पटना : उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने कहा कि चुनाव आयोग सहित अन्य संवैधानिक संस्थाओं की गरिमा को गिराना और उसके कामकाज में हस्तक्षेप करना कांग्रेस की आदत रही है. शनिवार को अपने बयान में मोदी ने कहा कि 1989 में राष्ट्रपति चुनाव के दौरान मनमाफिक काम न करने पर तत्कालीन पीएम राजीव गांधी ने मुख्य चुनाव आयुक्त पेरी शास्त्री की ताकत को कम कर दिया था.
1993 में टीएन शेषन से मतभेद के बाद पीएम ने एक सदस्यीय चुनाव आयोग को तीन सदस्यीय बनाया था. चुनाव आयोग को त्रिसदस्यीय बनाने के निर्णय को वीपी सिंह की सरकार ने पलट कर फिर से एक सदस्यीय कर दिया था, मगर 1993 में तत्कालीन मुख्य चुनाव आयुक्त टीएन शेषन से विवाद के बाद कांग्रेस की नरसिम्हा राव की सरकार ने उसे फिर से तीन सदस्यों मेंं परिवर्तित कर दिया.
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि चुनाव आयोग में किसी मुद्दे पर एक राय नहीं होने की स्थिति में बहुमत के आधार पर निर्णय लेने की नियमावली कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में ही बनायी गयी थी. चुनाव आयोग में किसी मुद्दे पर सर्वसम्मति नहीं है तो यह आयोग का आंतरिक मामला है. इसमें वर्तमान केंद्र सरकार की कोई भूमिका व हस्तक्षेप नहीं है.