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Friday, March 29, 2024

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पटना : 31 तक जमा कराएं बैंक खातों की ऑडिट रिपोर्ट, वर्ना हर दिन 1000 जुर्माना

पटना : बिहार रियल इस्टेट रेगुलेटरी ऑथोरिटी (रेरा) ने बिल्डरों व रियल इस्टेट प्रमोटरों को 31 दिसंबर तक प्रोजेक्ट से जुड़े बैंक खातों की ऑडिट रिपोर्ट अनिवार्य रूप से जमा कराने का निर्देश दिया है. ऑथोरिटी ने कहा कि 31 तक 2017-18 की ऑडिट रिपोर्ट जमा नहीं कराने वाले बिल्डरों से प्रति प्रोजेक्ट प्रतिदिन 1000 […]

पटना : बिहार रियल इस्टेट रेगुलेटरी ऑथोरिटी (रेरा) ने बिल्डरों व रियल इस्टेट प्रमोटरों को 31 दिसंबर तक प्रोजेक्ट से जुड़े बैंक खातों की ऑडिट रिपोर्ट अनिवार्य रूप से जमा कराने का निर्देश दिया है. ऑथोरिटी ने कहा कि 31 तक 2017-18 की ऑडिट रिपोर्ट जमा नहीं कराने वाले बिल्डरों से प्रति प्रोजेक्ट प्रतिदिन 1000 की दर से जुर्माना वसूल की जायेगी. यह निर्देश रजिस्टर्ड प्रोजेक्ट के साथ ही रजिस्ट्रेशन के लिए आवेदन करनेवाले प्रोजेक्ट पर भी लागू होगा.
बिल्डरों को रेरा की चेतावनी : बैंक खाते का ऑडिट अनिवार्य
रेरा सदस्य आरबी सिन्हा ने बताया कि रेरा नियमों के मुताबिक रियल इस्टेट डेवलपरों को हर प्रोजेक्ट के लिए अलग बैंक खाता रखना अनिवार्य है. इसी खाते में प्रोजेक्ट के एवज में ग्राहकों से समय-समय पर ली गयी राशि का कम-से-कम 70 फीसदी हिस्सा रखा जाना है. प्रोजेक्ट की प्रगति के हिसाब से बिल्डर संबंधित इंजीनियर, आर्किटेक्ट व चार्टर्ड अकाउंटेंट की सहमति से खाते से राशि निकाल सकेंगे.
…प्रत्येक वित्तीय वर्ष की समाप्ति के छह महीने के अंदर इस बैंक
खाते की ऑडिट करा कर उसे रेरा में जमा कराना अनिवार्य है. लेकिन, अधिकांश बिल्डरों ने अब तक यह ऑडिट रिपोर्ट जमा नहीं करायी है.
राज्य के सभी बिल्डर, प्रमोटर व डेवलपर्स 31 दिसंबर तक अनिवार्य रूप से प्रोजेक्ट बैंक खातों की ऑडिट रिपोर्ट जमा करा दें. इसके बाद जमा कराने पर उनको प्रत्येक प्रोजेक्ट पर प्रति दिन एक हजार रुपये की दर से जुर्माना लगेगा.
-आरबी सिन्हा, सदस्य, रेरा, बिहार
पहले भी दो बार दिया गया नोटिस
बिल्डरों को प्रोजेक्ट के बैंक खाते की ऑडिट रिपोर्ट के साथ ही उनकी कंपनी के वार्षिक अकाउंट ऑडिट (बैलेंस शीट, कैश फ्लो, अकाउंट नोट आदि) जमा कराने को लेकर पहले भी दो बार चेतावनी दी जा चुकी है.
पिछली बार रेरा ने 25 सितंबर, 2018 को इससे संबंधित नोटिस जारी कर 15 अक्तूबर, 2018 तक ऑडिट रिपोर्ट जमा कराने का निर्देश दिया था. बिल्डरों की लापरवाही को देखते हुए अथॉरिटी को 31 दिसंबर के बाद प्रतिदिन 1000 रुपये आर्थिक दंड लगाने का निर्णय लेना पड़ा.
रेरा के इस कदम से ग्राहकों को फायदा
प्रोजेक्ट के डेडिकेटेड खाते में ही उससे संबंधित राशि रखे जाने से ग्राहकों को फायदा है. इसकी वजह से बिल्डर चाह कर भी इस राशि का दूसरे प्रोजेक्ट या वर्क में इस्तेमाल नहीं कर पायेंगे.
चार्टर्ड अकाउंटेंट, इंजीनियर व आर्किटेक्ट समय-समय पर प्रोजेक्ट की प्रगति को देख कर ही बिल्डर को राशि निकालने की अनुमति देंगे. प्रमाणित ऑडिट रिपोर्ट मिलने पर रेरा भी प्रोजेक्ट व उससे संबंधित राशि का मिलान कर बिल्डर पर निगरानी रख सकेगा. इससे प्रोजेक्ट को समय पर पूरा होने में मदद मिलेगी.
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