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एम्स पटना में गड़बड़ी करने वाली दुकान को किया बंद

पटना : अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) पटना में ब्रांडेड कंपनियों के रैपर लगाकर नकली व महंगी दवा बेचने वाली दुकान को सील कर दिया गया है. स्वास्थ्य विभाग व औषधि विभाग के आदेश पर बुधवार को दुकान बंद कर दी गयी है. फुलवारीशरीफ एरिया के ड्रग इंस्पेक्टर की मौजूदगी में दुकान को बंद कराया […]

पटना : अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) पटना में ब्रांडेड कंपनियों के रैपर लगाकर नकली व महंगी दवा बेचने वाली दुकान को सील कर दिया गया है.
स्वास्थ्य विभाग व औषधि विभाग के आदेश पर बुधवार को दुकान बंद कर दी गयी है. फुलवारीशरीफ एरिया के ड्रग इंस्पेक्टर की मौजूदगी में दुकान को बंद कराया गया है. दुकान का नाम श्री उमियां इंटरप्राइजेज है. यह दवा दुकान वर्तमान में ओपीडी स्थित ग्राउंड फ्लोर पर संचालित की जा रही थी, जबकि नियमानुसार दवा दुकान को सस्ते दामों पर दवाएं बेचनी हैं. इतना ही नहीं औषधि विभाग संबंधित दवा कंपनी पर भी कार्रवाई कर सकता है, जिससे दवा दुकानदार मिल कर नियम विरुद्ध दवाओं के खरीद-बिक्री करता था.
जब प्रधान सचिव ने पकड़ ली गलती : जानकारी के अनुसार एम्स पटना में संचालित हो रही श्री उमियां इंटरप्राइजेज की खामियों को औषधि विभाग ने 5 मई, 2016 को ही पकड़ लिया था. जांच के दौरान दुकानदार के पास न तो पक्का बिल था और न ही दवा बिक्री से संबंधित कागजात.
हालांकि बाद में यह मामला कोर्ट में चला गया. बड़ी बात तो यह है कि कोर्ट ने भी दवा दुकान को गलत ठहराया और बंद करने का आदेश जारी हुआ. लेकिन 2016 से आज तक दवा दुकान को एम्स प्रशासन की ओर से बंद नहीं किया गया. गलत तरीके से बेची जा रही दवाओं पर स्वास्थ्य विभाग की नजर पड़ी. स्वास्थ्य सचिव ने मामले की पड़ताल की और अंत में दवा दुकान बंद करने का आदेश जारी कर दिया गया.
मामला पाया गया सही
मरीजों को सस्ती दरों पर अच्छी स्वास्थ्य सुविधाएं मिलें, इस दिशा में स्वास्थ्य विभाग काम कर रहा है. वहीं एम्स में ब्रांडेड कंपनियों के रैपर लगा कर महंगी दवा बेचने के आरोप और सभी तरह के कागजात देखे गये, तो मामला सही पाया गया. इसको देखते हुए अगले आदेश तक दवा दुकान को बंद करने का निर्देश जारी किया गया है.
संजय कुमार, प्रधान सचिव स्वास्थ्य विभाग
बोले निदेशक
दवा दुकान का विवाद काफी पुराना है. लेकिन उसे बंद करने का आदेश एम्स प्रशासन के पास आ गया है, जिसे तत्काल प्रभाव से बंद करने को मैंने आदेश दे दिया. इतना ही नहीं अब एम्स प्रशासन खुद अपनी दवा दुकान खोलने जा रहा है, ताकि मरीजों को सस्ते दामों पर अच्छी गुणवत्ता वाली दवाएं मिल सकें.
डॉ पीके सिंह, निदेशक, एम्स, पटना

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