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पटना : अब सूबे की पंचायतें वसूलेंगी टैक्स, कानून तैयार, वित्त विभाग से अंतिम सहमति का इंतजार

पटना : राज्य में पंचायती राज संस्थानों को आर्थिक रूप से सशक्त करने और उन्हें सक्षम बनाने के लिए टैक्स वसूलने का अधिकार राज्य सरकार जल्द ही प्रदान करने जा रही है. इससे संबंधित कानून को अंतिम रूप दे दिया गया है. इस नये प्रावधान के लागू होने पर पंचायतों को अपने स्तर पर टैक्स […]

पटना : राज्य में पंचायती राज संस्थानों को आर्थिक रूप से सशक्त करने और उन्हें सक्षम बनाने के लिए टैक्स वसूलने का अधिकार राज्य सरकार जल्द ही प्रदान करने जा रही है. इससे संबंधित कानून को अंतिम रूप दे दिया गया है. इस नये प्रावधान के लागू होने पर पंचायतों को अपने स्तर पर टैक्स निर्धारित करने या लगाने के साथ ही इनकी वसूली का भी अधिकार मिल जायेगा.
वर्तमान में जिस तरह से नगर निगम समेत अन्य सभी नगर निकायों को टैक्स की वसूली करने का अधिकार मिला हुआ है, उसी तर्ज पर पंचायतों को भी यह अधिकार दिया जायेगा. पंचायती राज विभाग ने इससे संबंधित कानून तैयार कर लिया है. इसका ड्राफ्ट रूल तैयार होने के बाद इस पर अंतिम सहमति के लिए इसे वित्त विभाग को भेज दिया गया है. वित्त विभाग के स्तर पर जल्द ही इसकी सहमति प्राप्त होने के बाद राज्य सरकार के स्तर पर इस पर अंतिम मुहर लगेगी.
इसके बाद यह नियम एक समान रूप से लागू हो जायेगा. हाल में 15वीं वित्त आयोग की टीम ने बिहार भ्रमण के दौरान पंचायतों को आर्थिक रूप से सशक्त करने के लिए इस तरह की व्यवस्था लागू करने का भी सुझाव दिया था. आयोग का मानना था कि पंचायतों को सशक्त करके उन्हें आर्थिक रूप से मजबूत करना बेहद जरूरी है.
पंचायती राज विभाग के स्तर पर इससे संबंधित कानून कर लिया गया है तैयार
टैक्स संग्रह का मिलेगा अधिकार
मौजूदा प्रस्ताव के मुताबिक पंचायतों को अपने क्षेत्र में मौजूद संपत्तियों या घरों से होल्डिंग टैक्स वसूलने का अधिकार होगा. इसके अलावा पेयजल सुविधा मुहैया कराने के ऐवज में टैक्स, मेला या ऐसे अन्य आयोजनों के दौरान स्वच्छता व्यवस्था बहाल करने के बदले में भी पंचायतें एक निश्चित कर वसूल सकती हैं. इसे स्वच्छता प्रबंधन कर के रूप में वसूला जा सकता है. ग्रामीण इलाकों में लगने वाले मोबाइल टॉवरों के अलावा स्ट्रीट लाइट, व्यापार समेत ऐसे अन्य संसाधनों से टैक्स की वसूली की जायेगी.
किससे, कितना टैक्स लेना है, यह संबंधित पंचायत के स्तर पर ही तय किया जायेगा, लेकिन पंचायती राज विभाग की तरफ से टैक्स वसूलने से संबंधित तय नियम-कानून के आधार पर ही इसकी वसूली की जायेगी. इसके अलावा विभाग के स्तर पर टैक्स लगाने की अधिकतम सीमा भी निर्धारित कर दी गयी है. इससे ज्यादा कोई पंचायत टैक्स की वसूली नहीं कर सकती है. इस तरह से पंचायतों को तय नियम के अनुसार ही टैक्स संग्रह करना होगा.
गरीबों को नहीं देना होगा कोई टैक्स
इस नयी व्यवस्था में यह भी प्रावधान किया गया है कि गरीब या बीपीएल वर्ग के लोगों से किसी तरह का होल्डिंग समेत अन्य कोई टैक्स नहीं वसूला जायेगा. इन्हें टैक्स के दायरे से बाहर रखा गया है. पंचायतों को भी इस नियम का सख्ती से पालन करने के लिए कहा गया है. कोई पंचायत किसी गरीब या दलित टोलों से टैक्स की वसूली नहीं करेगी. इन नये कानून में इस बात का सख्ती से पालन करने के लिए कहा गया है कि टैक्स संग्रह की व्यवस्था में गरीबों को किसी तरह की परेशानी नहीं होनी चाहिए.
मसौदा विभागीय स्तर पर पूरी तरह से तैयार
पंचायतों को टैक्स वसूलने का अधिकार देने से संबंधित मसौदा विभागीय स्तर पर पूरी तरह से तैयार हो गया है. वित्त समेत अन्य स्तर पर अंतिम सहमति मिलने के बाद इसे राज्य में लागू कर दिया जायेगा. जल्द ही इसके लागू होने की संभावना है. नगर निकायों की तर्ज पर ही पंचायतों को भी आर्थिक रूप से सशक्त बनाने का अधिकार देने की यह तैयारी है.
—अमृत लाल मीणा, प्रधान सचिव, पंचायती राज विभाग

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