चुनाव के दो साल पूरा होने का बाद अब मुख्य पार्षदों (मेयर) व उपमुख्य पार्षद (डिप्टी मेयर) के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव का दौर शुरू हो गया है.
मुजफ्फरपुर के महापौर की कुर्सी छिन जाने के बाद अब मंगलवार को पटना नगर निगम के डिप्टी मेयर विनय कुमार पप्पू के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया जायेगा. इसी तरह से कई नगरपालिकाओं में इस तरह की नोटिस दी गयी है. इधर, नगर विकास एवं आवास विभाग मेयर व डिप्टी मेयर के खिलाफ लाये जाने वाले अविश्वास प्रस्ताव की समस्या से निजात के लिए मेयर पद पर सीधे निर्वाचन को लेकर राज्य सरकार की विकास प्रबंधन संस्थान से रिपोर्ट तैयार करा रहा है.
अब तक यह रिपोर्ट विभाग को प्राप्त नहीं हुई है. रिपोर्ट आने के बाद सरकार सहमत होगी, तो महापौर के पद पर सीधे निर्वाचन का रास्ता साफ हो जायेगा.
नगरपालिका अधिनियम में संशोधन की होगी आवश्यकता
नगर विकास एवं आवास मंत्री सुरेश कुमार शर्मा ने बताया कि विभाग द्वारा मेयर पद पर सीधे निर्वाचन को लेकर रिपोर्ट तैयार कराने की पहल की गयी है.
इसके लिए नगरपालिका अधिनियम में संशोधन की आवश्यकता होगी. मेयर का निर्वाचन सीधे होने का लाभ मिलेगा कि बिना दबाव के उस व्यक्ति को निकाय के विकास का मौका मिलेगा. इस संबंध में उन्होंने इसकी समीक्षा भी की थी. अब तक रिपोर्ट विभाग को प्राप्त नहीं हुई है. रिपोर्ट आने के बाद इस दिशा में पहल की जायेगी.
चार मेयरों के खिलाफ नोटिस
जून 2017 में नगरपालिका आम निर्वाचन होने के दो साल पूरा होने पर मेयरों के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव आने का सिलसिला शुरू हो गया है. नगरपालिका अधिनियम में इस बात का प्रावधान है कि आम निर्वाचन के दो साल बाद संबंधित नगर निकाय के मेयर के खिलाफ अविश्वास का प्रस्ताव लाया जा सकता है. इसके लिए अधिनियम में इसकी प्रक्रिया निर्धारित की गयी है.
राज्य निर्वाचन आयोग कार्यालय के सूत्रों के अनुसार दो साल पूरा होने के बाद पटना के अलावा नगर निगम मुजफ्फरपुर, नगर पंचायत कोईलवर के मेयर के खिलाफ और समस्तीपुर में मेयर के खिलाफ नोटिस जारी की गयी है. अब यह सिलसिला अन्य नगरपालिकाओं में भी शुरू हो सकता है.
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